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पब्लिक सेक्टर की सभी चार बीमा कंपनियों (PSU) को पिछले पांच साल के दौरान हेल्थ इंश्योरेंस कारोबार में 26,364 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.
पब्लिक सेक्टर की सभी चार बीमा कंपनियों (PSU) को पिछले पांच साल के दौरान हेल्थ इंश्योरेंस कारोबार में 26,364 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. नियंत्रक एवं महालेखक परीक्षक (CAG) ने अपनी रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है. CAG की रिपोर्ट के मुताबिक बीमा कंपनियों को यह नुकसान ग्रुप पॉलिसी में ज्यादा क्लेम के चलते हुआ है. संसद में हाल में पेश कैग की रिपोर्ट के अनुसार, पब्लिक सेक्टर की बीमा कंपनियों के हेल्थ इंश्योरेंस बिजनेस में नुकसान ने अन्य क्षेत्रों के लाभ को घटा दिया है या कुल नुकसान को और बढ़ा दिया है.
बता दें कि चार बीमा कंपनियों में न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी लिमिटेड (एनआईएसीएल), यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड (यूआईआईसीएल), ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड (ओआईसीएल) और नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड (एनआईसीएल) शामिल हैं.
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क्या है इस रिपोर्ट में
रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2016-17 से 2020-21 के दौरान इन चार बीमा कंपनियों का कुल नुकसान 26,364 करोड़ रुपये रहा. सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनियों के लिए स्वास्थ्य बीमा दूसरा सबसे बड़ा कारोबार क्षेत्र है. पहले स्थान पर वाहन बीमा क्षेत्र है. इस क्षेत्र का पिछले पांच साल का सकल प्रत्यक्ष प्रीमियम 1,16,551 करोड़ रुपये रहा है. रिपोर्ट के अनुसार, स्वास्थ्य बीमा कारोबार में सरकारी बीमा कंपनियों की बाजार हिस्सेदारी निजी कंपनियों की तुलना में लगातार घट रही है.
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कैग ने कहा कि ऑडिट में यह भी पाया गया कि सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनियों द्वारा मंत्रालय के दिशानिर्देशों का अनुपालन नहीं किया गया और इन कंपनियों का समूह स्वास्थ्य बीमा खंड में संयुक्त अनुपात 125 से 165 प्रतिशत था. क्लेम के निपटान के बारे में रिपोर्ट में कहा गया है कि सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनियों की आईटी प्रणाली में सत्यापन जांच और नियंत्रण का अभाव है. इससे कामकाज के अलावा रिपोर्ट करने की प्रणाली भी प्रभावित होती हे.