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PPF vs Equity:किसी भी बैंक या पोस्ट ऑफिस में PPF एकाउंट ओपन करा सकते हैं. (एक्सप्रेस फोटो)
Public Provident Fund vs Equity; How to invest for better long-term returns? ज्यादातर निवेशक के मन में होता है कि पब्लिक प्रॉविडेंट फंड यानी पीपीएफ (PPF) में निवेश पर टैक्स-फ्री रिटर्न मिलेगा. शायद यहीं वजह है कि निवेशक अपनी सारी सेविंग पीपीएफ एकाउंट में डालने का सोचते भी है. ऐसे निवेशकों में से कुछ लोगों को लॉन्ग टर्म वाले इक्विटी निवेश विकल्प के बारे में भी जानते समझते हैं. बावजूद इसके उनकी नजर केवल पीपीएफ पर होती है. हालांकि यहां दोनों निवेश विकल्प की आपस में तुलना करना ठीक नहीं है क्योंकि ये पोर्टफोलियो में विभिन्न भूमिकाओं के साथ अलग-अलग एसेट्स क्लास हैं. इनमें एकमात्र समानता यह है कि दोनों लॉन्ग टर्म निवेश विकल्प हैं. आइए इन पर मिलने वाले रिटर्न के बारे में जानते हैं.
PPF एकाउंट किसी भी बैंक या पोस्ट ऑफिस में ओपन करा सकते हैं.
पीपीएफ एकाउंंट किसी भी पोस्ट ऑफिस या बैंक में खोला जा सकता है. निवेशक इस एकाउंट में महज 100 रुपये में ओपन करवा सकते हैं. इसमें सालाना न्यूनतम 500 रुपये तक जमा करना जरूरी है. सबसे अहम बात ये कि PPF को E-E-E कैटेगरी में रखा गया है. मतलब निवेशक के लिए निवेश, ब्याज और मैच्योरिटी अमाउंट तीनों बिल्कुल टैक्स फ्री है. अगर आप सालाना 1.5 लाख रुपये पीएफ अकाउंट में 15 साल तक निवेश करते हैं तो लगभग 44 लाख रुपए का फंड बना सकते हैं. इस एकाउंट में निवेश किए गए राशि पर फिलहाल 7.1 फीसदी की दर से रिटर्न मिल रहा है. केंद्र सरकार हर तीन बाद इस तरह के निवेश विकल्प के ब्याज दर में बदलवा करती रहती है. वहीं इक्विटी एसेट क्लास में सामान्य तौर पर करीब 12 फीसदी रिटर्न मिल सकता है. हालांरि ऐसे में निवेशक के मन में कई सवाले उठते हैं.
- क्या इक्विटी में मिलने वाला अतिरिक्त 4% रिटर्न मार्केट के उतार-चढ़ाव की भरपाई करता है?
- क्या निवेशक सरकार समर्थित बांड की सुरक्षा छोड़ देते हैं?
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PPP के मुकाबले इक्विटी में मिल सकता है ज्यादा रिटर्न का लाभ
अनिश्चितता और रिस्क को देखते हुए नए निवेशकों 4% अधिक रिटर्न के साथ भी इक्विटी को पीपीएफ के एक बेहतर विकल्प के तौर पर नहीं आजमा सकते हैं. इक्विटी निवेश विकल्प एक निवेशक की नजर में कैसे बेहतर पर हो सकता है इस पर एक नजर डालते हैं. इस पर PPF की तुलना में लगभग 4% अतिरिक्त रिटर्न निवेशकों को बहुत अधिक नहीं लग सकता है, लेकिन जब वे इसे 10, 20, 30, 40 या 50 सालों में संयोजित करते हैं, तो इससे बहुत फर्क नजर आएगा. नीचे लिस्ट में देख सकते हैं.
साल | निवेश रकम (लाख) | PPF वैल्यू | इक्विटी वैल्यू | अंतर |
10 | 10 | 22 | 31 | 9 |
20 | 10 | 47 | 96 | 50 |
30 | 10 | 101 | 300 | 199 |
40 | 10 | 217 | 931 | 713 |
50 | 10 | 469 | 2890 | 2421 |
उपरोक्त चार्ट दर्शाता है कि जैसे-जैसे साल गुजरते हैं, PPF और इक्विटी वैल्यू का अंतर कैसे बढ़ता जाता है. 10 साल में यह अंतर सिर्फ 9 लाख रुपये है, लेकिन 50 साल में यह 24 करोड़ रुपये है. यह अंतर किसी की संपत्ति और लाइफस्टाइल को बना या बिगाड़ सकती है. यही कारण है कि समान आय वाले लोग बहुत अलग तरीके से जीवन जीते हैं.
पीपीएफ और इक्विटी किस विकल्प में आपको अपने पैसे निवेश करने से अधिक फायदा मिल सकता है इसके बारे आप ने यहां समझा. आपको सलाह दी जाती है कि अपनी सेविंग निवेश करने से पहले इस तरह के मामलों की जानकारी रखने वाले एक्सपर्ट से सलाह के बाद ही निवेश करने पर विचार करें.
(Article written by Akhil Bhardwaj, Partner Alpha Capital)
(Disclaimer: The views expressed in this article are that of the respective authors. The facts and opinions expressed here do not reflect the views of www.financialexpress.com. Please consult your financial advisor before investing in mutual funds.)