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15 साल की अवधि खत्म होने के बाद आप अपने डिपॉजिट को 5 साल के लिए बढ़ा सकते हैं.
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बहुत से लोग अपने भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ) में निवेश करते हैं. यह एक लॉन्ग टर्म बचत का प्लान है. इसमें मेच्योरिटी पीरियड 15 साल का है. लेकिन 15 साल बाद आप इससे और बेनेफिट ले सकते हैं. 15 साल की अवधि खत्म होने के बाद आप अपने डिपॉजिट को 5 साल के लिए बढ़ा सकते हैं और इसे आगे भी जारी रख सकते हैं. आपको एक नए पीपीएफ अकाउंट को शुरू करने और उसे 15 साल तक जारी रखने की जरूरत नहीं है.
आप अपने पुराने अकाउंट को 5 साल की अवधि के लिए बढ़ा सकते हैं. इसके 5 साल बाद दोबारा इसी तरह अकाउंट की अवधि को बढ़ाकर जारी रख सकते हैं. ऐसा करके आप अपने अकाउंट को कितनी भी समय अवधि तक जारी रख सकते हैं. अकाउंट की अवधि को बढ़ाने का विकल्प व्यक्ति को अकाउंट की मेच्योरिटी से एक साल खत्म होने से पहले करना होगा.
टैक्स बचत का फायदा
कुल मिलाकर, 15 साल की अवधि के बाद आप अपने पीपीएफ निवेश को 5 साल के डिपॉजिट में बदल सकते है, जो टैक्स फ्री ब्याज देगा. इसके साथ इनकम टैक्स एक्ट सेक्शन 80C के तहत टैक्स की बचत होगी और इससे लिक्विडिटी मिलेगी.
अकाउंट की अवधि को बढ़ाने के नियम
पीपीएफ अकाउंट को 15 साल की अवधि के बाद आगे सब्सक्रिप्शन के साथ और बिना इसके भी बढ़ाया जा सकता है. अकाउंट में योगदान के नियम 15 साल की अवधि के समान रहते हैं. एक बार 5 साल के लिए जब आप अपना विकल्प चुन लेते हैं, तो इसे बदला नहीं जा सकता है. निवेशकों को इस बाद का ध्यान रखना चाहिए कि एक बार अकाउंट को किसी साल के लिए योगदान के बिना जारी रखने पर सब्सक्राइबर इसे योगदान वाले विकल्प में नहीं बदल सकता.
पीपीएफ अकाउंट को सब्सक्रिप्शन के साथ जारी रखने का विकल्प व्यक्ति को मेच्योरिटी से एक साल के अंदर ही करना होगा. अगर ऐसा नहीं किया जाता, तो अकाउंट को 5 साल के लिए बिना किसी योगदान के जारी रखने का विकल्प समझा जाएगा.
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लिक्विडिटी के लिए क्या करें ?
लिक्विडिटी की बात करें तो, जो निवेशक अपने अकाउंट को दोबारा सब्सक्रिप्शन के साथ जारी रख रहे हैं, वे बैलेंस के 60 फीसदी तक की राशि को विद्ड्रॉ कर सकते हैं. यह राशि आप हर बढ़ी हुई अवधि की शुरुआत में एक या उससे ज्यादा किस्त में निकाल सकते हैं, लेकिन यह साल में केवल एक ही बार किया जा सकता है. उदाहरण के लिए मान लीजिए, आपके पीपीएफ अकाउंट की अवधि 31 मार्च 2014 को खत्म हो रही है. उस समय अकाउंट में बैलेंस 15 लाख रुपये है. अब आप अकाउंट को पांच साल के लिए और बढ़ाने का विकल्प चुन सकते हैं (31 मार्च 2019 तक) और नियमित तौर पर पहले की तरह निवेश जारी रख सकते हैं.
हालांकि, 5 साल की अवधि के दौरान मार्च 2019 तक आप केवल 9 लाख रुपये का विद्ड्रॉल कर सकते हैं जो आपके 31 मार्च 2014 के मुताबिक बैलेंस का 60 फीसदी है. लेकिन अगर आप आगे निवेश जारी नहीं रखना चाहते हैं यानी आप टैक्स फ्री ब्याज कमाना चाहते हैं लेकिन आगे और फंड नहीं देना चाहते, तो यह भी मुमकिन है.
अगर अकाउंट बिना किसी योगदान के बढ़ाया जाता है, तो राशि को बिना किसी पाबंदी के विद्ड्ऱॉ किया जा सकता है. हालांकि, हर साल एक ही विद्ड्रॉल की इजाजत है. बैलेंस पर ब्याज जारी रहेगी जब तक उसे पूरी तरह विद्ड्ऱॉ नहीं किया जाता है.
निवेशक को पोस्ट ऑफिस या बैंक, जहां भी अकाउंट है, वहां सब्सक्रिप्शन जारी रखने के लिए फॉर्म H जमा करना होगा.
By: Sandeep Kanoi
Source: Tax Guru