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Floating Rate Saving Bonds: NSC या FD में निवेश का है प्लान तो ध्यान दें, RBI की इस स्कीम में मिलेगा ज्यादा ब्याज

Tax Rules on RBI Bond: आरबीआई फ्लोटिंग रेट सेविंग्स बॉन्ड पर मिलने वाला ब्याज निवेशकों के लिए टैक्सेबल होता है. इसमें इनकम टैक्‍स एक्‍ट के सेक्‍शन 80सी के तहत टैक्‍स छूट का लाभ नहीं मिलता है.

Tax Rules on RBI Bond: आरबीआई फ्लोटिंग रेट सेविंग्स बॉन्ड पर मिलने वाला ब्याज निवेशकों के लिए टैक्सेबल होता है. इसमें इनकम टैक्‍स एक्‍ट के सेक्‍शन 80सी के तहत टैक्‍स छूट का लाभ नहीं मिलता है.

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Sushil Tripathi
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Bond Market

RBI फ्लोटिंग रेट सेविंग्स बॉन्ड्स में ब्याज दरें नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC) की ब्याज दर से लिंक होती है.

RBI Floating Rate Savings Bonds, 2020 -Taxable: अगर आप कंजर्वेटिव इन्‍वेस्‍टर हैं और अपने निवेश पर फिक्स्ड इनकम चाहते हैं तो बाजार में कई सुरक्षित विकल्‍प मौजूद हैं. इनमें फिक्‍स्‍ड डिपॉजिट यानी एफडी और नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट यानी एनएससी जैसे विकल्‍प बेहद पॉपुलर हैं. लेकिन आप अपने निवेश पर अगर एफडी और एनएससी से ज्‍यादा ब्‍याज चाहते हैं तो आरबीआई फ्लोटिंग रेट सेविंग्स बॉन्ड (RBI Floating Rate Savings Bonds, 2020 -Taxable) बेहतर विकल्‍प हो सकता है. 7 साल की मैच्‍योरिटी वाले इस बॉन्‍ड पर एफडी और एनएससी दोनों से ज्‍यादा ब्‍याज मिल रहा है. आरबीआई फ्लोटिंग रेट सेविंग्स बॉन्ड की ब्याज दर 8 फीसदी के पार पहुंचने वाली हैं. आरबीआई द्वारा जारी इन बॉन्‍ड पर ब्याज दरों की समीक्षा हर 6 महीने में की जाती है.

ब्‍याज दरें फिक्‍स नहीं

आरबीआई फ्लोटिंग रेट सेविंग्स बॉन्ड्स में ब्याज दरें नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC) की ब्याज दर से लिंक होती है. NSC पर मिलने वाले ब्‍याज की तुलना में इस फ्लोटिंग रेट सेविंग बॉन्ड में ब्‍याज दर 0.35 फीसदी अधिक होता है. इसका मतलब हुआ कि NSC पर ब्याज दरों में इजाफा होता है तो आरबीआई के इस बॉन्‍ड पर मिलने वाला ब्‍याज भी बढ़ जाता है.

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8 फीसदी को पार कर जाएगा ब्‍याज

अभी की बात करें तो 1 अप्रैल 2023 से केंद्र सरकार ने स्‍माल सेविंग्‍स स्‍कीम NSC की ब्याज दरों में इजाफा किया है और इसे 7 फीसदी से बढ़ाकर 7.7 फीसदी कर दिया है. जनवरी-मार्च 2023 तिमाही के दौरान यह 7 फीसदी पर थी. अगर NSC पर ब्‍याज दर यही बनी रहती है तो आरबीआई फ्लोटिंग रेट सेविंग्स बॉन्ड में 1 जुलाई से ब्‍याज दर 8.05 फीसदी हो जाएगा. वहीं एफडी की बात करें तो ज्‍यादा बैंक 5 साल की एफडी पर अभी 6.5 फीसदी से 7.5 फीसदी के बीच ब्‍याज दे रहे हैं.

टैक्स के क्‍या हैं नियम

आरबीआई फ्लोटिंग रेट सेविंग्स बॉन्ड, एनएससी और एफडी पर मिलने वाला ब्याज निवेशकों के लिए टैक्सेबल होता है. लेकिन आरबीआई फ्लोटिंग रेट सेविंग्स बॉन्ड्स में किए जाने वाले निवेश पर इनकम टैक्‍स एक्‍ट के सेक्‍शन 80सी के तहत टैक्‍स छूट का लाभ नहीं मिलता है. जबकि 5 साल की बैंक एफडी और एनएससी में 1.5 लाख रुपये तक के निवेश पर आपको 80सी के तहत टैक्‍स छूट का लाभ मिलता है.

इस बॉन्ड की क्या है खासियत

1) रेजिडेंट इनडिविजुअल और हिंदु अविभाजित परिवार (HUFs) इन बांडों में निवेश कर सकते हैं.
2) इस बॉन्ड में कम से कम 1000 रुपये से निवेश शुरू किया जा सकता है. वहीं अधिकतम निवेश की लिमिट नहीं है.
3) इसमें कम्युलेटिव बेसिस पर ब्याज नहीं मिलता है. इंटरेस्ट पेमेंट हर साल 1 जनवरी और 1 जुलाई को छमाही आधार पर दिया जाता है.
4) इन बॉन्ड पर मिलने वाले ब्याज की हर 6 महीने पर समीक्षा की जाती है.
5) इन बॉन्ड की मैच्योरिटी 7 साल की होती है. 60 साल या अधिक उम्र वालों के लिए प्रीमैच्योर विद्ड्राल की सुविधा है, लेकिन यह बॉन्ड होल्डर के आधार पर मिनिमम लॉक इन पीरियड के सब्जेक्ट के अधीन है.
6) यह बॉन्ड RBI द्वारा जारी किया जाता है. इसलिए, आरबीआई फ्लोटिंग रेट सेविंग बॉन्ड में आपका पैसा पूरी तरह सुरक्षित है.
7) आरबीआई फ्लोटिंग रेट सेविंग्स बॉन्ड्स के एवज में लोन नहीं ले सकते हैं.

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