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Gold Loan: RBI ने कुछ UCB में बुलेट रीपेमेंट योजना के तहत गोल्ड लोन की मौजूदा लिमिट बढ़ाकर 4 लाख रुपये कर दी है. (reuters)
Bullet Repayment Scheme: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने कुछ शहरी सहकारी बैंकों (UCB) में बुलेट रीपेमेंट योजना के तहत गोल्ड लोन की मौजूदा लिमिट 2 लाख रुपये से बढ़ाकर 4 लाख रुपये कर दी है. केंद्रीय बैंक ने कहा कि जिन शहरी सहकारी बैंकों ने 31 मार्च, 2023 तक प्रॉयरिटी सेक्टर लेंडिंग के तहत ओवरआल टारगेट और सब टारगेट को पूरा कर लिया है, उन्हें बुलेट रीपेमेंट के तहत गोल्ड लोन बॉरोअर्स को यह बढ़ी हुई लिमिट प्रदान करने की अनुमति दी जाएगी. बता दें कि आरबीआई ने शुक्रवार को लगातार चौथी बार नीतिगत दर रेपो को 6.5 फीसदी पर बरकरार रखा. इसका मतलब है कि होम लोन, ऑटो लोन समेत अलग अलग कर्ज पर मंथली ईएमआई में कोई बदलाव नहीं होगा.
क्या है बुलेट रीपेमेंट ऑप्शन
बुलेट रीपेमेंट ऑप्शन में लोनधारक को लोन अवधि के अंत में पूरा मूलधन और ब्याज राशि का भुगतान करना होगा. लोनधारकों को ईएमआई शिड्यूल का पालन करने या पूरे टेन्योर के दौरान पार्शियल पेमेंट करने के बारे में चिंता करने की जरूरत नहीं है. ध्यान रखें कि गोल्ड लोन की ब्याज दर कैलकुलेशन पूरे टेन्योर के हर महीने की जाएगी, लेकिन कुल मूलधन और ब्याज राशि एक ही भुगतान में टेन्योर के अंत में देय होगी. क्योंकि, लोन लेने वाले एक बार में लोन चुकाते हैं तो इस प्रकार के रीपेमेंट को बुलेट रीपेमेंट स्कीम के रूप में जाना जाता है. लोनधारकों को रेगुलर मंथली ईएमआई का भुगतान नहीं करना पड़ता है. इसलिए उन्हें लोन चुकाने के लिए अधिक समय और लचीलापन मिलता है.
क्या कहा आरबीआई गवर्नर ने
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा की घोषणा करते हुए कहा कि शहरी सहकारी बैंकों (यूसीबी) जिन्होंने 31 मार्च 2023 तक प्रॉयरिटी सेक्टर लेंडिंग (पीएसएल) के तहत ओवरआल टारगेटऔर सब-टारगेट पूरा कर लिया है, उनके लिए बुलेट रीपेमेंट योजना के तहत गोल्ड लोन की मौजूदा सीमा को 2 लाख रुपये से बढ़ाकर 4 लाख रुपये करने का निर्णय किया गया है. दास ने कहा कि यह उपाय हमारी उस पिछली घोषणा के तहत है, जिसमें कहा गया था कि 31 मार्च 2023 तक निर्धारित प्राथमिक क्षेत्र कर्ज के लक्ष्यों को पूरा करने वाले यूसीबी को उपयुक्त प्रोत्साहन दिया जाएगा. आरबीआई ने इस साल जून में मौद्रिक नीति समीक्षा में कहा था कि प्रॉयरिटी सेक्टर को कर्ज के तहत तय टारगेट को मार्च 2023 तक पूरा करने वाले शहरी सहकारी बैंकों को उपयुक्त प्रोत्साहन दिया जाएगा.