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केंद्रीय बैंक ने रिटेल लोन की EMI भरने पर भी 3 महीने का मोरेटोरियम लगा दिया है.कोरोना वायरस से अर्थव्यवस्था पर खतरे को देखते हुए रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को ब्याज दरों में ऐतिहासिक कटौती की है. वहीं, केंद्रीय बैंक ने रिटेल लोन की EMI भरने पर भी 3 महीने का मोरेटोरियम लगा दिया है. यह 1 मार्च 2020 और 31 मई के बीच आने वाली किस्तों पर लगाया गया है. जानकारों ने इसे नए कोरोना वायरस के संकट में लिया गया एक सकारात्मक कदम बताया है. कोरोना की वजह से देश में 21 दिन का लॉकडाउन लागू किया गया है और इससे अर्थव्यवस्था पर असर हुआ है. हालांकि, कर्जधारकों के दिमाग में इस तीन महीने के मोरेटोरियम प्लान और इसके नतीजे को लेकर कई सावल हैं. आइए इनमें से कुछ जरूरी सवालों के जवाब जानते हैं.
RBI ने किसकी मंजूरी दी है ?
केंद्रीय बैंक ने बैंकों को 1 मार्च और 31 मई के बीच बकाया टर्म लोन की किस्तों के भुगतान पर 3 महीने का मोरेटोरियम लगाने की इजाजत दे दी है. इससे उन कर्जधारकों को मदद मिलेगी जिन्हें कोरोना वायरस के संकट की वजह से अपने लोन की किस्तों का भुगतान करने में मुश्किल हो रही है.
क्या व्यक्ति को बकाया लोन पर तीन महीने की ब्याज का भुगतान करना होगा ?
हां, कुछ भी मुफ्त नहीं होता. मोरेटोरियम की वजह से बैंक छूटी हुई ईएमआई पर जुर्माना नहीं ले सकते, लेकिन वह बकाया लोन पर ब्याज जोड़ सकते हैं. आरबीआई ने बैंकों से साफ कहा है कि मोरेटोरियम की अवधि में टर्म लोन की बकाया राशि पर ब्याज बढ़ता रहेगा.
क्या बैंक ने ईएमआई के भुगतान का समय बदल दिया है ?
हां. आरबीआई ने कहा है कि ऐसे कर्ज के पुनर्भुगतान के समय को तीन महीने के बाद के लिए शिफ्ट किया जाएगा. यह मोरेटोरियम की अवधि के बाद के लिए शिफ्ट होगा.
कौन-सा बैंक या कर्जदाता तीन महीने का मोरेटोरियम को ऑफर करेगा ?
आरबीआई के मुताबिक तीन महीने का मोरेटोरियम सभी कमर्शियल बैंक ऑफर कर सकते हैं जिनमें क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, छोटे फाइनेंस बैंक और लोकल एरिया बैंक), को-ऑपरेटिव बैंक, ऑल इंडिया फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन और NBFCs (साथ में हाउसिंग फाइनेंस कंपनियां) हैं.
क्या लोन अग्रीमेंट की नियम और शर्तें बदल जाएंगी ?
नहीं. आरबीआई ने कहा कि कर्जधारकों को इसका फायदा केवल कोरोना की वजह से आर्थिक संकट को देखते हुए दिया गया है. इसलिए इससे लोन अग्रीमेंट के नियमों में बदलाव की तरह नहीं लिया जा सकता है.
अगर बैंक लोन के भुगतान पर तीन महीने का मोरेटोरियम लगा देता है, तो क्रेडिट स्कोर का क्या होगा ?
बैंक की ईएमआई पर छूट के लिए तीन महीने तक आपके क्रेडिट स्कोर पर कोई असर नहीं होगा. इसे डिफॉल्ट के तौर पर नहीं माना जाएगा. आरबीआई ने कहा है कि ब्याज के समय को दोबारा निर्धारित करने पर इसे डिफॉल्ट के तौर पर नहीं माना जाएगा और इसे इस तौर पर क्रेडिट इन्फॉरमेशन कंपनियों को कर्जदाता इस तरह रिपोर्ट नहीं करेंगे. CIC इस बात को सुनिश्चित करेंगे कि बैंकों के इन एलानों के मुताबिक कदमों से लाभार्थियों की क्रेडिट हिस्ट्री पर असर नहीं हो.
(स्टोरी: राजीव कुमार)
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