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Income Tax: सैलरी के एरियर ने बढ़ा दिया है टैक्स का बोझ? धारा 89 के तहत मिल सकती है राहत, समझें कैलकुलेशन

आप अतिरिक्त टैक्स से राहत के लिए इनकम टैक्स की धारा 89 की मदद ले सकते हैं. इससे आपको एरियर पर टैक्स बचाने में मदद मिलेगी.

आप अतिरिक्त टैक्स से राहत के लिए इनकम टैक्स की धारा 89 की मदद ले सकते हैं. इससे आपको एरियर पर टैक्स बचाने में मदद मिलेगी.

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Income Tax

धारा 89 के तहत आप टैक्स में बचत कर सकते हैं.

Income Tax: ज्यादातर कंपनियों में अप्रेजल का समय चल रहा है. कई बार कर्मचारियों को पिछले सालों में हासिल कुछ बेनिफिट्स के लिए एकमुश्त राशि मिलती है. उदाहरण के लिए सैलरी एरियर, ग्रेच्युटी, लीव इनकैशमेंट के रूप में आपको बड़ा अमाउंट मिल सकता है. ऐसे में हो सकता है कि इन पैसों पर टैक्स की देनदारी बने. ऐसी स्थिति में आप इनकम टैक्स की धारा 89 की मदद ले सकते हैं. इससे आपको एरियर पर टैक्स बचाने में मदद मिलेगी. एरियर का मतलब है कि पिछले महीने का बकाया पैसा आपको सैलरी में जुड़कर मिलेगा. वहीं, एक ही कंपनी में लंबे समय तक काम करने वाले कर्मचारियों को सैलरी, पेंशन और प्रोविडेंट फंड के अलावा ग्रेच्युटी दी जाती है. इसके साथ ही, कर्मचारियों को रिटायरमेंट के समय उसके लीव अकाउंट में बची छुट्टी के बदले राशि दी जाती है, जिसे लीव इनकैशमेंट कहते हैं.

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उदाहरण से समझें

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उदाहरण के लिए, मान लें कि अनुराधा कंपनी ABC के लिए काम करती है. उनका मासिक वेतन 90,000 रुपये है. कंपनी ABC उन्हें हर साल 35 दिन की छुट्टी देती है. मार्च 2022 में उन्होंने 50 छुट्टियां (वित्त वर्ष 2015-16 की 25 छुट्टी और 2016-17 की 25 छुट्टी) इनकैश किए और इससे उन्हें 1,50,000 रुपये मिले. सर्विस के दौरान इनकैश किया गया कोई भी अवकाश पूरी तरह से टैक्सेबल होता है और यह इनकम का हिस्सा है. इस लीव इनकैशमेंट के चलते उनपर टैक्स का बोझ बढ़ेगा. इस स्थिति में धारा 89 के तहत वह टैक्स में बचत कर सकती हैं. आयकर अधिकारियों के पास फॉर्म 10E दाखिल करके इस राहत का दावा किया जा सकता है.

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समझें पूरा कैलकुलेशन

स्टेप 1- लीव इनकैशमेंट के चलते अतिरिक्त टैक्स देनदारी का कैलकुलेशन

लीव इनकैशमेंट को छोड़कर सैलरी पर टैक्स (FY 2021-22) लीव इनकैशमेंट सहित सैलरी पर टैक्स
सैलरी10,80,00012,30,000
Std डिडक्शन
50,00050,000
10,30,00011,80,000
डिडक्शन u/s 80C1,50,0001,50,000
नेट टैक्सेबल सैलरी8,80,00010,30,000
टैक्स देनदारी92,040121,500
लीव इनकैशमेंट के चलते अतिरिक्त टैक्स देनदारी121,500

स्टेप 2

FY 2015-16FY 2016-17
लीव इनकैशमेंट को छोड़कर सैलरी पर टैक्स लीव इनकैशमेंट सहित सैलरी पर टैक्स लीव इनकैशमेंट को छोड़कर वेतन पर टैक्सलीव इनकैशमेंट सहित सैलरी पर टैक्स
सैलरी4,25,0004,25,0004,75,0004,75,000
लीव इनकैशमेंटNil75,000Nil 75,000
4,25,0005,00,0004,25,0005,50,000
डिडक्शन u/s 80CNilNil 1,50,0001,50,000
नेट टैक्सेबल सैलरी4,25,0005,00,0003,00,0004,00,000
टैक्स देनदारी15,96523,6902,57510,300
लीव इनकैशमेंट पर टैक्स देनदारी7,725
<23,690-15,965>
7,725 <10,300-2,575>

स्टेप 3: सेक्शन 89 के तहत इनकम टैक्स में राहत की गणना

वित्त वर्ष 2021-22 में लीव इनकैशमेंट के कारण अतिरिक्त टैक्स देनदारी29,460
लीव इनकैशमेंट पर संबंधित वर्षों में टैक्स देनदारी <वित्तीय वर्ष 2015-16 में 7,725 रु + वित्तीय वर्ष 2016-17 में 7,725 रु>(15,450)
सेक्शन 89 के तहत राहत
14,010

(लेखक Nitesh Buddhadev सीए हैं और निमित कंसल्टेंसी के फाउंडर हैं.)

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