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Investment Tips: निवेश करना ही जरूरी नहीं होता है. बल्कि अहम यह है कि निवेश कहां करना, कितना करना और कितने समय के लिए करना है. (File Image)
Financial Freedom/Republic Day 2024: आज देश भर में गणतंत्र दिवस धूमधाम से मनाया जा रहा है. यह भारत के पूर्ण रूप से आजादी का प्रतीक है. लेकिन क्या आजादी का मतलब सिर्फ बोलने, रहने या कहीं भी बस जाने या घूमने फिरने की आजादी से है. ऐसा नहीं है, आजादी आर्थिक रूप से भी होना चाहिए. आर्थिक आजादी का मतलब है कि आपको जिंदगी भर रुपये पैसे की टेंशन करने से मुक्ति मिल जाएगी. लेकिन इसके लिए आपको समय रहते कुछ छोटे छोटे कदम अभी से उठाने होंने. हमने यहां ऐसी कुछ जरूरी टिप्स बताई है, जिससे फाइनेंशियल फ्रीडम हासिल की जा सकती है.
फाइनेंशियल गोल तय करें
निवेश करना ही जरूरी नहीं होता है. बल्कि अहम यह है कि निवेश कहां करना, कितना करना और कितने समय के लिए करना है. इसका सीधा मतलब यह है कि प्रत्येक निवेशक को अपना वित्तीय लक्ष्य यानी फाइनेंशियल गोल जरूर निर्धारित करना चाहिए. यानी, वह मकान, कार, बच्चे की पढ़ाई, बच्चों की शादी आदि किन जरूरतों के लिए बचत और निवेश कर रहा है. जब आप वित्तीय लक्ष्य तय कर लेते हैं तो निवेश के बारे में फैसला करना आसान रहता है. मसलन, आपको निवेश का कौन-सा विकल्प चुनना है, निवेश की रकम कितनी रखनी है और उसे कितने समय तक के लिए करना है, यह फैसला आसानी से कर सकते हैं.
शुरू करें SIP
म्युचुअल फंड में निवेश के लिए सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) एक बेहतर विकल्प है, जिसके जरिए छोटे छोटे निवेश से आप एक बड़ा फंड तैयार कर सकते हैं. SIP के जरिए म्यूचुअल फंड योजनाओं में हर महीने एक तय रकम निवेश किया जाता है. आप जब तक चाहें तब तक SIP जारी रख सकते हैं. इसमें सुविधा है कि अब समय समय पर निवेश की रकम बढ़ा सकते हैं. अच्छी बात यह है कि कई स्कीम महज 500 रुपये से SIP शुरू करने की सुविधा देती हैं. 5 से 10 साल का रिटर्न देखें तो ऐसी कई स्कीम हैं, जिनमें 15 से 18 फीसदी सालाना की दर से रिटर्न मिल रहा है. लेकिन ध्यान रहे कि म्युचुअल फंड में निवेश से पहले इसके बारे में पूरी तरह जान लें. चाहें तो किसी फाइनेंशियल एडवायजर की सलाह ले सकते हैं.
पोस्ट ऑफिस की स्मॉल सेविंग्स स्कीम
सुरक्षित व अच्छे रिटर्न के लिए पोस्ट ऑफिस की बचत योजनाएं पॉपुलर विकल्प हैं. इसमें सरकार की सॉवरेन गारंटी होती है, यानी आपको तय ब्याज के हिसाब से गारंटेड रिटर्न मिलता है. पोस्ट ऑफिस की अलग अलग योजनाओं में टाइम डिपॉजिट, मंथली इनकम स्कीम, नेशन सेविंग्स स्कीम, किसान विकास पत्र, सुकन्या समृद्धि योजना, रिरिंग डिपॉजिट, सीनियर सिटीजंस सेविंग्स स्कीम और PPF शामिल हैं. इन पर 8.2 फीसदी तक सालाना ब्याज मिल रहा है.
बैंक की जमा योजनाएं
बैंकों की बचत योजनाओं में पैसा डालना पैसे जमा करने का सबसे सरल तरीका माना जाता है. हर बैंक में सेविंग्स अकाउंट, एफडी, आरडी, पीपीएफ जैसे बचत विकल्प मौजूद हैं. अगर आप महिला हैं तो कुछ बैंक महिलाओं के लिए कुछ अतिरिक्त सुविधाओं के साथ अलग सेविंग्स अकाउंट की पेशकश करते हैं.
मेडिकल और लाइफ इंश्योरेंस
मौजूदा दौर में हेल्थ इंश्योरेंस और लाइफ इंश्योरेंस एक अहम जरूरत बनकर उभर रहे हैं. हेल्थ इंश्योरेंस बीमारी में होने वाले मोटे खर्च को संभालकर आप पर आर्थिक बोझ पड़ने से बचाता है. इसकी मदद से बिना पैसे की चिंता करे अच्छा इलाज करा सकते हैं. कोरोना काल में तो इसकी अहमियत और बढ़ गई है. वहीं जीवन बीमा व्यक्ति के दुनिया से जाने के बाद उस पर निर्भर लोगों को कुछ हद तक वित्तीय तौर पर राहत देता है. कुछ लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी लाइफ कवर के साथ-साथ सेविंग्स व निवेश के जरिए रिटर्न पाने का भी विकल्प देती हैं. यानी यह बीमा कराने वाले के खुद के भी काम आता है. हालांकि ध्यान रहे कि वित्तीय हालत और जरूरत के हिसाब से सही लाइफ इंश्योरेंस और हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी का चुनाव किया जाना चाहिए, तभी यह फायदेमंद साबित होती है.