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Retirement Funds: रिटायरमेंट म्यूचुअल फंड ट्रेडिशन पेंशन योजनाओं की तुलना में अधिक फ्लेक्सिबल हो सकते हैं. (file image)
What is Retirement Mutual Funds: रिटायरमेंट के बाद न सिर्फ रेगुलर इनकम बल्कि एक बड़े फंड की भी जरूरत होती है, जिससे नॉन वर्किंग टाइम में भी आप फाइनेंशियल रूप से टेंशन फ्री रह सकें. वहीं अगर रिटायरमेंट के समय आपके पास बड़ा कॉर्पस है तो उसे सही जगही निवेश कर आप हर महीरने रेगुलर इनकम का भी इंतजाम कर सकते हैं, जिससे आपकी लाइफ स्टाइल रिटायरमेंट के बाद भी बेहतर बनी रहे. वैसे तो बाजार में कुछ पेंशन योजनाएं चल रही हैं, लेकिन इसके लिए आप म्यूचुअल फंड की ओर भी जा सकते हैं.
रिटायरमेंट के नाम पर म्यूचुअल फंड स्कीम
कुछ म्यूचुअल फंड रिटायरमेंट के नाम पर भी स्कीम चला रहे हैं, जिनका प्रदर्शन अच्छा रह है. रिटायरमेंट म्यूचुअल फंड के साथ जाने का फायदा यह है कि यहां बाजार का रिस्क कम हो जाता है. वहीं ट्रेडिशनल पेंशन योजनाओं की तुलना में रिटर्न ज्यादा हासिल होता है. म्यूचुअल फंड लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट को बढ़ावा देता है, जिससे आपको कंपाउंडिंग का फायदा भी मिलता है. वैसे यह जरूरी नहीं है कि जिन म्यूचुअल फंड में रिटायरमेंट जुड़ा हो, सिर्फ उसी में निवेश करना है. बल्कि आप किसी फाइनेंशियल एडवाइजर से सलाह लेकर किसी भी बेहतर म्यूचुअल फंड में लंबी अवधि के लिए पैसे लगा सकते हैं. हमने यहां कुछ बेहतर रिटायरमेंट म्यूचुअल फंड के बारे में जानकारी दी है.
क्या हैं इसके बेनेफिट
स्विच करने की फ्लेक्सिबिलिटी: रिटायरमेंट के लिए म्यूचुअल फंड ट्रेडिशन पेंशन योजनाओं की तुलना में अधिक फ्लेक्सिबल होते हैं. इनमें किसी भी समय आंशिक रूप से या पूरी तरह से विद्ड्रॉल करने की कोई लिमिट नहीं है. अगर आप चाहें तो आप किसी भी समय अपना निवेश वापस ले सकते हैं और दूसरे म्यूचुअल फंड में स्विच कर सकते हैं.
ट्रांसपैरेंट विकल्प: रिटायरमेंट म्युचुअल फंड अन्य पेंशन योजनाओं की तुलना में अधिक ट्रांसपैरेंट हैं क्योंकि आप म्युचुअल फंड के बारे में सभी जरूरी जानकारियां तुरंत हासिल कर सकते हैं. रिटायरमेंट के बाद भी आपकी लाइफस्टाइल पहले की तरह बेहतर बनी रहे, इसके लिए आपके पास इनकम का एक स्टेबल सोर्स होना चाहिए. रिटायरमेंट म्यूचुअल फंड इसके लिए बेहतर विकल्प है, जहां जोखिम भी कम होते हैं. वहीं इससे भविष्य भी वित्तीय रूप से सुरक्षित होता है.
टैक्स बेनेफिट: अन्य पेंशन योजनाओं की तुलना में, रिटायरमेंट म्यूचुअल फंड अधिक टैक्स-एफिशिएंट हैं. इस नियम में कोई छूट नहीं है कि पेंशन इनकम पर अदर इनकम की तरह ही टैक्स लगाया जाता है. इक्विटी म्यूचुअल फंड में 1 लाख रुपये तक का लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स-फ्री है, लेकिन डेट फंड में इसका पेमेंट इंडेक्सेशन के बाद किया जाता है, जिससे अधिकांश समय टैक्स निल यानी शून्य हो जाता है.
टॉप 5 रिटायरमेंट फंड
Tata रिटायरमेंट सेविंग्स फंड
1 साल का रिटर्न: 12.72 फीसदी
3 साल का रिटर्न: 16.79 फीसदी
5 साल का रिटर्न: 10.79 फीसदी
7 साल का रिटर्न: 12.73 फीसदी
10 साल का रिटर्न: 16.03 फीसदी
HDFC रिटायरमेंट सेविंग्स इक्विटी
1 साल का रिटर्न: 24.99 फीसदी
3 साल का रिटर्न: 32.35 फीसदी
5 साल का रिटर्न: 19.17 फीसदी
7 साल का रिटर्न: 18.18 फीसदी
HDFC रिटायरमेंट सेविंग्स फंड - हाइब्रिड इक्विटी
1 साल का रिटर्न: 19.94 फीसदी
3 साल का रिटर्न: 22.96 फीसदी
5 साल का रिटर्न: 14.94 फीसदी
7 साल का रिटर्न: 14.98 फीसदी
ICICI प्रू रिटायरमेंट फंड
1 साल का रिटर्न: 20.85 फीसदी
3 साल का रिटर्न: 32.44 फीसदी
ICICI प्रू रिटायरमेंट फंड- हाइब्रिड एग्रेसिव
1 साल का रिटर्न: 18.34 फीसदी
1 साल का रिटर्न: 22.74 फीसदी
(source: value research)