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Analysts expect that Reliance will continue the momentum from the previous quarter into the second quarter of the current fiscal.
देश के सबसे अमीर शख्स मुकेश अंबानी रिलायंस इडस्ट्रीज (आरआईएल) के शेयर भाव में लगातार गिरावट जारी है और पिछले सोमवार से इसके भाव 6 फीसदी से अधिक टूट चुके हैं. बाजार पूंजी के आधार पर देश की सबसे बड़ी निजी कंपनी रिलायंस ने कुछ दिनों पहले एजीएम मे नए एनर्जी बिजनस में 75 हजार करोड़ रुपये के कैपिटल एक्सपेंडिचर का एलान किया था लेकिन निवेशकों को यह आकर्षित करने में असफल रहा. शेयर बाजारों में गिरावट को लेकर वैश्विक ब्रोकरेज फर्म Macquarie Group ने इसे 'अंडरपरफॉर्म' की रेटिंग दी है और 12 महीने के लिए इसका टारगेट प्राइस 1350 रुपये प्रति शेयर रखा है. यह कंपनी के वर्तमान मार्केट प्राइस की तुलना में 35 फीसदी कम है. रिलायंस के शेयर इस साल अब तक 5.8 फीसदी बढ़े हैं जबकि निफ्टी50 में 13 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.
सालाना आम बैठक (एजीएम) से आकलन
जियो/डिजिटल सर्विसेज: मैकरी के एनालिस्ट्स के मुताबिक रिलायंस ने उम्मीद के मुताबिक ही जियोफोन नेक्स्ट के लांच का ऐलान किया था. एनालिस्ट्स का मानना है कि जियो एआरपीयू/कस्टमर क्वालिटी की बजाय सब्सक्राइबर्स की संख्या बढ़ाने पर जोर देगा और वित्त वर्ष 2023 तक इसके 50 करोड़ तक यूजर्स हो सकते हैंय ब्रोकरेज फर्म के अनुमान के मुताबिक जियोफोन नेक्स्ट सब्सक्राइबर्स जुड़ने पर कंपनी का एआरपीयू 83 रुपये प्रति महीना हो जाएगा जोकि वर्तमान में 138 रुपये प्रति महीना से 10 फीसदी कम है.
रिटेल: भारतीय रिटेल मार्केट तेजी से बढ़ रहा है. ऐसे में मैकरीन के एनालिस्ट्स का अनुमान है कि रिलायंस रिटेल का नेट रेवेन्यू 1100 करोड़ डॉलर से बढ़कर वित्त वर्ष 2023 तक 1800 करोड़ डॉलर, वित्त वर्ष 2025 तक 2500 करोडड डॉलर और वित्त वर्ष 2030 तक 5000 करोड़ डॉलर तक हो सकता है. इसके अलावा ईबीआईटीडीए भी अगले पांच साल में तीन गुना बढ़ जाएगा. मैकायर के मुताबिक फ्यूचर रिटेल डील पूरा होने पर रिटेल सेक्टर से कंपनीका रेवेन्यू 27 फीसदी तक बढ़ सकता है.
ऑयल टू केमिकल (O2C): मुकेश अंबानी के मुताबिक सऊदी अरामको के साथ एक सौदे की प्रक्रिया जारी है लेकिन मैकायर के मुताबिक जब मार्केट तेजी से बढ़ रहा था, तो उस समय स्टेक सेल का वै्लूएशन 7500 करोड़ डॉलर तय किया गया था लेकिन अब 2019 के बाद इसमें गिरावट आ सकती है.
कैश को लेकर जुड़ी चिंताएं: पिछले 15 वर्षों से रिलायंस इंडस्ट्रीज अपने फ्री कैश फ्लो जेनेरेशन को बनाए नहीं रख सकी है. ब्रोकरेज फर्म के अनुमान के मुताबिक आगे भी रिलायंस का फ्री कैश फ्लो निगेटव बना रह सकता है क्योंकि रिलायंस इंडस्ट्रीज 75 हजार करोड़ रुपये की भारी राशि कैपिटल एक्सपेंडिचर के तौर पर खर्च करने की योजना बना रहा है.
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आउटलुक- मई 2020 से ही 'अंडरपरफॉर्म' रेटिंग
रिलायंस इडस्ट्रीज के नियर टर्म आउटलुक की बात करें तो यह सकारात्मक है और इसे रिफाइनिंग व केमिकल सेक्टर मार्जिन में सुधार का सपोर्ट मिलेगा. हालांकि ब्रोकरेज फर्म ने रिलायंस के रिफाइनिंग व केमिकल मार्जिन्स में रिकवरी का अनुमान कम रखा है और यह आय के आकलन से 25 फीसदी कम हो सकता है. इसके अलावा फर्म ने एआरपीयू हाइक में धीमी बढ़ोतरी के अनुमान को लेकर भी चिंता जताई है. इस ब्रोकरेज फर्म ने पिछले साल मई 2020 से ही रिलायंस को अंडरपरफॉर्म की रेटिंग दी हुई है.
(Article: Kshitij Bhargava)
(स्टोरी में दिया गया स्टॉक रिकमेंडशंस संबंधित रिसर्च एनालिस्ट व ब्रोकरेज फर्म का है और इस निवेश सलाह को लेकर फाइनेंशियल एक्सप्रेस ऑनलाइन कोई जिम्मेदारी नहीं लेता है. पूंजी बाजार में निवेश जोखिमों के अधीन है और निवेश से पहले अपने सलाहकार से जरूर संपर्क कर लें.)