/financial-express-hindi/media/post_banners/csIHSx3VB2PRYEw3Tvu6.jpg)
भविष्य की प्लानिंग के लिए जल्द से जल्द निवेश शुरू करना बेहतर होता है.
अधिकतर माता-पिता बच्चों के जन्म के साथ ही उनकी शिक्षा के लिए सोचना शुरू कर देते हैं और अपने बच्चों के बड़े होने पर उन्हें एक प्रसिद्ध कॉलेज से शिक्षा दिलवाना चाहते हैं. हालांकि इसे लेकर माता-पिता के सामने वित्तीय समस्याएं भी सामने आती हैं. अपने बच्चों को बेहतर स्कूलिंग, जिंदगी में बेहतर अवसर उपलब्ध कराना हर माता-पिता की प्राकृतिक चाह होती है. अधिकतर लोगों का मानना है कि शिक्षा ही सब कुछ है और वे अपने बच्चों को चोटी के संस्थानों में पढ़ाई के लिए भेजना चाहते हैं. उनकी शिक्षा के लिए माता-पिता अपनी बचत का एक बड़ा हिस्सा खर्च करते हैं. बढ़ती महंगाई के दौर में बेहतर शिक्षा लगातार महंगी होती जा रही है और ऐसे में माता-पिता को जल्द से जल्द प्लानिंग करना चाहिए ताकि बच्चों के कॉलेज जाने तक एक बड़ी राशि का इंतजाम किया जा सके.
ITR Filing से चूके हैं तो अधिक दरों पर लगेगा TDS, पूरी कैलकुलेशन समझें यहां
बच्चों की शिक्षा के लिए इस तरह करें इंतजाम
- फाइनेंशियल प्लानिंग: बच्चों की शिक्षा के लिए फंड जुटाने का लक्ष्य वित्तीय योजना के जरिए हासिल किया जा सकता है. अगर आपके पास पहले से ही बच्चे हैं तो जल्द से जल्द योजना बना लें. जितनी जल्द वित्तीय योजना पर अमल करना शुरू कर देंगे, उतना ही बेहतर है क्योंकि शिक्षा लगातार महंगी होती जा रही है. 25-40 उम्र के लोग आमतौर पर सभी खर्चों के बाद अपनी आय का औसतन 11 फीसदी बचत करते हैं जो कि रिकमंडेड 30 फीसदी से बहुत कम है. 25-40 वर्ष की उम्र के लोगों के लिए अधिक बचत करना संभव नहीं है क्योंकि उनकी लाईफस्टाईल, यात्रा व अन्य पर खर्च अधिक है जिसके चलते वे अधिक बचत नहीं कर पाते हैं. ऐसे में वित्तीय योजना बहुत जरूरी है ताकि खर्चों पर नियंत्रण किया जा सके.
- जल्द से जल्द निवेश शुरू करें: भविष्य की प्लानिंग के लिए जल्द से जल्द निवेश शुरू करना बेहतर होता है लेकिन सिर्फ यही काफी नहीं है. जल्द से जल्द निवेश शुरू करने के अलावा माता-पिता को बेहतर रिटर्न पाने के लिए रणनीतिक तरीके से निवेश करना चाहिए. अगर आपके पास 15-18 वर्ष हैं यानी आपके बच्चे को कॉलेज जाने की उम्र तक पहुंचने में इतना समय लग सकता है तो इस लंबी अवधि के लिए रिटर्न वोलैटिलिटी को नगण्य किया जा सकता है. अगर आपमें रिस्क लेने की क्षमता है को निवेश का 75 फीसदी हिस्सा तक इक्विटी में निवेश करना चाहिए. इक्विटी में अधिक निवेश से महंगी होती शिक्षा को आप मात देने में अधिक सक्षम हो सकेंगे.
इसके अलावा छोटी से लेकर बड़ी राशि तक जो भी हो, एक एसआईपी भी जल्द से जल्द शुरू करना चाहिए. किसी गलत योजना में अपने पैसे रखने या बैंक में पैसे रखे से अपना लक्ष्य हासिल नहीं किया जा सकता है. ऐसे में माता-पिता को सिस्टमैटिक तरीके से म्यूचुअल फंड्स में निवेश को लेकर सोचना चाहिए.
- निकासी योजना: निवेश प्रक्रिया कभी भी स्थाई नहीं होती है. यह बात खासतौर पर तब अपनाया जाना चाहिए जब निवेश लंबे समय के लिए किया गया हो. अपने लक्ष्य अवधि तक पहुंचने के पांच साल पहले ही अपनी पूंजी को इक्विटी से निकाल कर डेट में निवेश करना चाहिए. इसके लिए सिस्टमैटिक तरीका अपनाया जा सकता है यानी कि एक साथ पूरी राशि शिफ्ट करने की बजाय थोड़ा-थोड़ा कर ऐसे डेट में निवेश करना चाहिए जिसकी मेच्योरिटी 1-3 साल की हो.
(Story: Arindam Sengupta, Co-Founder, EduFund)