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सैलरी ओवरड्राफ्ट अचानक पैसों की जरूरत पूरी कर सकता है लेकिन इसका इस्तेमाल सोच-समझ कर करना चाहिए.
अगर आपके सामने अचानक कोई खर्च आ जाए या फिर किसी दूसरी इमरजेंसी के लिए पैसों की जरूरत पड़ जाए तो क्या करेंगे? खास कर ऐसे वक्त में जब आप न तो एफडी तुड़वाना चाहते हैं न ही म्यूचुअल फंड्स के अपने यूनिट्स बेचना चाहते हैं. ऐसी स्थिति में काम आता है सैलरी ओवरड्राफ्ट. अगर आपको हर महीने सैलरी मिलती है और आप बैंक की शर्तों को पूरा करते हैं तो सैलरी ओवरड्राफ्ट का सहारा ले सकते हैं. सैलरी ओवरड्राफ्ट एक तरह का रिवॉल्विंग क्रेडिट होता है, जो आपको अपनी सैलरी अकाउंट पर मिलता है. जब भी आपको अतिरिक्त पैसों की जरूरत हो तो आप अपने सैलरी अकाउंट से कुछ ज्यादा रकम निकाल सकते हैं .
ग्राहकों और नियोक्ता की क्रेडिट प्रोफाइल के मुताबिक सैलरी ओवरड्राफ्ट की सुविधा
बैंक कुछ ग्राहकों और उनके नियोक्ता की क्रेडिट प्रोफाइल देख कर सैलरी ओवरड्राफ्ट की सुविधा देता है. बैंक एक पूर्व निर्धारित ओवरड्राफ्ट लिमिट देता है, जिससे फंड की कमी होने पर अकाउंट होल्डर पैसे निकाल सकता है. Paisabazaar.com के सीनियर डायरेक्टर साहिल अरोड़ा कहते हैं कि सैलरी ओवरड्राफ्ट की यह सुविधा तब काफी काम आती है जब अचानक कोई खर्च आ जाए . यह सुविधा आपको एसआईपी, ईएमआई या चेक बाउंस से भी बचाती है.
सैलरी ओवरड्राफ्ट की लिमिट क्या है?
BankBazaar.com के सीईओ आदिल शेट्टी के मुताबिक सैलरी ओवरड्राफ्ट के बारे में अलग-अलग बैंक के नियम और ब्याज दरें भी अलग हैं. लेकिन ज्यादातर बैंक सैलरी एक से तीन गुना तक ओवरड्राफ्ट सुविधा देते हैं. कुछ मामलों में ओवरड्राफ्ट सैलरी नेट सैलरी के 80 से 90 फीसदी तक सीमित कर दी जाती है. कुछ बैंक तीन से पांच लाख तक का कैप निर्धारित कर देते हैं. जबकि कुछ दूसरे बैंक एक से डेढ़ लाख तक की ओवरड्राफ्ट सुविधा देते हैं. कुछ बैंक तो सिर्फ 10 से 25 हजार रुपये तक की ओवरड्राफ्ट सुविधा ही देते हैं. मसलन एचडीएफसी और आईसीआईसीआई बैंक से आप अपनी सैलरी का तीन गुना तक ओवरड्राफ्ट सुविधा ले सकते हैं. वहीं सिटीबैंक सुविधा सैलरी अकाउंट नेट सैलरी का पांच गुना या पांच लाख रुपये तक यह सुविधा देता है. जब आप अपना ओवड्राफ्ट अकाउंट खुलवाते हैं तो प्रोसेसिंग फीस भी लगती है और आप क्रेडिट को एक साल से ज्यादा समय तक रिवॉल्व कराते हैं तो एनुअल रीन्युल फीस भी लगती है.
सैलरी ओवरड्राफ्ट- (सालाना ब्याज दर % में )
सिटी बैंक - 16-19
स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक- 15.50
आईडीबीआई बैंक - 11.05
आईसीआईसीआई बैंक -12-14
एचडीएफसी बैंक - 15-18
बैंक ऑफ महाराष्ट्रा- 10.05
क्रेडिट कार्ड की तरह होती हैं ऊंची ब्याज दरें
इंटरेस्ट के मामले में सैलरी ओवरड्राफ्ट क्रेडिट कार्ड जितना ही महंगा साबित होता है. सैलरी ओवरड्राफ्ट के मामले में हर महीने एक से तीन फीसदी का ब्याज लग सकता है. यानी सैलरी लिमिट से जितना पैसा आप निकालते हैं उस पर हर महीने एक से तीन यानी सालाना 12 से 30 फीसदी तक ब्याज लगता है. इसके अलावा आप समय पर ब्याज का भुगतान नहीं करते हैं पेनाल्टी भी लगती है. प्रोसेसिंग फीस की वजह से भी यह महंगा हो जाता है.
(आर्टिकल : संजीव सिन्हा)