/financial-express-hindi/media/post_banners/owgMmovZQw9WpIKQaZU7.jpg)
SBI, BOB and IOB increased MCLR: मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट्स (MCLR) आरबीआई द्वारा डेवलप्ड की गई एक पद्धति है जिसके आधार पर बैंक लोन के लिए ब्याज दर निर्धारित करते है.
SBI, BOB and IOB increased MCLR: भारतीय रिजर्व बैंक (Indian Reserve Bank) द्वारा रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट्स (bps) की बढ़ोतरी के बाद करोड़ो ग्राहक को जोर का झटका लगा है. आरबीआई द्वारा रेपो रेट (Repo Rate) बढ़ाए जाने के बाद एसबीआई और बैंक ऑफ बड़ौदा जैसे कई लेंडर्स ने फंड-बेस्ड रेट लेंडिंग (MCLR) की अपनी मार्जिनल कॉस्ट को 15 बेसिस प्वाइंट्स तक बढ़ा दिया है, जिससे होम लोन और ऑटो लोन समेत सभी तरह के लोन महंगे हो जाएंगे.
क्या है बढ़ोतरी की वजह?
पिछले हफ्ते आरबीआई (Reserve Bank of India) ने अपनी बेंचमार्क रेपो रेट को 25 बीपीएस बढ़ाकर 6.5 फीसदी कर दिया, जिससे मई 2022 से मार्जिनल कॉस्ट में 250 बीपीएस की बढ़ोतरी हो गई. बता दें कि रेपो रेट वह रेट है जिस पर आरबीआई बैंकों को उधार देता है.
देश का सबसे बड़ा लेंडर भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने आज यानी 15 फरवरी 2023 से सभी टेन्योर में अपने एमसीएलआर में 10 बीपीएस की वृद्धि की है. ओवरनाइट एमसीएलआर को 10 बीपीएस बढ़ाकर 7.95 पफीसदी कर दिया गया है. बैंक एक महीने और छह महीने की एमसीएलआर पर 8.1 फीसदी की दर से इंटरेस्ट दे रहा है, जबकि जबकि पहले यह 8 फीसदी था. एसबीआई ने एक साल के एमसीएलआर को 8.4 प्रतिशत से बढ़ाकर 8.5 प्रतिशत कर दिया है, जबकि दो साल और तीन साल के एमसीएलआर को 8.6 फीसदी और 8.7 फीसदी कर दिया गया है.
अन्य बैंकों का क्या है एक्शन?
पब्लिक लेंडर बैंक ऑफ बड़ौदा (बीओबी) ने 12 फरवरी से सभी अवधियों में अपने एमसीएलआर में 5 बीपीएस की वृद्धि की है. बैंक ने एक साल के एमसीएलआर को रिन्यू कर 8.5 प्रतिशत से 8.55 प्रतिशत कर दिया है. बैंक ऑफ बड़ौदा ने एक साल के एमसीएलआर को 7.9 फीसदी, जबकि दो साल और तीन साल के एमसीएलआर को 8.2 फीसदी और 8.3 फीसदी कर दिया गया है. वहीं, इंडियन ओवरसीज बैंक (IOB) ने अपने सभी कार्यकालों में एमसीएलआर को 15 बीपीएस तक बढ़ा दिया है. एक साल की एमसीएलआर को 8.30 फीसदी से बढ़ाकर 8.45 फीसदी कर दिया गया है.
पालतू कुत्ते को Elon Musk ने बनाया Twitter का नया सीईओ, सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है यह ट्वीट
एमसीएलआर क्या है?
मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट्स (MCLR) आरबीआई द्वारा डेवलप्ड की गई एक पद्धति है जिसके आधार पर बैंक लोन के लिए ब्याज दर निर्धारित करते है. एमसीएलआर वह न्यूनतम ब्याज दर है जिससे नीचे बैंक उधार नहीं दे सकते. मसीएलआर की कैलकुलेशन के लिए फंड की मार्जिनल कॉस्ट, ओपरेशनल कॉस्ट और प्रीमियम आदि को बनाए रखने की लागत के आधार पर की जाती है. रेपो रेट में कोई भी बदलाव लेंडर्स के लिए इंटरेस्ट रेट को प्रभावित करता है.
By: ENS Economic Bureau
/financial-express-hindi/media/agency_attachments/PJD59wtzyQ2B4fdzFqpn.png)
Follow Us