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SBI Chairman ने कहा है कि केंद्र सरकार को आगामी बजट में इंटरेस्ट इनकम पर इनकम टैक्स घटाने पर विचार करना चाहिए. (File Photo : Indian Express)
SBI Chairman demands tax relief on interest income in Budget 2024-24: स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के चेयरमैन दिनेश कुमार खारा ने कहा है कि केंद्र सरकार को आगामी बजट में इंटरेस्ट इनकम पर इनकम टैक्स (Income Tax) घटाने पर विचार करना चाहिए. उन्होंने कहा है कि अगर ब्याज से होने वाली आय (interest income) पर टैक्स घटेगा तो इससे लोग और बचत करने के लिए प्रेरित होंगे और बैंकों को ज्यादा डिपॉजिट जुटाने में मदद मिलेगी. खारा ने कहा है कि बैंकों के पास डिपॉजिट बढ़ने पर उनका इस्तेमाल लंबी अवधि के बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेट्स की फंडिंग करने के लिए किया जा सकेगा. ऐसी उम्मीद की जा रही है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण वित्त वर्ष 2024-25 के लिए फुल बजट (Budget 2024-25) अगले महीने संसद में पेश करेंगी.
देश के पूंजी निर्माण में काम आते हैं बैंक डिपॉजिट : खारा
एसबीआई (State Bank Of India) के चेयरमैन दिनेश कुमार खारा (Dinesh Kumar Khara) ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को दिए इंटरव्यू में कहा कि अगर सरकार ने आने वाले बजट में इंटरेस्ट से होने वाली आमदनी पर लागू मौजूदा टैक्स में थोड़ी भी राहत दे दी, तो उससे बैंकों में पैसे डिपॉजिट करने वालों को प्रोत्साहन मिलेगा. उन्होंने कहा कि ऐसा करना जरूरी है, क्योंकि बैंकिंग सेक्टर आखिरकार अपने सभी डिपॉजिट्स का इस्तेमाल देश में कैपिटल फॉर्मेशन यानी पूंजी निर्माण के लिए ही करता है. इनकम टैक्स के मौजूदा नियमों के तहत अगर किसी ग्राहक के सभी ब्रांचों में मौजूद खातों पर एक साल में मिलने वाला ब्याज 40 हजार रुपये से ज्यादा है, तो बैंकों को उस पर टैक्स (TDS) काटना होता है. सेविंग्स अकाउंट के मामले में तो सिर्फ 10 हजार रुपये तक की सालाना आमदनी ही टैक्स-फ्री है.
क्रेडिट ग्रोथ 14-15% रहने की उम्मीद : खारा
देश की मौजूदा आर्थिक विकास दर को ध्यान में रखते हुए SBI चेयरमैन ने 2024-25 के दौरान लोन ग्रोथ की दर (loan growth rate) 14 से 15 फीसदी के आसपास रहने की उम्मीद जाहिर की है. उन्होंने कहा कि आम तौर पर लोन या क्रेडिट ग्रोथ रेट का कैलकुलेशन करने के लिए हम जीडीपी (GDP) ग्रोथ रेट में पहले महंगाई दर (inflation) को जोड़ते हैं और फिर उसमें 2-3 फीसदी का और इजाफा करते हैं. 14-15 फीसदी के आसपास की ग्रोथ रेट का अनुमान इसी तरह के कैलकुलेशन पर आधारित है. उन्होंने कहा कि 14-15 फीसदी की यह क्रेडिट ग्रोथ लेंडिंग के पर्याप्त अवसर मिलने पर निर्भर है और यह हमारी रिस्क लेने की क्षमता के भी अनुरूप है. खारा ने कहा कि अगर ग्रोथ रेट इतनी बनी रहती है, तो यह हमारे लिए खुशी की बात होगी. उन्होंने बताया कि जहां तक डिपॉजिट की बात है, पिछले साल इसमें 11 फीसदी की ग्रोथ हुई थी.
SBI के पास 3.5-4 लाख करोड़ का अतिरिक्त SLR : खारा
एसबीआई प्रमुख ने कहा कि बैंक के पास अतिरिक्त SLR मौजूद है, जिसकी वजह से हमारे ऊपर अपने लोन-डिपॉजिट अनुपात (loan-to-deposit ratio) को बनाए रखने के लिए जमा ब्याज दरें (deposit rates) बढ़ाने का कोई दबाव नहीं है. उन्होंने बताया कि SBI के पास 3.5 लाख करोड़ से 4 लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्त SLR (Statutory Liquidity Ratio) उपलब्ध है. जबकि बैंक का लोन-डिपॉजिट अनुपात 68-69 के आसपास ही है.