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SBI का कर्ज हुआ सस्ता; उधारी दरों में कटौती, FY20 में MCLR लगातार 7वीं बार घटाया

SBI ने वित्त वर्ष 2019-20 में लगातार सातवीं बार MCLR घटाया है.

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Ashutosh Ojha
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स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ग्राहकों के लिए एक अच्छी खबर है. बैंक ने कर्ज की ब्याज दरों में कटौती की है. एसबीआई ने सभी अवधि के लिए MCLR में 5 आधार अंक यानी 0.05 फीसदी की कटौती की गई है. एसबीआई ने वित्त वर्ष 2019-20 में लगातार सातवीं बार एमसीएलआर घटाया है. संशोधित ब्याज दरें 10 नवंबर से प्रभावी हो जाएंंगी .

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एसबीआई की ओर से शुक्रवार को जारी बयान के अनुसार, इस कटौती के बाद 1 साल की अवधि के लिए बैंक का एमसीएलआर 8.05 फीसदी से घटकर 8.0 फीसदी रह गया है.

अप्रैल से अब तक 7 बार घटा MCLR

एसबीआई ने चालू वित्त वर्ष में सबसे पहले अप्रैल में ब्याज दर में 0.05 फीसदी की कटौती की. तब बैंक की एक साल की एमसीएलआर दर 8.55 फीसदी रही. मई और जुलाई में भी बैंक ने इतनी ही कटौती की जबकि अगस्त में बैंक ने 0.15 फीसदी की बड़ी कटौती की.

चार बार में कुल मिलाकर 0.30 फीसदी की कटौती के बाद बैंक की एमसीएलआर दर 8.25 फीसदी पर आ गई. पांचवी बार 0.10 फीसदी और सातवीं बार 0.05 फीसदी की कटौती गई. इस तरह, अब एक साल की अवधि के लिए एमसीएलआर घटकर 8.0 फीसदी रह गया है.

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SBI: Home Loan और Auto Loan की EMI घटेगी 

एसबीआई की तरफ से एमसीएलआर घटाने के बाद ग्राहकों के लिए होम लोन, ऑटो लोन और पर्सनल लोन समेेेत अन्‍य दूसरे लोन लेना सस्‍ता हो जाएगा. वहीं, ऐसे मौजूदा ग्राहकों के कर्ज की ईएमआई तुरंत कम हो जाएगी, जिनका रिसेट पीरियड 10 नंबवर है. वहीं, जिन ग्राहकों के लोन की यह अवधि आगे है, उन्हें इंतजार करना पड़ेगा.

बैंक के सभी अवधि के कर्ज की ब्याज दरें इसी आधार पर तय होती हैं. बता दें, एबसीआई ने अपने ज्यादातर कर्ज और जमा उत्पादों की ब्याज दर को रिजर्व बैंक की रेपो रेट से जोड़ दिया है. इसी के तहत बैंक ने रिटेल एफडी रेट में भी 0.15 फीसदी और बल्क डिपॉजिट की ब्याज दर में 0.75 फीसदी तक की कटौती की है.

क्या है MCLR?

बैंकों द्वारा MCLR बढ़ाए या घटाए जाने का असर नए लोन लेने वालों के अलावा उन ग्राहकों पर पड़ता है, जिन्होंने अप्रैल 2016 के बाद लोन लिया हो. दरअसल अप्रैल 2016 से पहले रिजर्व बैंक द्वारा लोन देने के लिए तय मिनिमम रेट बेस रेट कहलाती थी. यानी बैंक इससे कम दर पर कस्टमर्स को लोन नहीं दे सकते थे. 1 अप्रैल 2016 से बैंकिंग सिस्टम में MCLR लागू हो गया और यह लोन के लिए मिनिमम दर बन गई. यानी उसके बाद MCLR के आधार पर ही लोन दिया जाने लगा.

RBI: रेपो रेट 5.15% और रिवर्स रेपो रेट 4.90%

RBI ब्याज दरों में लगातार की गई कटौती के बाद रेपो रेट अब 5.15 फीसदी पर आ गया है. इसके साथ ही रिवर्स रेपो रेट घटकर 4.90 फीसदी हो गया. रिजर्व बैंक ने CRR 4 फीसदी और SLR 18.50 फीसदी पर है.