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एमसीएलआर (MCLR) के आधार पर ही होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन की ब्याज दरें तय होती हैं. (Image: FE)
SBI MCLR Hikes: स्टेट बैंक ऑफ इंडिया यानी एसबीआई का लोन आज महंगा हो गया है. बैंक ने लेंडिंग रेट (MCLR) में 10 बेसिस प्वाइंट्स यानी 0.1 फीसदी की बढ़ोतरी की है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया यानी आरबीआई द्वारा मॉनिटरी कमेटी की बैठक में ब्याज दर फैसलों को स्थिर रखने के कुछ दिनों बाद, एसबीआई ने लेंडिंग रेट्स में बदलाव किया है. एसबीआई के इस कदम से एमसीएलआर से जुड़े सभी तरह के लोन की ईएमआई बढ़ जाएगी. इसका मतलब है कि अब आपको हर महीने पहले से ज्यादा लोन पर ईएमआई चुकाना होगा. एसबीआई की नई ब्याज दरें 15 जून यानी आज से लागू हो गई हैं. बैंक ने सभी टेन्योर वाले लोन के लिए लेंडिंग रेट में 0.1 फीसदी की बढ़ोतरी की है. एमसीएलआर (MCLR) के आधार पर ही होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन की ब्याज दरें तय होती हैं.
बैंक ने सभी अवधि की MCLR में 0.1% की वृद्धि
एसबीआई की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक 2 साल टेन्योर वाले लोन के लिए लेंडिंग रेट 8.85 और और 3 साल टेन्योर वाले लोन के लिए लेंडिंग रेट 8.95 कर दिया गया है. इससे पहले दो साल के टेन्योर की एमसीएलआर 8.75 और तीन साल के टेन्योर की एमसीएलआर 8.85 पर थी.
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एसबीआई ने एक माह और तीन महीने की एमसीएलआर को भी 0.1 फीसदी बढ़ाया है. इस बढ़त से दोनों अवधि की एमसीएलआर 8.30 फीसदी हो गई है. इस पहले एक माह और तीन महीने की एमसीएलआर 8.20 पर थी. बैंक ने छह माह और एक साल की एमसीएलआर को 0.1 फीसदी बढ़ाया है. जिससे समान अवधि की एमसीएलआर क्रमशः 8.65 और 8.75 हो गई है. देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक ने ओवर नाइट यानी एक दिन की एमसीएलआर में भी समान दर से बदलाव किया है.
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ग्राहकों पर पड़ेगा असर
कोई भी बैंक जब अपने लेंडिंग रेट (MCLR) में बदलाव करता है तो उसका सीधा असर संबंधित बैंक के ग्राहकों पर पड़ता है. एमसीएलआर में वृद्धि किए जाने पर संबंधित बैंक का होम लोन, कार लोन, पर्सनल लोन महंगा हो जाता है. एसबीआई ने आज विभिन्न अवधि की एमसीएलआर में वृद्धि की है. जिससे बैंक के लोन महंगे हो गए हैं यानी अब एसबीआई से ग्राहकों को महंगे दर पर लोन मिलेगा. MCLR वह न्यूनतम ब्याज दर है जिसके नीचे बैंक लोन नहीं दे सकते हैं और यह बैंकों की उधार लेने की लागत के रूझान को दर्शाता है. इसे 2016 में पेश किया गया था.
लोन लेने वालों को हायर ब्याज दरों में किसी भी कमी के लिए लंबे समय तक इंतजार करना होगा क्योंकि आरबीआई ने हाल में मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की बैठक में रेपो रेट को 6.5 फीसदी पर स्थिर रखने का फैसला किया. यह लगातार आठवीं बैठक है जिसमें सेंट्रल बैंक ने मौजूदा दर को बनाए रखा है.
2019 में RBI ने मौद्रिक नीति संचरण की गति को और बढ़ाने के लिए एक्सटर्नल बेंचमार्क लिंक्ड रेट (EBLR) पेश किया. फिलहाल सभी रिटेल लोन ईबीएलआर से जुड़े हुए हैं. EBLR रेपो दर से जुड़ा हुआ है. रेपो दर में कोई भी बदलाव ईबीएलआर से जुड़े लोन में तुरंत परिलक्षित होती है, बैंक हर महीने पूर्व घोषित तिथि पर एमसीएलआर शासन के तहत ब्याज दरों की समीक्षा करते हैं.