scorecardresearch

SBI Hikes Term Deposit Rate: एसबीआई में टर्म डिपॉजिट्स पर अब मिलेगा अधिक ब्याज, इन निवेशकों को ही मिलेगा फायदा

SBI Hikes Term Deposit Rate: एसबीआई ने टर्म डिपॉजिट्स के ब्याज दरों में 50 बेसिस प्वाइंट्स (0.50 फीसदी) बढ़ोतरी का ऐलान किया है.

SBI Hikes Term Deposit Rate: एसबीआई ने टर्म डिपॉजिट्स के ब्याज दरों में 50 बेसिस प्वाइंट्स (0.50 फीसदी) बढ़ोतरी का ऐलान किया है.

author-image
FE Hindi Desk
New Update
SBI hikes rate on 1-2 years tenure deposit by 50 bps for these investors read here full details

एसबीआई के ऐलान के मुताबिक अब दो करोड़ रुपये या इससे अधिक के टर्म डिपॉजिट्स पर 5.25 फीसदी की दर से ब्याज मिलेगा.

SBI Hikes Rate: देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने शुक्रवार 16 जुलाई को टर्म डिपॉजिट्स के ब्याज दरों में 50 बेसिस प्वाइंट्स (0.50 फीसदी) बढ़ोतरी का ऐलान किया है. हालांकि यह बढ़ोतरी घरेलू बल्क टर्म डिपॉजिट्स के लिए है यानी कि 2 करोड़ रुपये या इससे अधिक की राशि का टर्म डिपॉजिट करने वाले ग्राहकों को बढ़ी हुई दरों का फायदा मिलेगा. एसबीआई के ऐलान के मुताबिक अब दो करोड़ रुपये या इससे अधिक के टर्म डिपॉजिट्स पर 5.25 फीसदी की दर से ब्याज मिलेगा. यह बढ़ोतरी एक से दो साल की अवधि के टर्म डिपॉजिट्स के लिए है.

अन्य टेन्योर के ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं

एसबीआई ने दो करोड़ रुपये या इससे अधिक की रकम के 1-2 साल की अवधि के टर्म डिपॉजिट्स के ब्याज दरों को बढ़ाया है. इसके अलावा जितने भी अवधि के टर्म डिपॉजिट्स हैं, उनकी ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं हुआ है. एक साल से कम अवधि के टर्म डिपॉजिट्स के लिए बैंक 3.50-4.50 फीसदी की दर से ब्याज ऑफर कर रहा है. वहीं दो से 10 साल की अवधि के टर्म डिपॉजिट्स के लिए ब्याज दरें 4.25 से 4.50 फीसदी हैं.

Advertisment

SBI hikes MCLR: एसबीआई ने फिर बढ़ाया एमसीएलआर, चेक करें कितना महंगा हुआ कर्ज लेना

दो दिन पहले एसबीआई से कर्ज लेना हुआ महंगा

एसबीआई ने दो दिन पहले एक बार फिर फंड की मार्जिनल कॉस्ट पर आधारित कर्ज की दरों (MCLR) को बढ़ाने का ऐलान किया था. एक महीने पहले यानी जून में भी बैंक ने इसे बढ़ाया था और अब 14 जुलाई को इसे फिर बढ़ाया गया. इसमें 10 बीपीएस (0.10 फीसदी) की बढ़ोतरी हुई और बढ़ी हुई दरें 15 जुलाई से प्रभावी हो गई हैं. एमसीएलआर के तहत बैंकों को हर महीने अलग-अलग अवधि के लिए ब्याज दरों का ऐलान करना होता है. इसमें बढ़ोतरी के बाद अब मौजूदा कर्जधारकों की ईएमआई बढ़ गई है और नए कर्जधारकों के लिए कर्ज लेना महंगा हो चुका है.

Sbi