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चालू वित्त वर्ष की जून तिमाही तक देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई का कुल होमलोन 6.52 लाख करोड़ का रहा. (Express File Photo)
SBI Home Loan under Green Funding for Residencial Projects: स्टेट बैंक ऑफ इंडिया होमलोन में अहम बदलाव करने की तैयारी कर रहा है. बैंक के नए प्लान से रेसिडेंशियल प्रोजेक्ट्स यानी हाउसिंग प्रोजेक्ट्स (residential projects) में घर के छत पर सोलर (rooftop solar) लगाना अनिवार्य हो जाएगा. मुबंई में आयोजित एक सम्मेलन में बैंक के सीनियर अधिकारी ने यह जानकारी दी है. बैंक के इस प्लान का मकसद ग्रीन फंड के तहत दिए जाने वाले होमलोन के दायरे में सोलर यूनिट को अनिवार्य रुप से शामिल करना है. मतलब ये है कि बिल्डर रेसिडेंशियल प्रोजेक्ट्स के तहत जो भी घर बनाएंगे. उसके छत पर सोलर यूनिट लगाना अनिवार्य हो जाएगा.
SBI पर वर्ल्ड बैंक, ADB जैसी संस्थाओं का कितना है बकाया
एसबीआई पर वर्ल्ड बैंक, एशियन डेवलेपमेंट बैंक और जर्मनी की केएफडब्ल्यू (KfW of Germany) जैसी मल्टीलेटेरल वित्तिय संस्थाओं का 2.3 बिलियन डॉलर यानी 230 करोड़ डॉलर विदेशी मुद्रा (फॉरेन एक्सचेंज) का लोन बकाया है. चालू वित्त वर्ष की जून तिमाही तक देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई का कुल होमलोन 6.52 लाख करोड़ का रहा.
ग्लोबल फाइनेंस फोरम में SBI के अधिकारी ने बताया प्लान
एसबीआई के मैनेजिंग डायरेक्टर अश्विनी कुमार तिवारी (रिस्क, कॉम्प्लिएंस एंड स्ट्रेस्ड एसेट्स) ने कहा, “अगर हाउसिंग प्रोजेक्ट्स हमारे ग्रीन फंड्स से वित्तपोषित यानी फंडेड है तो हम बिल्डरों के लिए घर के छत पर सोलर एनर्जी यूनिट लगाने को अनिवार्य बनाने की योजना बना रहे हैं.” स्मॉल इंडस्ट्रीज डेवलेपमेंट बैंक ऑफ इंडिया (SIDBI) द्वारा मुंबई में 12 से 14 सितंबर के बीच आयोजित ग्लोबल एसएमई सम्मेलन (Global SME Finance Forum-GSMEFF 2023) के अंतिम दिन मीडिया से एसबीआई के मैनेजिंग डायरेक्टर ने कहा कि वास्तव में हम आगे चलकर इसे होमलोन एप्लिकेंट के लिए एक इंटीग्रेटेड सौदा यानी बंडल डील (bundled deal) बनाने की योजना बना रहे हैं.” ये होम लोन 10-साल या 20-साल के टेन्योर के साथ आते हैं जिससे उधार लेने वाले बैंकों के लिए विदेशी मुद्रा जोखिम (फॉरेन एक्सचेंड रिस्क-forex risks) पैदा होता है.
लंबी अवधि के विदेशी मुद्रा लोन में शामिल रिस्क को देखते हुए एसबीआई के मैनेजिंग डायरेक्टर ने वर्ल्ड बैंक, एशियन डेवलेपमेंट बैंक जैसी मल्टीलेटेरल वित्तीय संस्थाओं से आग्रह किया कि वे उधार लेने वाले बैंकों को अपने एक्सपोजर को हेज करने की अनुमति दें ताकि ग्रीन फंडिंग और वित्तीय समावेशन फंडिंग (फाइनेंशियल इनक्लूजन फंडिंग- financial inclusion funding) अधिक टिकाऊ हो सके. इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि एसबीआई ग्रीन बिल्डिंग, बैटरी रीसाइक्लिंग, सोलर रुफटॉप जैसी ग्रीन प्रोजेक्ट्स के लिए फंड उपलब्ध करा रहा है.