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कोरोना: SBI ने खोली इमरजेंसी क्रेडिट लाइन, कोविड-19 से प्रभावित कारोबारों को मिलेगी मदद

कोविड 19 इमरजेंसी क्रेडिट लाइन (CECL) में 200 करोड़ तक के फंड दिए जाएंगे.

कोविड 19 इमरजेंसी क्रेडिट लाइन (CECL) में 200 करोड़ तक के फंड दिए जाएंगे.

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FE Online
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SBI opens emergency credit line for borrowers affected by coronavirus

कोविड 19 इमरजेंसी क्रेडिट लाइन (CECL) में 200 करोड़ तक के फंड दिए जाएंगे.

SBI opens emergency credit line for borrowers affected by coronavirus कोविड 19 इमरजेंसी क्रेडिट लाइन (CECL) में 200 करोड़ तक के फंड दिए जाएंगे.

कोरोना वायरस से कारोबारों पर हो रहे असर को देखते हुए देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने इन कर्जधारकों के लिए इमरजेंसी क्रेडिट लाइन को खोला है. इस अतिरिक्त लिक्विडिटी सुविधा कोविड 19 इमरजेंसी क्रेडिट लाइन (CECL) में 200 करोड़ तक के फंड दिए जाएंगे और 30 जून 2020 तक उपलब्ध रहेंगे. एसबीआई ने सर्रकुलर में यह जानकारी दी है. इसमें लोन को 7.25 फीसदी की ब्याज दर पर 12 महीने की अवधि के साथ दिया जाएगा.

कोरोना के संकट से उबरने में मिलेगी मदद

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बैंक ने अपनी सभी शाखाओं को भेजे एक सर्रकुलर में कहा कि यह कदम उन कर्जधारकों को राहत देने के लिए लिया गया है, जिनका कामकाज कोविड 19 की वजह से प्रभावित हुआ है. इसमें कहा गया है कि कर्जधारकों को अतिरिक्त लिक्विडिटी क्रेडिट सुविधाएं देने के लिए यह फैसला हुआ है. इसमें CECL के माध्यम से उन्हें वर्तमान संकट से उबरने में मदद मिलेगी.

बैंक ने कहा है कि यह क्रेडिट लाइन सभी स्टैंडर्ड अकाउंट्स के लिए खुली है, जिन्हें 16 मार्च 2020 की तारीख को SMA 1 या 2 के तौर पर वर्गीकृत नहीं किया गया है, वे सभी इस क्रेडिट लाइन का फायदा उठा सकते हैं.

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50 फीसदी से ज्यादा कंपनियों पर कोरोना का असर

स्पेशल मेंशन अकाउंट्स (SMA) को उन खातों की पहचान करने के लिए लाया गया था जिनमें एनपीए या स्ट्रेस्ड एसेट बनने की क्षमता है. SMA-1 अकाउंट वे खाते हैं जिनमें ओवरड्यू पीरियड 31 से 60 दिन है, जबकि SMA-1 अकाउंट्स में ओवरड्यू पीरियड 61 से 90 दिन के बीच का होता है. बैंक ने कहा कि कर्जधारक वर्तमान में मौजूद फंड बेस्ड वर्किंग कैपिटल लिमिट का अधिकतम 10 फीसदी का ले सकते हैं, जो 200 करोड़ तक हो सकता है.

इंडस्ट्री बॉडी फिक्की द्वारा हाल ही में किए गए एक सर्वे के मुताबिक देश में 50 फीसदी से ज्यादा कंपनियों के कामकाज पर कोरोना वायरस का असर हुआ है. इसमें कहा गया है कि लगभग 80 फीसदी बिजनेस ने इस वैश्विक महामारी की वजह से अपने कैश फ्लो में गिरावट देखी है.

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