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सीनियर सिटिजन जिनके पास खुद का घर है. वे चाहें तो अपने घर को एसबीआई के रिवर्स मॉर्गेज लोन फैसिलिटी के जरिए अतिरिक्त इनकम का जरिया बना सकते हैं.
SBI Reverse Mortgage Loan: सीनियर सिटिजन जिनके पास खुद का घर है. वे चाहें तो अपने घर को एसबीआई रिवर्स मॉर्गेज लोन (SBI Reverse Mortgage Loan) फैसिलिटी के तहत अतिरिक्त इनकम का जरिया बना सकते हैं. एसबीआई की वेबसाइट के मुताबिक बैंक की रिवर्स मॉर्गेज फैसिलिटी सीनियर सिटिजन के लिए काफी मददगार हो सकती है. खासकर उनके लिए जिनके पास गुजारा करने के लिए इनकम का कोई साधन उपलब्ध नहीं है.
एसबीआई रिवर्स मॉर्गेज लोन के तहत बैंक घर मकान जैसी प्रापर्टी के बदले कर्ज लेने वाले शख्स को फंड उपलब्ध कराती है. पति या पत्नी में से किसी जीवित होने पर प्रापर्टी पर लोन के रुप में इनकम जारी रहती है. हालांकि इस मामले में घर के मालिक को अपनी प्रीपर्टी बैंक के पास गिरवी रखनी पड़ती है. एसबीआई ने बताया कि कर्ज लेने वाला शख्स ये उम्मीद न करें कि उसे जीवनभर लोन की सेवा दी जाती है. एसबीआई रिवर्स मॉर्गेज लोन लेने वाले शख्स चाहे तो लोन चुका भी सकता है. क्योंकि इसमें बैंक की तरफ से ये विकल्प भी दिया जाता है.
एसबीआई रिवर्स मॉर्गेज लोन उन सीनियर सिटिजन के लिए कारगर साबित हो सकता है जिनके पास बचे जीवन का गुजर-बसर करने के लिए पर्याप्त इनकम नहीं है या फिर रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने के लिए फंड का कोई जरिया नहीं उपलब्ध है और न हीं वे लोन लौटा पाने में सक्षम हैं. रिवर्स मॉर्गेज लोन के लिए अप्लाई करने से पहले सीनियर सिटिजन को इन कुछ अहम बातों को जरूर ध्यान में रखना चाहिए.
- रिवर्स मॉर्गेज लोन की पेशकश करने वाला बैंक एक निश्चित समय अंतराल पर गिरवी रखे गए घर या प्रापर्टी का जायजा करता है. आमतौर पर हर 5 साल में प्रापर्टी के रिवर्स मॉर्गेज लोन जारी करने वाली बैंक ऐसा करता है.
- महंगाई में इजाफा होने पर रिवर्स मॉर्गेज लोन के तहत बैंक की ओर से उपलब्ध कराई जाने वाली मंथली तय अमाउंट में कोई बदलाव नहीं होता है.
- रिवर्स मॉर्गेज लोन के तहत फंड देने वाला बैंक आमतौर पर प्रापर्टी की कीमत से 15 से 20 फीसदी कम पैसेा देता है. मिसाल के तौर अगर प्रीपर्टी की कीमत 50 लाख रुपये है तो रिवर्स मॉर्गेज लोन जारी करने वाला बैंक प्रापर्टी के मालिक को सिर्फ 40 लाख रुपये जारी करता है.
- रिवर्स मॉर्गेज लोन पर भी बैंक ब्याज लेती है. मसलन प्रापर्टी पर बैंक की तरफ से लोन के रुप में फंड उपलब्ध कराई जाती है. उसमें से लोन स्लैब के हिसाब से ब्याज की कटौती भी की जाती है.
- प्रीपर्टी पर लोन लेने वाले शख्स की मृत्यु हो जाने के बाद बैंक गिरवी रखे घर को बेच देती है. अगर प्रापर्टी अधिक कीमत पर बेची जाती है तो कर्ज लेने वाले शख्स के उत्तराधिकारी कानूनन शेष राशि लौटा दी जाती है. उत्तराधिकारी चाहे तो लोन अमाउंट चुकता करके घर वापस भी ले सकता है.
योग्यता
कर्ज लेने वाला शख्स अगर सिंगल है और उसने 60 साल की उम्र पार कर ली है तो वह एसबीआई रिवर्स मॉर्गेज लोन के लिए अप्लाई कर सकता है. अकेले की बजाय कर्ज लेने वाला शख्स के साथ परिवार को कोई सदस्य हो तो इस मामले में जिसके नाम प्रापर्टी है उसकी उम्र 58 से अधिक होनी चाहिए. तभा वह इस लोन के लिए अप्लाई कर सकेगा.
लोन टेन्योर और अमाउंट
रिवर्स मॉर्गेज लोन के तहत न्यूनतम 3 लाख रुपये और अधिकतम 1 करोड़ रुपये उपलब्ध कराई जाती है. इस लोन की अवधि कर्ज लेने वाले शख्स के उम्र के आधार पर, 10 से 15 साल होती है.
ब्याज दर और लोन प्रोसेसिंग फीस
एसबीआई प्रोसेसिंग फीस के नाम पर रिवर्स मॉर्गेज लोन अमाउंट का 0.50% चार्ज करता है. एसबीआई द्वारा अमाउंट लोन पर लागू टैक्स के साथ न्यूनतम 2000 रुपये और अधिकतम 20,000 रुपये प्रोसेसिंग फीस के रुप में चार्ज किया जा सकता है. लोन जारी हो जाने के बाद कर्ज लेने वाले शख्स को लोन एग्रीमेंट के लिए स्टांप ड्यूटी और प्रापर्टी इंश्योरेंस प्रीमियम का पेमेंट करना होता है. मौजूदा समय में एसबीआई रिवर्स मॉर्गेज लोन का ब्याज दर 10.95% है.
प्रीपेमेंट
सीनियर सिटिजन चाहे तो अपने रिवर्स मॉर्गेज लोन के अमाउंट को बिना जुर्माना दिए समय से पहले चुका सकता है.
पीरियॉडिक पेआउट
बैंक द्वारा रिवर्स मॉर्गेज लोन के लिए जारी किए गए अमाउंट को सीनियर सिटिजन चाहे तो मंथली, तिमाही, छमाही, सालाना या फिर एक साथ लेने के लिए विकल्प चुन सकता है.