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कोविड19 (COVID-19) महामारी के कारण सरकार ने कुछ स्मॉल सेविंग्स स्कीम्स के खाताधारकों को एक बार फिर राहत दी है. इन स्कीम्स में पोस्ट ऑफिस की सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम (SCSS) भी शामिल है. लॉकडाउन के कारण SCSS अकाउंट को एक्सटेंड न करा सके लोगों के लिए सरकार ने प्रावधानों में ढील देते हुए अकाउंट को एक्सटेंड कराने के लिए 31 जुलाई 2020 तक का समय दे दिया है.
यानी जो लोग SCSS अकाउंट को एक्सटेंड कराना चाहते हैं लेकिन अकाउंट की मैच्योरिटी के बाद मिलने वाला एक साल का ग्रेस पीरियड लॉकडाउन में ही खत्म हो गया और वे एक्सटेंशन का फॉर्म जमा नहीं कर पाए हैं तो अब वे इस फॉर्म को 31 जुलाई 2020 तक जमा कर सकते हैं. पोस्ट ऑफिस को SCSS अकाउंट एक्सटेंड कराने के लिए रजिस्टर्ड ईमेल आईडी से, संबंधित फॉर्म की ड्यूली साइन्ड, स्कैन्ड कॉपी 31 जुलाई तक जमा की जा सकती है. फॉर्म की वास्तविक यानी हार्ड कॉपी लॉकडाउन पूरी तरह हटने के बाद जमा करनी होगी.
क्या है अकाउंट एक्सटेंशन का नियम
SCSS अकाउंट का मैच्योरिटी पीरियड 5 साल का है. इस अकाउंट को मैच्योरिटी पीरियड पूरा होने के बाद और तीन साल के लिए बढ़ाया जा सकता है. इसके लिए मैच्योरिटी वाली तारीख के एक साल के अंदर एप्लीकेशन देनी होगी. SCSS पर इस समय सालाना ब्याज 7.4 फीसदी है. इस अकाउंट में 1000 रुपये के मल्टीपल में डिपॉजिट किया जा सकता है. साथ ही इसमें 15 लाख रुपये से ज्यादा अमाउंट नहीं रह सकता है.
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अन्य फीचर्स
- SCSS के तहत 60 साल या उससे ज्यादा की उम्र का व्यक्ति अकाउंट खुलवा सकता है. अगर कोई 55 साल या उससे ज्यादा का है लेकिन 60 साल से कम का है और VRS ले चुका है तो वह भी SCSS में अकाउंट खोल सकता है. लेकिन शर्त यह है कि उसे रिटायरमेंट बेनिफिट्स मिलने के एक माह के अंदर यह अकाउंट खुलवाना होगा और इसमें डिपॉजिट किया जाने वाला अमाउंट रिटायरमेंट बेनिफिट्स के अमांउट से ज्यादा नहीं होना चाहिए.
- SCSS के तहत डिपॉजिटर इंडीविजुअली या अपनी पत्नी/पति के साथ ज्वॉइंट में एक से ज्यादा अकाउंट भी रख सकता है. लेकिन सभी को मिलाकर मैक्सिमम इन्वेस्टमेंट लिमिट 15 लाख से ज्यादा नहीं हो सकती.
- प्रीमैच्योर क्लोजर की अनुमति. लेकिन पोस्ट ऑफिस केवल अकाउंट ओपनिंग के 1 साल बंद अकाउंट क्लोज करने पर डिपॉजिट का 1.5 फीसदी काटेगा, वहीं 2 साल बाद बंद करने पर डिपॉजिट का 1 फीसदी काटा जाएगा.
- टैक्स की बात करें तो अगर SCSS के तहत आपकी ब्याज राशि 10,000 रुपये सालाना से ज्यादा हो जाती है तो आपका TDS कटने लगता है. हालांकि इस स्कीम में इन्वेस्टमेंट पर इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C के तहत छूट है.