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बॉम्बे डाइंग और उसके प्रमोटरों के खिलाफ सेबी की बड़ी कार्रवाई, नुस्ली वाडिया और उनके बेटों पर दो साल की पाबंदी

सेबी के मुताबिक इन प्रमोटर्स और कंपनियों ने 2,492.94 करोड़ की बिक्री से मिलने वाले 1,302.20 करोड़ रुपये के प्रॉफिट को गलत तरीके से पेश कर BDMCL के फाइनेंशियल डिटेल को प्रभावित करने का काम किया है.

सेबी के मुताबिक इन प्रमोटर्स और कंपनियों ने 2,492.94 करोड़ की बिक्री से मिलने वाले 1,302.20 करोड़ रुपये के प्रॉफिट को गलत तरीके से पेश कर BDMCL के फाइनेंशियल डिटेल को प्रभावित करने का काम किया है.

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FE Hindi Desk
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बॉम्बे डाइंग एंड मैन्युफैक्चरिंग लिमिटेड पर फाइनेंशियल डिटेल को गलत तरीके से पेश करने के आरोप हैं.

SEBI Ban: शेयर बाजार को रेग्युलेट करने वाली एजेंसी SEBI ने बॉम्बे डाइंग एंड मैन्युफैक्चरिंग कंपनी लिमिटेड के अलावा कंपनी के प्रमोटर्स और अरबपति वाडिया परिवार पर दो साल के लिए बैन लगा दिया है. सिक्योरिटीज मार्केट से बैन किये गए इनमें प्रमोटर्स में नुस्ली एन वाडिया, नेस वाडिया और जहांगीर वाडिया शामिल हैं. बैन के साथ ही सेबी ने इनपर 15.75 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है, जिसका भुगतान इन्हें 45 दिनों के अंदर करना होगा.

पूर्व निदेशकों पर भी कार्रवाई

सेबी ने वाडिया ग्रुप की स्केल सर्विसेज लिमिटेड कंपनी पर भी प्रतिबंध लगाये हैं. इसके साथ ही सेबी ने कंपनी के पूर्व निदेशक डी एस गगराट, एनएच दातानवाला, शैलेश कार्णिक, आर चंद्रशेखरन और दुर्गेश मेहता पर भी कार्रवाई की है.

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ये हैं आरोप 

बॉम्बे डाइंग एंड मैन्युफैक्चरिंग लिमिटेड कंपनी पर फाइनेंशियल डिटेल को गलत तरीके से पेश करने के आरोप हैं, जिसकी शिकायत मिलने के बाद सेबी ने फाइनेंशियल ईयर 2011-12 से 2018-19 के बीच बॉम्बे डाइंग एंड मैन्युफैक्चरिंग कंपनी लिमिटेड (बीडीएमसीएल) के मामलों की विस्तृत जांच की.

ये है पूरा मामला

सेबी की जांच में सामने आया कि बैन किये गए प्रमोटर और कंपनियों ने 2,492.94 करोड़ की बिक्री से मिलने वाले 1,302.20 करोड़ रुपये के प्रोफिट को गलत तरीके से पेश कर बीडीएमसीएल के फाइनेंशियल डिटेल को प्रभावित करने का काम किया है. इस पूरे मामले में वाडिया परिवार की भी अहम भूमिका रही है.

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इससे पहले सेबी ने ग्लोबल रिसर्च, पवन भिसे, विलाश भिसे और अंशुमान भिसे पर दो साल का बैन लगा दिया था. इनपर बिना रेगुलेटर ऑथराइजेशन के अनाधिकृत सलाह देने के आरोप हैं. सेबी के मुताबिक अप्रैल 2018 से मार्च 2019 तक इन सभी लोगों ने निवेश की सलाह देकर करीब 43 लाख रुपए कमाये थे. सेबी ने इन्हें क्लाइंट्स से कमाए गए पैसे को 3 महीनों के अंदर ही रिफंड करने का भी आदेश दिया था.

Sebi