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MF: म्यूचुअल फंड में निवेशकों का पैसा होगा ज्यादा सेफ! कार्वी घोटाले के बड़े बदलाव की तैयारी में सेबी

Mutual Funds: कार्वी स्टॉक ब्रोंकिंग घटनाक्रम के बाद सेबी ने निवेशकों के पैसे को सुरक्षित रखने के लिए बड़ा कदम उठाने जा रहा है.

Mutual Funds: कार्वी स्टॉक ब्रोंकिंग घटनाक्रम के बाद सेबी ने निवेशकों के पैसे को सुरक्षित रखने के लिए बड़ा कदम उठाने जा रहा है.

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FE Online
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SEBI proposes new safeguard for mutual fund investors after Karvy scam

Mutual Funds: कार्वी स्टॉक ब्रोंकिंग घटनाक्रम के बाद सेबी ने निवेशकों के पैसे को सुरक्षित रखने के लिए बड़ा कदम उठाने जा रहा है.

SEBI proposes new safeguard for mutual fund investors after Karvy scam Mutual Funds: कार्वी स्टॉक ब्रोंकिंग घटनाक्रम के बाद सेबी ने निवेशकों के पैसे को सुरक्षित रखने के लिए बड़ा कदम उठाने जा रहा है.

कैपिटल मार्केट रेग्युलेटर सेबी (SEBI) ने म्यूचुअल फंड निवेशकों के पैसे को सुरक्षित रखने के लिये एक और कदम उठाने की पहल की है. सेबी ने म्यूचुअल फंड यूनिट्स के लेनदेन में निवेशकों के रखे गए धन (पूल अकाउंट) का इस्तेमाल रोकने का प्रस्ताव किया है. कार्वी स्टॉक ब्रोंकिंग घटनाक्रम के बाद सेबी ने ब्रोकरों अथवा क्लियरिंग कारपोरेशन सदस्यों के पास रखे म्यूचुअल फंड कोषों के निवेश अथवा यूनिट्स के सीधे इस्तेमाल को रोकने का प्रस्ताव किया है.

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पीटीआई के अनुसार, भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने कहा है कि इस तरह के मामले सामने आए हैं जहां ट्रेडिंग और क्लियरिंग सदस्यों द्वारा उनके पास रखे गए निवेशकों और ग्राहकों के पैसे अथवा सिक्युरिटीज का इस्तेमाल खुद के अथवा किसी तीसरे पक्ष के मार्जिन दायित्वों अथवा सौदों के निपटान दायित्वों को पूरा करने में इस्तेमाल किया गया है. कई बार इन सिक्युरिटीज का इस्तेमाल शेयरों के एवज में कर्ज जुटाने के लिये भी किया गया.

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सेबी का कहना है कि इसी प्रकार जब स्टाक ब्रोकर, क्लियरिंग सदस्यों और म्यूचुअल फंड वितरकों और निवेश सलाहकारों द्वारा उपलब्ध कराए गए डिजिटल प्लेटफार्म के जरिये म्यूचुअल फंड सौदे किये जाते हैं तो ऐसे में उपलब्ध निवेश राशि के दुरुपयोग की गुंजाइश बनी रहती है. सेबी का कहना है कि ऐसे सौदों में म्यूचुअल फंड कोषों को पता नहीं चलता है कि पैसा कहां से आ रहा है क्योंकि उन्हें जो धन प्राप्त होता है वह निवेशकों के पूल खाते अथवा अलग से रखे गये एस्क्रो खाते से आता है.

निवेशकों की सुरक्षा पर सेबी सख्‍त

निवेशकों की सुरक्षा के लिहाज से इस तरह की चुनौतियों का समाधान निकालने के लिये सेबी ने प्रस्ताव किया है कि स्टॉक ब्रोकर, म्यूचुअल फंड वितरक, निवेश सलाहकार और दूसरे प्लेटफार्म, म्यूचुअल फंड लेनदेन के लिये अब कोष की पूलिंग अथवा म्यूचुअल फंड यूनिट नहीं रख सकेंगे.

कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग का मामला सामने आने के बाद सेबी ने इस प्रस्ताव की पहल की है. कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग मामले में ब्रोकिंग कंपनी ने उसके ग्राहकों की 2,000 करोड़ रुपये से अधिक राशि की सिक्युरिटीज का दुरुपयोग करने का आरोप है.

जारी किया था डिस्कसन पेपर

सेबी ने सोमवार को इस संबंध में जो डिस्कसन पेपर जारी किया है उसमें कहा गया है कि किसी एक्सचेंज के प्लेटफार्म पर शेयर ब्रोकर के जरिये होने वाले सौदे के मामले में शेयर बाजारों को बेहतर प्रणाली स्थापित करनी चाहिए. इसमें ऐसी व्यवस्था होनी चाहिये भुगतान सीधे निवेशक के बैंक खाते से मान्यता प्राप्त क्लियरिंग कारपोरेशन को प्राप्त हो और निवेशक को भुगतान करने के मामले में सीधे क्लियरिंग कारपोरेशन से निवेशक के बैंक खाते में किया जाना चाहिए.

इसी प्रकार से म्यूचुअल फंड यूनिट्स की प्राप्ति और उसकी बिक्री सीधे निवेशकों के खाते में अथवा खाते से जारी किया जाएगा. इसमें ब्रोकर अथवा म्यूचुअल फंड डिस्ट्रिब्यूटर्स, फाइनेंशियल एडवाइजर्स के पास किसी तरह का कोई भंडारण नहीं होगा जहां से वह नकदी अथवा यूनिटों का लेनदेन करते रहें.

Sebi Mutual Fund