scorecardresearch

म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री के लिए SEBI का बड़ा फैसला, प्राइवेट इक्विटी फर्म्स को मिली AMC चलाने की इजाजत

देश की 100 बड़ी कंपनियों के लिए बाजार की अफवाहों पर सफाई देना होगा जरूरी, 1 अक्टूबर 2023 से लागू होगा अहम फैसला.

देश की 100 बड़ी कंपनियों के लिए बाजार की अफवाहों पर सफाई देना होगा जरूरी, 1 अक्टूबर 2023 से लागू होगा अहम फैसला.

author-image
FE Hindi Desk
New Update
SEBI

SEBI Board Meeting: वर्तमान में भारत केवल फाइनेंशियल सर्विस फर्मों और कॉरपोरेट्स को AMC खोल सकते हैं या उन्हें बैक कर सकते हैं.

SEBI allows PE firms to own mutual fund companies: भारत के बाजार नियामक Security Exchange Board of India (SEBI) ने म्यूचुअल फंड से जुड़े अपने एक नियम को बदल दिया है. SEBI ने आज यानी बुधवार को अपने 39.46 ट्रिलियन रुपये (480.52 बिलियन डॉलर) के म्यूचुअल फंड उद्योग को नियंत्रित करने वाले एक नियम को बदला है. अब प्राइवेट इक्विटी फर्मों को एसेट मैनेजमेंट कंपनी चलाने की इजाजत मिल गई है. SEBI ने कहा कि इसके लिए एक निजी इक्विटी फर्म या उसके प्रबंधक के पास वित्तीय क्षेत्र में फंड मैनेजमेंट और निवेश का कम से कम पांच साल का अनुभव होना चाहिए.वर्तमान में भारत केवल फाइनेंशियल सर्विस फर्मों और कॉरपोरेट्स को AMC खोल सकते हैं या उन्हें बैक कर सकते हैं. इसके आलावा SEBI ने बाजार में सूचीबद्ध शीर्ष 100 कंपनियों के लिए भी कई जरूरी निर्देश दिए हैं.

स्टॉक एक्सचेंजों में सूचीबद्ध शीर्ष 100 कंपनियों के लिए नए नियम 

पूंजी बाजार नियामक सेबी ने बुधवार को अपने बोर्ड की एक जरूरी बैठक बुलाई, जिसमें कई अहम फैसले लिए गए. भारत के बाजार नियामक ने बुधवार स्टॉक एक्सचेंजों में सूचीबद्ध शीर्ष 100 कंपनियों को आदेश दिया है कि इन्हें शेयर की कीमतों को प्रभावित करने वाली मार्केट के अफवाहों की पुष्टि या खंडन जल्द से जल्द करना होगा. इससे अधिक पारदर्शिता आएगी और बाजर पर लोगों का भरोसा बना रहेगा. सेबी ने एक बोर्ड बैठक के बाद एक प्रेस रिलीज में कहा कि बाजार पूंजीकरण (market capitalization) द्वारा शीर्ष 100 कंपनियों के लिए 1 अक्टूबर, 2023 से और शीर्ष 250 के लिए 1 अप्रैल, 2024 से इस बदलाव को अपनाना होगा. 

Advertisment

SC on hate speeches: नेता जिस दिन राजनीति में धर्म का इस्तेमाल छोड़ देंगे, नफरती भाषण भी बंद हो जाएंगे : सुप्रीम कोर्ट

मीटिंग ने लिए गए ये फैसला 

SEBI ने अपने मीटिंग में आगे कहा कि यह निर्धारित करने के लिए कवान्टेटिव बेंचमार्क लगाने का इरादा रखता है कि कोई घटना मैटेरियल है या नहीं, लेकिन तुरंत यह नहीं बताया कि वे मेट्रिक्स क्या होंगे. SEBI ने यह भी कहा कि निदेशक मंडल की बैठक से उभरने वाली "material events" या डिस्क्लोजर्स को 30 मिनट के भीतर एक्सचेंजों के सामने रखे किया जाना चाहिए.

Sebi Mutual Fund