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SCSS: सीनियर सिटीजंस सेविंग्स स्कीम में जमा करने की अधिकतम लिमिट 30 लाख रुपये है.
Senior Citizens Savings Scheme: अगर आपके पैरेंट्स की भी अपने के पैरेंट्स रिटायर हो चुके हैं और आप उनके लिए किसी बेहतर बचत स्कीम की तलाश रहे हैं तो पोस्ट ऑफिस का रुख करें. वरिष्ठ नागरिकों के लिए पोस्ट ऑफिस की स्माल सेविंग्स स्कीम में शामिल सीनियर सिटीजंस सेविंग्स स्कीम (SCSS) एक पॉपुलर विकल्प है. पोस्ट ऑफिस की स्कीम होने के चलते इसमें सुरक्षा की 100 फीसदी गारंटी होती है. वहीं अब जमा की अधिकतम लिमिट और इस पर मिलने वाला ब्याज बढ़ने से यह स्कीम अब पहले से भी ज्यादा आकर्षक हो गई है. इस स्कीम में आप अपने माता पिता के नाम पर 2 अलग अलग अकाउंट खुलवाकर हर महीने 40100 रुपये घर में आने का इंतजाम कर सकते हैं. इस स्कीम पर 8.02 फीसदी सालाना ब्याज है. इस स्कीम के लिए नॉर्मल केस में 60 साल की उम्र पूरी होनी चाहिए.
जमा करने की लिमिट बढ़ी है, ब्याज भी बेहतर
सीनियर सिटीजंस सेविंग्स स्कीम (SCSS) में अब जमा की अधिकतम लिमिट बढ़ गई है. बजट 2023 के एलान के मुताबिक 1 अप्रैल 2023 से इस स्कीम में अब 15 लाख की जगह अधिकतम 30 लाख रुपये जमा किया जा सकता है. सीनियर सिटीजंस सेविंग्स स्कीम में यह सुविधा है कि अगर आप हस्बैंड और वाइफ हैं तो एक ज्वॉइंट अकाउंट के अलावा 2 ज्वॉइंट अकाउंट भी खोल सकते हैं. वहीं अगर दोनों योग्यता रखते हैं तो 2 अलग अलग अकाउंट भी खोला जा सकता है. ऐसे में 2 अलग अलग अकाउंट में अधिकतम 60 लाख रुपये (एक अकाउंट में 30 लाख रुपये) इसमें जमा कर सकते हैं. इस अकाउंट को आप 5 साल की मैच्योरिटी के बाद 3 साल के लिए और बढ़ा सकते हैं.
सिंगल अकाउंट पर कितनी रकम
अधिकतम जमा: 30 लाख रुपये
ब्याज दर: 8.02 फीसदी सालाना
मैच्योरिटी पीरियड: 5 साल
मंथली ब्याज: 20,050 रुपये
तिमाही ब्याज: 60,150 रुपये
सालाना ब्याज: 2,40,600 रुपये
5 साल में कुल ब्याज: 12,03,000
टोटल रिटर्न: 42,03,000 लाख रुपये (30,00,000 + 12,03,000)
2 अलग अलग अकाउंट पर कितनी रकम
अधिकतम जमा: 60 लाख रुपये
ब्याज दर: 8.02 फीसदी सालाना
मैच्योरिटी पीरियड: 5 साल
मंथली ब्याज: 40,100 रुपये
तिमाही ब्याज: 1,20,300 रुपये
सालाना ब्याज: 4,81,200 रुपये
5 साल में कुल ब्याज: 24,06,000
टोटल रिटर्न: 84,06,000 लाख रुपये (60,00,000 + 24,06,000)
SCSS: स्कीम के फीचर्स और फायदे
SCSS की मैच्योरिटी 5 साल की है, वहीं अकाउंट की मैच्योरिटी पर इसे 3 साल के लिए बढ़ाया जा सकता है.
इसमें कोई क्रेडिट जोखिम शामिल नहीं होता है.
SCSS में निवेश इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C के तहत 1.50 लाख रुपये तक निवेश पर टैक्स छूट का लाभ ले सकते हैं.
इसमें 8.2 फीसदी का ब्याज दर है, जो एफडी के मुकाबले बेहतर है.
SCSS में निवेश की प्रक्रिया बेहद आसान है. आप भारत में किसी भी अधिकृत बैंक या किसी भी डाकघर में SCSS अकाउंट खोल सकते हैं.
इसके तहत ब्याज राशि का भुगतान तिमाही बेसिस पर किया जाता है.
इस योजना को खासतौर से रिटायरमेंट को ध्यान में रखकर चलाया जा रहा है, जिसके जरिए रिटायरमेंट के बाद अपनी जमा पूंजी पर बेहतर रिटर्न हासिल किया जा सकता है.