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एक्सपर्ट एक्टिवली मैनेजड शॉर्ट ड्यूरेशन वाले फंड में निवेश की सलाह दे रहे हैं. (File)
Short Duration Maturity Funds Return: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने मई से अबतक 3 बार में ब्याज दरों में 140 बेसिस प्वॉइंट का इजाफा कर दिया है. रेपो रेट 5.40 फीसदी पर आ गया है. महंगाई कंट्रोल करने के लिए ब्याज दरों में कुछ और बढ़ोतरी की जा सकती है. ब्याज दरों में बढ़ोतरी या कटौती का सीधा असर बॉन्ड मार्केट डेट मार्केट पर होता है. एक्सपर्ट का मानना है कि बाजार को दरों में कुछ और इजाफे की उम्मीद है. हालांकि मौजूदा दरें बॉन्ड मार्केट के लिए कंफर्टेबल दिख रही है, खासतौर से शॉर्ट मैच्येारिटी वाले पेपर्स के लिए. लॉन्ग ड्यूरेशन बॉन्ड में वोलेटिलिटी दिख रही है. एक्सपर्ट एक्टिवली मैनेज्ड शॉर्ट ड्यूरेशन वाले फंड में निवेश की सलाह दे रहे हैं.
शॉर्ट से मिड ड्यूरेशन मैच्योरिटी फंड का सुधरा रिटर्न
बॉन्ड मार्केट के रिटर्न चार्ट पर नजर डालें तो अब इसमें सुधार हो रहा है. मिड ड्यूरेशन के फंडों की बात करें तो इसमें 24 फीसदी तक सालाना के हिसाब से रिटर्न मिल रहा है. वहीं शाूर्ट ड्यूरेशन फंडों में 12 फीसदी तक, लो ड्यूरेशन फंडों में 12 फीसदी तक और अल्ट्रा शॉर्ट ड्यूरेशन फंडों में 7 फीसदी तक सालाना के हिसाब से रिटर्न दिख रहा है. एक्सपट्र भी इनमें पैसे लगाने की सलाह दे रहे हैं.
क्या कहना है एक्सपर्ट का
PGIM India MF के हेड-फिक्स्ड इनकम पुनीत पाल का कहना है कि आरबीआई ने अगस्त पॉलिसी रेपो दर में 50 बीपीएस की बढ़ोतरी करके मैक्रो स्टेबिलिटी और 35 बेसिस प्वॉइंट के अनुमान से महंगाई पर फोकस किया है. उम्मीद है कि आगे दरों में बढ़ोतरी की स्पीड कम होगी. ऐसा अनुमान है कि अप्रैल 2023 तक रेपो रेट 6 फीसदी से 6.25 फीसदी के दायरे में रह सकता है. यह शॉर्ट टर्म मैच्योरिटी वाले फंडों के लिए कंफर्टेबल है. निवेशकों को एक्टिवली मैनेज्ड शॉर्ट टर्म फंड में पैसे लगाने चाहिए. वहीं रिस्क क्षमता के अनुसार कुछ पैसे डायनमिक बॉन्ड फंड में लगाया जा सकता है.
मिरे एसेट इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स के CIO, फिक्स्ड इनकम, महेंद्र जाजू का कहना है कि रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2023 के लिए महंगाई का अनुमान 6.70 फीसदी पर बरकरार रखा है. पिछले कुछ दिनों में कच्चे तेल की कीमतों सहित ग्लोबल कमोडिटी की कीमतों में गिरावट और रीसेंट हाई से ग्लोबल बॉन्ड यील्ड में भारी गिरावट को देखते हुए, डेट मार्केट से थोड़ा बेहतर गाइडेंस मिल रहा है. हालांकि अभी भी कुछ सतर्कता बरतने की जरूरत है. हाल फिलहाल में मैक्रो कंडीशंस सुधरने से बॉन्ड मार्केट में यील्ड कुछ बढ़ा है. शॉर्ट टर्म में अभी दरों में इजाफा हो सकता है, लेकिन लॉन्ग टर्म में दरें स्टेबल रहने की उम्मीद है.
(Disclaimer: यहां निवेश की सलाह एक्सपर्ट के द्वारा दी गई है. यह फाइनेंशियल एक्सप्रेस के निजी विचार नहीं हैं. बाजार में जोखिम होते हैं, इसलिए निवेश के पहले एक्सपर्ट की राय लें.)