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निवेश का एक सीधा सा फंडा है कि जितनी जल्द निवेश शुरू करेंगे, भविष्य उतना ही अधिक सुरक्षित होगा. जल्द निवेश से लंबी अवधि तक निवेश करने पर अधिक पूंजी बना सकते हैं.
Saving and Investment Tips for First Time Earner: पहली नौकरी की शुरुआत के साथ ही कुछ लोग अपनी जरूरतों को पूरा करने की प्राथमिकता देते हैं. कभी-कभी खर्च की इस आदत के चलते बचत भी नहीं हो पाती है और भविष्य में इसका पता तब चलता है, जब एकाएक वित्तीय समस्या खड़ी हो जाती है. ऐसे में जरूरी है कि अपनी पहली नौकरी की शुरुआत के साथ ही बचत और निवेश की शुरुआत कर देनी चाहिए.
कम उम्र में निवेश शुरू करने का फायदा यह होता है कि जब वित्तीय जिम्मेदारियां बढ़ जाती हैं तो आपके पास पैसों की समस्या आड़े नहीं आती हैं. निवेश का एक सीधा सा फंडा है कि जितनी जल्द निवेश शुरू करेंगे, भविष्य उतना ही अधिक सुरक्षित होगा. जल्द निवेश से लंबी अवधि तक निवेश करने पर अधिक पूंजी बना सकते हैं. ऐसे में पहली नौकरी से ही शुरुआत करना बेहतर है.
इन बातों का रखें ख्याल
- अपने खर्चों को नियंत्रित करने के लिए समय-समय पर बैंक स्टेटमेंट की निगरानी करते रहें. इससे अनावश्यक खर्चों को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है.
- पहली नौकरी के साथ कई लोगों के हाथ में पहली बार क्रेडिट कार्ड आता है और वे इसे जादुई चिराग समझकर प्रयोग करते रहते हैं. हालांकि अगर इसके खर्चों का बिल समय पर नहीं भरा तो जेब पर बहुत भारी पड़ सकता है. ऐसे में जरूरी है कि क्रेडिट कार्ड का बिल समय पर चुकता करें. संभव हो तो खाते से इसे ऑटो डेबिट भी करा सकते हैं ताकि किसी वजह से भूलने की नौबत न आए.
- निवेश को लेकर कुछ लोगों की समस्या यह रहती है कि वे निवेश तो करना चाहते हैं लेकिन कुछ बचता ही नहीं है. ऐसी समस्या से पार पाने के लिए पहले बचत, फिर निवेश का फॉर्मूला अपनाना चाहिए. इससे निवेश के लिए बचत के पैसे का इस्तेमाल किया जा सकता है और खर्च कितना करना है, इसकी सीमा भी तय हो जाएगी.
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- इक्विटी और म्यूचुअल फंड में भी कुछ पैसे लगाएं. नौकरी की शुरुआत में रिस्क लेने की क्षमता अधिक रहती है तो ऐसे में कुछ पैसे इक्विटी में भी लगाने चाहिए. इक्विटी में निवेश पर सबसे अधिक रिटर्न पा सकते हैं. इसके अलावा अगर शेयर बाजार में निवेश से शुरुआत में डर लग रहा है तो एसआईपी (सिस्टमैटिक इंवेस्टमेंट फंड) में निवेश कर सकते हैं.
- कभी भी एक ही जगह पूरी पूंजी का निवेश न करें. निवेश पोर्टफोलियो हमेशा डाइवर्सिफाई करें और इक्विटी, म्यूचुअल फंड, शेयर, गोल्ड व एफडी जैसे विकल्पों में अपनी पूंजी को बांटकर निवेश करें. इससे बाजार के उतार-चढ़ाव के चलते एक जगह निवेश में अगर कमी आती है तो दूसरी विकल्प में निवेश में तेजी से उसकी भरपाई हो सकती है.
- पीपीएफ जैसे इंस्ट्रूमेंट्स में भी निवेश करें. इसमें सालाना 1.5 लाख रुपये तक के निवेश पर टैक्स बचत की जा सकती है.