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SIP में निवेश करने वालों के लिए स्मार्ट स्ट्रैटेजी, मिलेगा बेहतरीन रिटर्न और बनेगा बड़ा कॉर्पस

अगर आप SIP से रिटायरमेंट, बच्चों की पढ़ाई या घर खरीदने का सपना देख रहे हैं, तो जानिए इससे जुड़ी 8 जरूरी रणनीतियां जो हर निवेशक को पता होनी चाहिए.

अगर आप SIP से रिटायरमेंट, बच्चों की पढ़ाई या घर खरीदने का सपना देख रहे हैं, तो जानिए इससे जुड़ी 8 जरूरी रणनीतियां जो हर निवेशक को पता होनी चाहिए.

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FE Hindi Desk
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Mutual Fund SIP Generated AI Image

SIP को अगर सही तरीके से प्लान किया जाए तो यह आपकी फाइनेंशियल आजादी की कुंजी बन सकता है. (AI Image)

एसआईपी यानी सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लॉन (Systematic Investment Plan - SIP) म्यूचुअल फंड में निवेश का एक लोकप्रिय विकल्प बन चुका है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि SIP में सिर्फ नियमित पैसा डालना ही काफी नहीं है? सही स्ट्रैटेजी, सही प्लान और थोड़ी समझदारी आपको उसी निवेश से ज्यादा रिटर्न दिला सकती है. जी हां, SIP को अगर सही तरीके से प्लान किया जाए तो यह आपकी फाइनेंशियल आजादी की कुंजी बन सकता है.

अगर आप भी SIP के जरिए रिटायरमेंट, बच्चों की पढ़ाई या घर खरीदने जैसे बड़े सपनों को पूरा करना चाहते हैं, तो ये खबर आपके काम की है. यहां हम बताएंगे SIP से जुड़ी 8 सबसे जरूरी रणनीतियां और उन बिंदुओं को, जो हर स्मार्ट निवेशक को ध्यान में रखने चाहिए.

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SIP के जरिए बड़ा कॉर्पस बनाने में ये तरीके हो सकते हैं कारगर

जल्दी शुरुआत करें

SIP में कंपाउंडिंग का जादू तभी काम करता है जब आप समय को अपना साथी बना लें. छोटी राशि से भी अगर आप जल्दी शुरुआत करते हैं, तो समय के साथ वह रकम बड़ा फंड बन सकती है.

निवेश में निरंतरता बनाए रखें

हर महीने नियमित निवेश करें. SIP की ताकत तभी दिखती है जब आप मार्केट उतार-चढ़ाव के बावजूद निवेश जारी रखें. इससे रुपी कॉस्ट एवरेजिंग (Rupee-Cost Averaging) का फायदा मिलता है.

सही फंड का चुनाव करें

SIP शुरू करने से पहले अपने लक्ष्य, जोखिम क्षमता और निवेश अवधि के आधार पर फंड चुनें. लंबी अवधि के लिए इक्विटी फंड, और स्थिरता के लिए डेट या हाइब्रिड फंड चुन सकते हैं.

Top-Up SIP: अमाउंट समय के साथ बढ़ाएं

जैसे-जैसे आपकी आय बढ़े, SIP राशि भी बढ़ाएं. टॉप-अप SIP का विकल्प चुनें जिससे आपकी वेल्थ क्रिएशन की गति बनी रहे.

फंड पर नजर रखें लेकिन जल्दी-जल्दी बदलाव न करें

अपने पोर्टफोलियो को समय-समय पर रिव्यू करें लेकिन मार्केट हलचल में बार-बार फंड बदलना आपके रिटर्न को प्रभावित कर सकता है.

डिविडेंड को दोबारा निवेश करें

अगर फंड डिविडेंड दे रहा है, तो उसे कैश में लेने की बजाय फंड में दोबारा निवेश करें. इससे कंपाउंडिंग और तेजी से काम करेगी.

निवेश जानकारी से अपडेट रहें

फंड के प्रदर्शन, फंड मैनेजर में बदलाव या स्कीम की पॉलिसी में बदलाव जैसी जानकारियों से खुद को अपडेट रखें.

SIP के ऑटो-डेबिट मोड का इस्तेमाल करें

ऑटो-डेबिट से निवेश की नियमितता बनी रहती है और आप समय पर निवेश करते रहते हैं.

SIP चुनते समय किन बातों का रखें ध्यान?

फाइनेंशियल गोल तय करें

SIP से पहले जान लें कि आप पैसा किसलिए जोड़ रहे हैं  - छुट्टी, कार, घर, रिटायरमेंट या बच्चों की पढ़ाई.

जोखिम क्षमता को समझें

इक्विटी SIP ज्यादा रिटर्न देता है लेकिन उतार-चढ़ाव भी होता है; डेट SIP कम जोखिम के साथ स्थिर रिटर्न देता है.

फंड का प्रदर्शन देखें

पिछले 3–5 सालों में फंड ने कैसा रिटर्न दिया, यह देखें.

फंड मैनेजर का एक्सपीरियंस

एक अनुभवी फंड मैनेजर ही मुश्किल बाजार में बेहतर निर्णय ले सकता है.

एक्सपेंस रेशियो कम हो

फंड की मैनेजमेंट फीस कम होनी चाहिए ताकि आपका नेट रिटर्न अधिक हो.

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