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High Return : निवेश की दुनिया में टाइम न सिर्फ हाई रिटर्न पाने का रास्ता है, बल्कि दौलत का असली मल्टीप्लायर होता है. (Freepik)
How time works in long term investing : जियो पॉलिटिकल टेंशन और यूएस टैरिफ पॉलिसी को लेकर अनिश्चितता दुनियाभर के बाजारों पर दबाव बढ़ा रही है. जिसके चलते निवेशकों में कनफ्यूजन की स्थिति बढ़ती जा रही है और आए दिन बाजार में बिकवाली दिख रही है. सेंसेक्स और निफ्टी अपने पीक से डबल डिजिट में कमजोर हो चुके हैं. स्टॉक मार्केट में तो निवेशकों के पैसे डूब ही रहे हैं, इक्विटी म्यूचुअल फंड में एसआईपी निवेश पर भी असर पड़ रहा है. बीते 6 महीने के दौरान बहुत से म्यूचुअल फंड का रिटर्न या तो निगेटिव में है या फ्लैट. वहीं, 1 साल के दौरान भी खासतौर से एसआईपी रिटर्न निगेटिव होने लगा है. ऐसे में निवेशक घबराने लगते हैं और घाटा बढ़ने के डर से पैसा निकाल रहे हैं.
निवेशकों में है घबराहट
बाजार की मौजूदा गिरावट में अब निवेशकों की ओर से इस तरह के सवाल बढ़ रहे हैं कि क्या मुझे अपनी SIP बंद कर देनी चाहिए? सवाल वाजिब भी है, क्योंकि रिटेल निवेशक हमेशा अपने निवेश (Sip Investment) पर बेहतर रिटर्न की उम्मीद करते हैं. इस पर मार्केट गुरूओं की हमेशा राय रही है कि अगर बाजार का समय इतना आसान होता, तो किस्मत आसानी से बन जाती. लेकिन हर बार घबराकर फैसला लेने से पछतावा होता है, जबकि धैर्य रखने वाले निवेशकों को इसका बेहतरीन परिणाम (SIP Return) मिलता है. इसलिए निवेशकों को अस्थिरता में बिना घबराए निवेश बनाए रहकर कंपाउंडिंग का फायदा उठाना चाहिए. यहां घबराने की बजाय अगर आप दिग्गज निवेशक वॉरेन बफेट (Warren Buffett) के कुछ मंत्र फॉलो करें तो आपकी एसआईपी स्ट्रैटेजी सुपरहिट हो सकती है.
बाजार में टिकना है सफलता का राज
मार्केट गुरू वॉरेन बफेट का हमेशा से कहना रहा है कि बाजार में निवेशकों को धैर्य रखना जरूरी है और गोल बड़ा है तो निवेश की अवधि भी ज्यादा होनी चाहिए. उनका एक फेमस कोट है कि अगर आप बाजार में 10 साल नहीं टिक सकते तो 10 मिनट टिकने के बारे में भी नहीं सोचना चाहिए. उनका यह भी कहना है कि शेयर बाजार जल्द घबरा जाने वाले लोगों से धैर्य रखने वालों तक पैसे पहुंचाने का एक साधन है. तो क्या आप उनकी यह सलाह मानना चाहेंगे. अगर कनफ्यूजन है तो हम यहां आपको एक कैलकुलेशन दे रहे हैं, जिसके आधार पर आप फैसला ले सकते हैं.
मार्केट गुरू ने लंबी अवधि में कितना बनाया पैसा
वेंचुरा सिक्योरिटीज की रिपोर्ट के अनुसार साल 1960 में 30 साल की उम्र में वॉरेन बफेट की दौलत 1 मिलियन डॉलर थी, जो 1986 में यानी 56 साल की उम्र में 100 करोड़ डॉलर हो गई और 2025 में यानी 94 साल की उम्र में वह 16100 करोड़ डॉलर के मालिक हो गए. यानी टाइम न सिर्फ हाई रिटर्न, बल्कि दौलत का असली मल्टीप्लायर होता है. तो क्या उनके इस मंत्र से आप भी फायदा उठा सकते हैं.
टाइम कैसे करता है काम
इसे कैलकुलेशन से समझ सकते हैं. मान लिया कि आपको कहीं 15 साल के निवेश पर 18 फीसदी सालाना रिटर्न हासिल हुआ. ऐसे में आप अगर मंथली 3000 रुपये की एसआईपी करते हैं तो 15 साल में आपकी दौलत बढ़कर 24 लाख रुपये के करीब हो जाएगी. जबकि आपका कुल निवेश 5.40 लाख रुपये हुआ. यानी आपको 18.60 लाख रुपये का फायदा हुआ.
वहीं अगर आप 25 साल के निवेश पर 12 फीसदी ही रिटर्न हासिल करते हैं तो क्या होगा. यहां आपका मंथली 3000 रुपये की एसआईपी 25 साल में 51 लाख करोड़ रुपये हो जाएगी. जबकि आपका कुल निवेश 9 लाख रुपये हुआ. यहां आपका नेट प्रॉफिट 42 लाख रुपये हो गया.
SIP : अपनाएं ये खास टिप्स
बाजार में टिकने की बादत डालें : वॉरेन बफेट का कहना है कि अगर आप किसी निवेश को 10 साल तक नहीं रख सकते तो उसे 10 मिनट तक भी रखने के बारे में ना सोचें. यानी उनका मतलब है कि अगर आप निवेश कर रहे हैं तो लंबी अवधि का लक्ष्य बनाएं.
आपको कब बनना चाहिए लालची : वॉरेन बफे का कहना है कि जब दूसरे बाजार में पैसा लगाने से डर रहे हों, उस समय आप लालची बन जाएं. वहीं जब सभी लालची हो रहे हों तो आप धैर्य रखकर सोच संभलकर फैसला लें.
एक दिन का ट्रेडर न बनें : उनका कहना है कि अगर आपको पेड़ की छाया चाहिए तो सालों पहले वह पेड़ लगाना होगा. यानी लंबी अवधि का सोचकर ही करें निवेश. एक दिन के ट्रेडर बनने की बजाए लंबी अवधि का लक्ष्य लेकर बाजार में आएं. लक्ष्य पूरा होने तक इंतजार करें.
हाई रिटर्न की लालच में न फंसे : वॉरेन बफेट का कहना है कि अगर किसी निवेश में आपको लंबी अवधि में 15 से 20 फीसदी रिटर्न दिख रहा है, तो निवेश करें. बहुत ज्यादा रिटर्न की लालच कर कनफ़यूज होने में आप अपना ही नुकसान करते हैं.
बार बार पोर्टफोलियो न चेक करें : निवेश करने के बाद बार बार पोर्टफोलियो की वैल्यू देखना गलत स्ट्रैटेजी होती है. बाजार में उतार चढ़ाव होना एक स्वाभाविक घटना है, जो समय समय पर होता ही रहता है.