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Smallcap Mutual Funds: स्मॉलकैप फंड एक इक्विटी-ओरिएंटेड म्यूचुअल फंड स्कीम है, जो मुख्य रूप से स्मॉल-कैप कंपनियों के शेयरों में निवेश करती है. (file image)
Small Cap Mutual Funds: पिछले कुछ महीनों से स्मॉलकैप फंडों में भारी निवेश देखने को मिल रहा है. इसकी वजह है कि स्मॉलकैप फंड से निवेशकों को हाई रिटर्न मिल रहा है. बीते 1 साल की बात करें तो कई ऐसे स्मॉलकैप फंड हैं, जिन्होंने 20 से 25 फीसदी या इससे भी ज्यादा रिटर्न दिए हैं. असल में ग्लोबल स्तर पर भारत की अर्थव्यवस्था बेहतर स्थिति में दिख रही है. वहीं दुनियाभर के बाजारों की तुलना में भारतीय बाजारों का प्रदर्शन स्टेबल रहा है. भारतीय अर्थव्यवस्था के 7-8% की दर से बढ़ने की उम्मीद है. यह ग्रोथ स्मॉलकैप के लिए बेहतर अवसर पैदा कर सकती है, क्योंकि वे अक्सर अर्थव्यवस्था के नए और उभरते क्षेत्रों में शामिल होते हैं. यहां बड़ौदा बीएनपी परिबा म्यूचुअल फंड के सीनियर फंड मैनेजर- इक्विटी, शिव चनानी ने यहां विस्तार से जानकारी दी है कि स्मॉलकैप फंड में निवेश में अभी क्यों बेहतर समय है और इसमें निवेश के क्या फायदे हैं.
बाजार में ऐसी कई स्मॉफलकैप म्यूचुअल फंड स्कीम हैं, जिन्होंने बीते 1 साल में हाई रिटर्न दिया है. इनमें HDFC Smallcap Fund ने 38%, Quant Smallcap Fund ने 37%, Axis Nifty Smallcap 50 Index Fund ने 35%, Nippon India Smallcap Fund ने 34%, ABSL Smallcap 50 Nifty Index ने 34% और HSBC Smallcap Fund ने करीब 32% रिटर्न दिया है.
1) स्मॉल कैप फंड क्या हैं?
स्मॉल-कैप फंड एक इक्विटी-ओरिएंटेड म्यूचुअल फंड स्कीम है, जो मुख्य रूप से स्मॉल-कैप कंपनियों के शेयरों में निवेश करती है. स्मॉल-कैप कंपनियां वे होती हैं जिनका मार्केट कैपिटलाइजेशन (बाजार पूंजीकरण) 17,390 करोड़ रुपये से कम (22 दिसंबर से 23 जून तक AMFI औसत मार्केट कैप के अनुसार) है.
2) स्मॉलकैप फंड में निवेश के क्या फायदे हैं?
स्मॉल-कैप फंडों में हाई रिटर्न देने की क्षमता होती है. ऐसा इसलिए है क्योंकि लार्ज-कैप कंपनियों की तुलना में स्मॉल-कैप कंपनियों में तेजी से ग्रोथ करने और उनके द्वारा अधिक मुनाफा कमाने की उम्मीद होती है.
3) स्मॉलकैप फंडों में निवेश से जुड़े जोखिम क्या हैं?
दूसरी कैटेगरी के म्यूचुअल फंड की तुलना में स्मॉल-कैप फंड में जोखिम अधिक होते हैं. ऐसा इसलिए है क्योंकि स्मॉल-कैप कंपनियां लार्जकैप या मिडकैप कंपनियों की तुलना में अस्थिर होती हैं और बाजार में उतार-चढ़ाव के प्रति अधिक संवेदनशील हो सकती हैं. जिसके चलते स्मॉल-कैप फंड हर तरह के निवेशकों के लिए बेहतर विकल्प नहीं हैं.
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4) स्मॉलकैप फंडों में किसे निवेश करना चाहिए?
स्मॉल-कैप फंड उन निवेशकों के लिए बेहतर विकल्प हैं, जो हाई रिटर्न की संभावना के बदले बाजार में अधिक जोखिम लेने को तैयार हैं. जिन निवेशकों के पास निवेश का लक्ष्य लंबी अवधि का है और वे स्मॉल-कैप कंपनियों की अस्थिरता के साथ सहज हैं, उन्हें इसमें निवेश करना चाहिए. ऐसे निवेशकों की स्मॉल-कैप फंडों में निवेश करने में सफल होने की अधिक संभावना है.
5) स्मॉलकैप फंड का कैसे करें चुनाव?
स्मॉल-कैप फंड चुनते समय कुछ बातों पर विचार करना महत्वपूर्ण है:
फंड का ट्रैक रिकॉर्ड: पॉजिटिव रिटर्न जेनरेट करने के लंबे ट्रैक रिकॉर्ड वाले फंड की तलाश करें.
फंड की प्रबंधन टीम: यह सुनिश्चित करें कि फंड का प्रबंधन स्मॉल-कैप कंपनियों के प्रबंधन में अनुभव वाली टीम द्वारा किया जा रहा है.
फंड के निवेश का उद्देश्य: सुनिश्चित करें कि फंड के निवेश का उद्देश्य ऐसा हो जो आपके अपने निवेश के टारगेट को पूरा करने के लिए मेल खा रहा हो.
6) स्मॉलकैप फंड में कहां निवेश करें?
आप विभिन्न चैनलों के माध्यम से स्मॉल-कैप फंड में निवेश कर सकते हैं:
म्यूचुअल फंड डिस्ट्रीब्यूटर्स
ऑनलाइन प्लेटफॉर्म
सीधे म्यूचुअल फंड हाउस के साथ
7) स्मॉलकैप फंडों में निवेश करने का यह अच्छा समय क्यों है?
हाल के कुछ साल में स्मॉलकैप ने लार्जकैप से बेहतर प्रदर्शन किया है. पिछले 10 साल में, स्मॉलकैप ने लार्जकैप की तुलना में बड़े मार्जिन से आउटपरफॉर्म किया है. ऐसा इसलिए है क्योंकि लार्जकैप की तुलना में स्मॉलकैप के अधिक ग्रोथ ओरिएंटेड होने की उम्मीद है, और उन्हें भारत में मजबूत आर्थिक विकास से लाभ हुआ है. आने वाले सालों में भारतीय अर्थव्यवस्था के 7-8% की दर से बढ़ने की उम्मीद है. यह ग्रोथ स्मॉलकैप के लिए बेहतर अवसर पैदा कर सकती है, क्योंकि वे अक्सर अर्थव्यवस्था के नए और उभरते क्षेत्रों में शामिल होते हैं.
साल 2023 में अबतक S&P BSE SmallCap इंडेक्स का रिटर्न 30%, BSE SENSEX का रिटर्न 8.65%, NIFTY 50 का रिटर्न 8.83% और S&P BSE Midcap इंडेक्स का रिटर्न करीब 27% रहा है.