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Sovereign Gold Bond Taxation: मेच्योरिटी से पहले निकासी पर चुकाना पड़ता है टैक्स, निवेश से पहले जान लें ये बातें

Sovereign Gold Bond Taxation: सोवरेन गोल्ड बांड से मिलने वाला रिटर्न मेच्योरिटी पर टैक्स फ्री होता है लेकिन उसके पहले निकासी पर टैक्स चुकाना पड़ता है.

Sovereign Gold Bond Taxation: सोवरेन गोल्ड बांड से मिलने वाला रिटर्न मेच्योरिटी पर टैक्स फ्री होता है लेकिन उसके पहले निकासी पर टैक्स चुकाना पड़ता है.

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Jeevan Deep Vishawakarma
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Sovereign Gold Bond are tax free investment it hold till maturity but premature withdrawl attracts tax liability know about taxation of sovereign gold bond

सोवरेन गोल्ड बांड की 12वीं सीरीज 1 मार्च से निवेश के लिए खुली है और निवेशक 5 मार्च तक इसमें निवेश कर सकते हैं.

Sovereign Gold Bond Taxation: सोवरेन गोल्ड बांड की 12वीं सीरीज 1 मार्च से निवेश के लिए खुली है और निवेशक 5 मार्च तक इसमें निवेश कर सकते हैं. इसे केंद्रीय बैंक आरबीआई सरकार के बिहाफ पर इशू करती है, इसलिए इसे सुरक्षित निवेश समझा जाता है. इसमें निवेश पर निवेशकों को 2.5 फीसदी की दर से फिक्स्ड दर पर ब्याज मिलता और इसे छमाही आधार पर क्रेडिट किया जाता है. हालांकि कोई भी निवेश का फैसला लेने से पहले टैक्स का आकलन जरूर कर लेना चाहिए क्योंकि इससे अंतिम रिटर्न प्रभावित होता है. मेच्योरिटी पर यह टैक्स फ्री होता है लेकिन उसके पहले इससे निकासी पर टैक्स चुकाना पड़ता है.

कैपिटल गेन्स पर टैक्सेशन

  • सोवरेन गोल्ड बांड की मेच्योरिटी पीरियड आठ साल है और अगर मेच्योरिटी तक इसे होल्ड रखते हैं तो कैपिटल गेन्स टैक्स फ्री होगा यानी रिटर्न पर कोई भी टैक्स नहीं चुकाना होगा.
  • गोल्ड बांड को मेच्योरिटी पीरियड से पहले भी विदड्रॉल किया जा सकता है. पांच साल के बाद प्रीमेच्योर विदड्रॉल किया जा सकता है. पांच साल के बाद प्रीमेच्योर रिडेंप्शन पर गेन्स पर 20 फीसदी का टैक्स चुकाना होगा.
  • गोल्ड बांड्स स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टेड होता है. इसका मतलब हुआ कि इसे स्टॉक एक्सचेंज के जरिए खरीद और बेच सकते हैं. अगर एक साल से पहले इसे बेचते हैं तो गेन्स निवेशक की आय मानी जाएगी और स्लैब के मुताबिक इस पर टैक्स चुकाना होगा. एक साल के बाद अगर इसे बेचा जाता है तो गेन्स को लांग टर्म माना जाएगा और इस पर 10 फीसदी की दर से टैक्स चुकाना होगा.
  • गोल्ड बांड पर 2.5 फीसदी की दर से ब्याज मिलता है जो निवेशक के बैंक खाते में क्रेडिट होता है. यह पूरी तरह से टैक्सेबल होता है और इसे निवेशक का आय में जोड़कर स्लैब रेट के मुताबिक टैक्स का आकलन किया जाता है. हालांकि इंटेरेस्ट पेड पर टैक्स डिडक्टेड ऐट सोर्स (टीडीएस) एप्लीकेबल नहीं होता है.

12वीं सीरीज का इशू प्राइस 4662 रुपये प्रति दस ग्राम

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सोवरेन गोल्ड बॉन्ड (एसजीबी) की 12वीं सीरीज के लिए सरकार ने इशू प्राइस 4,662 रुपये प्रति ग्राम यानी 46,620 रुपये प्रति 10 ग्राम तय किया है. वहीं, अगर ऑनलाइन गोल्ड बॉन्ड खरीदते हैं, तो हर ग्राम पर 50 रुपये की छूट भी मिलेगी. ऑनलाइन इन्वेस्टर्स के लिए इश्यू प्राइस 4,612 रुपये प्रति ग्राम यानी 46,120 रुपये प्रति 10 ग्राम है. एसजीबी के आवेदन के लिए निवेशक के पास PAN होना जरूरी है. गोल्ड बॉन्ड को ऑनलाइन खरीद सकते हैं. इसके अलावा इसकी बिक्री बैंकों, स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एसएचसीआईएल), चुनिंदा डाकघरों और एनएसई व बीएसई जैसे स्टॉक एक्सचेंज के जरिए भी होगी. स्माल फाइनेंस बैंक और पेमेंट बैंक में इनकी बिक्री नहीं होती है. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम में एक वित्त वर्ष में एक व्यक्ति न्यूनतम 1 ग्राम और अधिकतम 400 ग्राम सोने के बॉन्ड खरीद सकता है जबकि HUFs एक वित्त वर्ष में 4 किलोग्राम तक निवेश कर सकेंगे और ट्रस्ट इसमें 20 किलोग्राम तक निवेश कर सकेंगे.