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SGB: गोल्ड बॉन्‍ड में निवेश का ये है सबसे बड़ा फायदा, कैसे तय होती है कीमत और रिटर्न, अगले हफ्ते खुलेगी स्‍कीम

Sovereign Gold Bond स्कीम में निवेशकों को हर साल 2.5 फीसदी का अतिरिक्‍त ब्याज मिलता है. मैच्‍योरिटी पर रिटर्न टैक्‍स फ्री है.

Sovereign Gold Bond स्कीम में निवेशकों को हर साल 2.5 फीसदी का अतिरिक्‍त ब्याज मिलता है. मैच्‍योरिटी पर रिटर्न टैक्‍स फ्री है.

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Sushil Tripathi
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SGB: गोल्ड बॉन्‍ड में निवेश का ये है सबसे बड़ा फायदा, कैसे तय होती है कीमत और रिटर्न, अगले हफ्ते खुलेगी स्‍कीम

SGB: सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में कम से कम 1 ग्राम गोल्ड में निवेश करना जरूरी है.

Sovereign Gold Bond Scheme: दुनियाभर की एजेंसियां ग्‍लोबल मंदी की बात कह रही हैं. रेट हाइक, महंगाई, जियो पॉलिटिकल टेंशन सहित कई ऐसे फैक्‍टर अभी मौजूद हैं, जिससे आने वाले दिनों में बड़ी अर्थव्‍यवस्‍थाओं पर दबाव बढ़ सकता है. ऐसे में एक्‍सपर्ट मान रहे हैं कि आने वाले दिनों में बाजार में गिरावट रहती है तो सोने के प्रति आकर्षण बढ़ेगा. निवेश्‍कों के लिए सोना फिर सेफ हैवन साबित हो सकता है. फिलहाल आपके पास सोने में निवेश करने का अच्‍छा मौका है. सरकार अगले हफ्ते से सस्‍ते सोने की बिक्री शुरू करने जा रही है. सॉवरेन गोल्ड बॉन्‍ड (Sovereign Gold Bond Scheme) का अगला ट्रांच 19 दिसंबर को खुलेगा.

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) 2 फेज में सॉवरेन गोल्ड बॉन्‍ड जारी करेगा. इसकी एक सीरीज सब्सक्रिप्शन के लिए 19 दिसंबर से 23 दिसंबर तक खुलेगी. वहीं अगले फेज में 6 से 10 मार्च तक खुलेगी. भारत सरकार की तरफ से आरबीआई ये बॉन्‍ड जारी करता है. इसमें निवेश के कई फायदे हैं, जो आपके लिए जानना जरूरी है. बता दें किसॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम समय-समय पर एक निश्चित अवधि के लिए जारी होती है.

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Sovereign Gold Bond का सबसे बड़ा फायदा

  • Sovereign Gold Bond स्कीम में मैच्‍योरिटी 8 साल की होती है. इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि‍ इस पर सोने में आने वाली तेजी के अलावा निवेशकों को हर साल 2.5 फीसदी का अतिरिक्‍त ब्याज मिलता है. यह सोने में उतार चढ़ाव के दौरान निवेशकों को सुरक्षा देता है.
  • मैच्‍योरिटी पर इसे रिडीम करने पर उस समय 999 प्योरिटी वाले गोल्ड की कीमत की दर से रिटर्न मिलता है. मैच्‍योरिटी पूरा होने पर मिलने वाला रिटर्न टैक्‍स फ्री होता है.
  • इन बॉन्डों का टेन्योर 8 साल होता है. लेकिन 5 साल तक होल्ड करने के बाद इससे बाहर निकल सकते हैं.
  • इस बॉन्ड का इस्तेमाल लोन लेने के लिए कोलैट्रल के रूप में भी किया जा सकता है.

गोल्ड बॉन्ड पर टैक्‍स

इस पर मिलने वाला ब्‍याज निवेशक के बैंक खाते में छमाही आधार पर जमा किया जाता है. यह ब्याज इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के तहत टैक्सेबल है. एक वित्त वर्ष में गोल्ड बॉन्ड से हासिल ब्याज टैक्‍सपेयर की अन्य सोर्स से इनकम में काउंट होता है. टैक्स इस आधार पर लगता है कि टैकस देने वाला किस स्लैब में आता है. हालांकि मैच्‍योरिटी पर मिलने वाला रिटर्न टैक्‍स फ्री है.

कैसे तय होती है कीमत

गोल्ड बॉन्ड की कीमत सब्सक्रिप्शन अवधि के पिछले हफ्ते के अंतिम तीन वर्किंग डेज में 999 शुद्धता वाले गोल्ड के औसत भाव के आधार पर तय किए जाते हैं. 999 शुद्धता वाले गोल्ड के भाव इंडियन बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) प्रकाशित करती है. इस लिहाज से देखें तो गोल्‍ड बॉन्‍ड के लिए कीमत 54000 रुपये प्रति ग्राम के आस पास तय की जा सकती है. वहीं अगर ऑनलाइन आवेदन और पेमेंट करते हैं तो निवेशकों को 50 रुपये प्रति ग्राम यानी 500 रुपये प्रति 10 ग्राम डिस्काउंट मिलेगा.

कितना कर सकते हैं निवेश

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में कम से कम 1 ग्राम गोल्ड में निवेश करना जरूरी है. इनडिविजुअल्स को अधिकतम 4 किग्रा और ट्रस्ट जैसी एंटिटीज को एक फाइनेंशियल में अधिकतम 20 किग्रा गोल्ड बॉन्ड में निवेश करने की छूट है. भारत का कोई भी निवासी व्यक्ति और हिंदू अविभाजित परिवार, ट्रस्ट, विश्वविद्यालय और धर्मार्थ संस्थान सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना में निवेश करने के योग्य हैं.

कहां से खरीद सकते हैं गोल्‍ड बॉन्‍ड

गोल्ड बॉन्‍ड बैंकों (छोटे वित्त बैंकों और भुगतान बैंकों को छोड़कर), स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एसएचसीआईएल), नामित डाकघरों और स्टॉक एक्सचेंजों मसलन बीएसई और एनएसई से खरीद सकते हैं.

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