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SBI MCLR: स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ग्राहकों के लिए अच्छी खबर है. बैंक ने अपनी ब्याज दरों में कटौती का एलान किया है. SBI ने बुधवार को विभिन्न अवधि के लिए MCLR में 0.15 फीसदी तक की कटौती की है, जो 10 मार्च से लागू होगी. यह मौजूदा वित्त वर्ष 2019-20 में लगातार 10वीं बार है जब बैंक ने अपने MCLR में कटौती की है. बैंक ने एक साल अवधि के लिए एमसीएलआर में 0.10 फीसदी की कटौती की है, जो 7.85 फीसदी से घटकर 7.75 फीसदी हो गई है. एक दिन अवधि के और एक महीने के लिए एमसीएलआर में 0.15 फीसदी की कटौती कर इसे 7.45 फीसदी कर दिया गया है.
जुलाई 2019 के बाद 9वीं बार कटौती
तीन महीने की अवधि के लिए एमसीएलआर को 7.65 फीसदी से घटाकर 7.50 फीसदी कर दिया गया है. इस तरह दो साल और तीन साल के एमसीएलआर को 0.10 फीसदी घटाकर क्रमश: 7.95 प्रतिशत और 8.05 प्रतिशत कर दिया गया है. इससे पहले सोमवार को यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने अपने एमसीएलआर में 0.10 फीसदी की कमी करने का एलान किया था. जुलाई 2019 के बाद से यह बैंक ने लगातार नौवीं बार MCLR में कटौती की है.
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क्या है MCLR ?
बैंकों द्वारा MCLR बढ़ाए या घटाए जाने का असर नए लोन लेने वालों के अलावा उन ग्राहकों पर पड़ता है, जिन्होंने अप्रैल 2016 के बाद लोन लिया हो. दरअसल अप्रैल 2016 से पहले रिजर्व बैंक द्वारा लोन देने के लिए तय मिनिमम रेट बेस रेट कहलाती थी. यानी बैंक इससे कम दर पर कस्टमर्स को लोन नहीं दे सकते थे. 1 अप्रैल 2016 से बैंकिंग सिस्टम में MCLR लागू हो गया और यह लोन के लिए मिनिमम दर बन गई. यानी उसके बाद MCLR के आधार पर ही लोन दिया जाने लगा.
एसबीआई की तरफ से MCLR घटाने के बाद ग्राहकों के लिए होम लोन, ऑटो लोन और पर्सनल लोन समेत अन्य दूसरे लोन लेना सस्ता हो जाएगा. बैंक के सभी अवधि के कर्ज की ब्याज दरें इसी आधार पर तय होती हैं. बता दें, एबसीआई ने अपने ज्यादातर कर्ज और जमा उत्पादों की ब्याज दर को रिजर्व बैंक की रेपो रेट से जोड़ दिया है.