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Joint Home Loan: ज्वाइंट होम लोन लेने का बना रहे हैं मन? समझ लें इसके फायदे और नुकसान

Joint Home Loan: ज्वाइंट होम लोन के ज़रिए आप बैंकों से अधिक धन प्राप्त करने के लिए अपनी एलिजिबिलिटी बढ़ा सकते हैं, बशर्ते दोनों बॉरोअर लेंडर की बुनियादी पात्रता मानदंडों को पूरा करते हों.

Joint Home Loan: ज्वाइंट होम लोन के ज़रिए आप बैंकों से अधिक धन प्राप्त करने के लिए अपनी एलिजिबिलिटी बढ़ा सकते हैं, बशर्ते दोनों बॉरोअर लेंडर की बुनियादी पात्रता मानदंडों को पूरा करते हों.

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FE Hindi Desk
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घर खरीदने के लिए बहुत अधिक पैसों की जरूरत होती है, ऐसे में ज्यादातर लोग होम लोन लेने का विकल्प चुनते हैं.

Joint Home Loan: घर खरीदने के लिए बहुत अधिक पैसों की जरूरत होती है, ऐसे में ज्यादातर लोग होम लोन लेने का विकल्प चुनते हैं. होम लोन के लिए अप्लाई करने से पहले भी आपको डाउन पेमेंट के लिए पैसे की जरूरत होती है. आमतौर पर, जब किसी व्यक्ति के पास पैसों की कमी होती है या वह अकेले बैंक के एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया को पूरा करने में असमर्थ होता है, तो एक विकल्प जो दिमाग में आता है वह है ज्वाइंट होम लोन. एक शख्स ज्वाइंट होम लोन के ज़रिए अपनी उधार लेने की क्षमता को बढ़ा सकता है. हालांकि, इसके कई फायदे हैं तो कुछ नुकसान भी हैं. आइए समझते हैं.

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ज्वाइंट होम लोन के लिए कौन कर सकता है अप्लाई

आप अपने परिवार के सदस्यों या माता-पिता, पति या पत्नी, पुरुष बच्चे, अन-मैरिड महिला या एक साथ रहने वाले भाइयों जैसे इमिडिएट रिलेटिव के साथ ज्वाइंट होम लोन ले सकते हैं. बता दें कि इसमें प्रॉपर्टी में को-बॉरोअर का को-ओनर होना अनिवार्य नहीं है. हालांकि, टैक्स बेनिफिट के लिए, को-बॉरोअर को भी लागू टैक्स बेनिफिट्स का लाभ उठाने के लिए प्रॉपर्टी का को-ओनर होना जरूरी है.Bankbazaar.com के सीईओ आदिल शेट्टी कहते हैं, “ज्वाइंट होम लोन आपकी लोन एलिजिबिलिटी को बढ़ाने और सभी को-बॉरोअर्स के लिए इनकम टैक्स प्राप्त करने में मदद करता है. आप अपने जीवनसाथी, माता-पिता और बच्चे के साथ ज्वाइंट लोन ले सकते हैं. कुछ बैंक भाइयों को ज्वाइंट होम लोन के लिए अप्लाई करने की अनुमति दे सकते हैं अगर वे संपत्ति के को-ओनर हैं. हालांकि, दोस्तों, बहनों या एक साथ रहने वाले अन-मैरिड कपल्स को क्रेडिट पाने में कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है.”

क्या है ज्वाइंट होम लोन के फायदे

  • ज्वाइंट होम लोन के ज़रिए आप बैंकों से अधिक धन प्राप्त करने के लिए अपनी एलिजिबिलिटी बढ़ा सकते हैं, बशर्ते दोनों बॉरोअर लेंडर की बुनियादी पात्रता मानदंडों को पूरा करते हों. फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन से धन हासिल करने में असफल होने के कई कारण हो सकते हैं जैसे खराब क्रेडिट स्कोर, अपर्याप्त इनकम आदि. हालांकि, एक ज्वाइंट होम लोन के ज़रिए आप एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया के अंतर को पाट सकता है. पर्याप्त आय या हायर क्रेडिट स्कोर के साथ ज्वाइंट होम लोन के ज़रिए आपको फौरन लोन मिल सकता है.
  • ज्वाइंट होम लोन में, अगर को-बॉरोअर संपत्ति का को-ओनर भी है, तो वह तय सीमा के भीतर धारा 24 और धारा 80 सी के तहत टैक्स डिडक्शन बेनिफिट हासिल कर सकता है. ज्वाइंट लोन लेने वाले 1.5 लाख रुपये और 2 लाख रुपये के टैक्स बेनिफिट का फायदा उठा सकते हैं, यानी आयकर अधिनियम के अनुसार कुल मिलाकर 7 लाख रुपये का बेनिफिट.
  • लेंडर्स ज्वाइंट ओनर्स को पसंद करते हैं क्योंकि इससे जोखिम कम होता है. कुछ बैंक कम ब्याज दर पर होम लोन देते हैं, यदि होम लोन लेने वालों में से एक महिला है, तो आप अपने परिवार की महिला सदस्य को लोन में को-बॉरोअर के रूप में शामिल करके होम लोन की ईएमआई कम कर सकते हैं.

ज्वाइंट होम लोन के नुकसान

  • सभी फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स के कुछ फायदे और नुकसान होते हैं. इसी तरह ज्वाइंट होम लोन में भी कुछ कमियां हैं. उदाहरण के लिए, अगर एक को-बॉरोअर समय पर होम लोन ईएमआई चुकाने में विफल रहता है, तो दोनों बॉरोअर्स के क्रेडिट स्कोर प्रभावित होते हैं.
  • अगर को-बॉरोअर्स के बीच कोई विवाद होता है, तो इसका नतीजा दोनों को भुगतना पड़ सकता है. अगर एक बॉरोअर EMI का भुगतान नहीं करता है, तो इसका नुकसान दोनों को होगा. अगर लोन पति-पत्नी द्वारा एक साथ लिया गया है और बाद में तलाक हो जाए तो इसमें कानूनी विवाद हो सकता है जिसे हल करने में लंबा समय लग सकता है.
  • अक्सर एक सह-बॉरोअर को लोन के दबाव को कम करने के लिए जोड़ा जाता है, लेकिन अगर वह वर्षों के बाद भी आपके साथ लोन का भुगतान करने में विफल रहता है, तो पूरी लोन राशि आपकी जिम्मेदारी बन जाती है.

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क्या ज्वाइंट होम लोन है सही विकल्प?

पूरे लोन को जोखिम में डालने की संभावना को समाप्त करने के लिए सही को-बॉरोअर का चुनाव अहम है. ज्वाइंट होम लोन में विवाद से बचने के लिए दोनों को-बॉरोअर को लागू नियमों और शर्तों के बारे में पता होना चाहिए. अगर आप संपत्ति के मालिक नहीं होंगे, पर होन लोन में को-बॉरोअर बनने जा रहे हैं, तो समझ लें कि अगर को-बॉरोअर जो कि मालिक भी है, लोन चुकाने में चूक जाता है तो इसके क्या परिणाम होंगे.

(Article: Sanjeev Sinha)

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