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Loan Against Property: प्रॉपर्टी पर लोन लेने का है इरादा, तो इन बातों का जरूर रखें ध्यान, ताकि बाद में न पड़े पछताना

लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी के तहत आप अपनी संपत्ति के एवज में बड़ी रकम उधार ले सकते हैं. यह एक सुरक्षित लोन है जिसे अलग-अलग उद्देश्यों के लिए लिया जा सकता है.

लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी के तहत आप अपनी संपत्ति के एवज में बड़ी रकम उधार ले सकते हैं. यह एक सुरक्षित लोन है जिसे अलग-अलग उद्देश्यों के लिए लिया जा सकता है.

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Taking a loan against your property? You must be aware of these things

लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी के तहत आप अपनी संपत्ति के एवज में बड़ी रकम उधार ले सकते हैं.

Loan Against Property: लोन किसी भी तरह की जरूरत को पूरा करने के लिए पैसों का इंतजाम करने का एक बेहतर तरीका बन गया है. बाजार में कई तरह के लोन उपलब्ध हैं, जैसे – पर्सनल लोन, गोल्ड लोन, वेडिंग लोन, आदि. इसी तरह आप अपनी संपत्ति के एवज में भी लोन ले सकते हैं. इसे लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी (LAP) भी कहा जाता है. लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी के तहत आप अपनी संपत्ति के एवज में बड़ी रकम उधार ले सकते हैं. यह एक सुरक्षित लोन है जिसे अलग-अलग उद्देश्यों जैसे कि मेडिकल इमरजेंसी, बच्चे की शिक्षा, बिजनेस से संबंधित उद्देश्यों, शादियों या अन्य व्यक्तिगत जरूरतों को पूरा करने के लिए लिया जा सकता है.

ज्यादातर बैंक इस तरह का लोन बड़ी रकम के लिए प्रदान करते हैं. आमतौर पर, बैंकों द्वारा स्वीकृत लोन की रकम उधारकर्ता की आय पर निर्भर करती है ताकि उधारकर्ता को EMI का भुगतान उसकी मासिक आय के 60 प्रतिशत से अधिक न हो. लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी के लिए अप्लाई करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी होता है, जिनके बारे में हम यहां आपको बताने जा रहे हैं.

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लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी लेते समय इन बातों का ध्यान रखना है जरूरी

  • बैंक लोन स्वीकृत करने से पहले पेमेंट-ट्रैक रिकॉर्ड, बॉरोअर की चुकौती क्षमता आदि की जांच करते हैं. इसलिए, अगर किसी के पास अन्य लोन या मौजूदा देनदारियां हैं, तो दूसरे लोन के लिए उसकी एलिजिबिलिटी कम हो जाती है.
  • इसके अलावा, कुछ बैंक बॉरोअर पर आश्रितों (Dependents) की संख्या को भी ध्यान में रखते हैं. माना जाता है कि अगर आप पर आश्रितों की संख्या ज्यादा है तो इसका मतलब है कि आपकी चुकौती क्षमता कम है.
  • एक्सपर्ट्स का कहना है कि बॉरोअर को अपने LAP के लिए लेंडर चुनने से पहले उनकी तुलना करनी चाहिए, क्योंकि ये बड़े लोन होते हैं और इनका टेन्योर भी लंबा होता है. रिसर्च के दौरान केवल ब्याज दरों की ही तुलना नहीं की जानी चाहिए, बल्कि अन्य मापदंडों जैसे कि फोरक्लोजर चार्ज, प्रोसेसिंग फीस, प्री-पेमेंट चार्ज, लेट पेमेंट पेनल्टी और लोन टू वैल्यू रेश्यो पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए.
  • जितनी जरूरत हो उतना ही लोन लें, क्योंकि इससे ऐसा हो सकता है कि लोन डिफॉल्ट हो जाए और आप अपनी उस प्रॉपर्टी को खो सकते हैं जिसके एवज में आपने लोन लिया है.

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  • इस बात का ध्यान रखें कि अगर जिस प्रॉपर्टी के एवज में आप लोन खरीदने जा रहे हैं, वह विवादित है तो आपका लोन रिक्वेस्ट अस्वीकार किया जा सकता है. अगर लोन से संबंधित प्रॉपर्टी विवादित है या प्रॉपर्टी के कागजात स्पष्ट नहीं हैं तो बैंक लोन रिक्वेस्ट को स्वीकार नहीं करते हैं.
  • आमतौर पर, ये लोन 15 वर्षों तक की लंबी अवधि के लिए उपलब्ध होते हैं और स्पीडी अप्रुवल, फ्लेक्सिबल रि-पेमेंट विकल्पों के साथ, लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी के लिए डॉक्यूमेंटेशन अन्य की तुलना में आसान होता है.
  • लोन 5 लाख रुपये से 500 करोड़ रुपये तक हो सकता है, और टेन्योर 15 साल तक जा सकता है. लोन टू वैल्यू (LTV) रेश्यो आम तौर पर प्रॉपर्टी के मार्केट वैल्यू के 50-60 प्रतिशत तक होता है.
  • लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी में कोई टैक्स बेनिफिट नहीं होता है.
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