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आप हाउसिंग लोन इंटरेस्ट पर 3.5 लाख तक की टैक्स छूट का फायदा उठा सकते हैं.
Tax Benefits on Affordable Housing: क्या आप घर खरीदने के लिए होम लोन लेने का प्लान बना रहे हैं? अगर हां, तो क्या आप जानते हैं कि होम लोन इंटरेस्ट पर आप कुल मिलाकर 3.5 लाख रुपये तक का टैक्स बेनिफिट ले सकते हैं, बशर्ते आप इससे जुड़ी कुछ कसौटियों को पूरा करते हों. दरअसल, यह छूट अफोर्डेबल हाउसिंग की कैटेगरी में आने वाले घर खरीदने पर मिल सकती है. आपको इस छूट का फायदा मिल सकता है या नहीं, यह जानने के लिए आपको आग बताई गई बातें ध्यान से पढ़नी होंगी.
दरअसल, होम लोन इंटरेस्ट पर 2 लाख रुपये तक की टैक्स छूट तो सेक्शन 24(b) के तहत मिलती है, जबकि 1.5 लाख की अतिरिक्त टैक्स छूट सेक्शन 80EEA के अंतर्गत मिल सकती है. इसका मतलब है कि आप कुल मिलाकर 3.5 लाख रुपये तक टैक्स बेनिफिट का फायदा उठा सकते हैं. लेकिन इस अतिरिक्त छूट के लिए आपको इन शर्तों को पूरा करना होगा :
धारा 80EEA के तहत अतिरिक्त टैक्स बेनिफिट की ये हैं शर्तें
RSM इंडिया के फाउंडर डॉ. सुरेश सुराणा के अनुसार एक टैक्सपेयर को होम लोन के इंटरेस्ट पर धारा 80EEA के तहत 1.5 लाख तक का अतिरिक्त टैक्स बेनिफिट मिल सकता है, बशर्ते वह इन शर्तों को पूरी करता हो-
- स्टैंप ड्यूटी के लिहाज से घर का मूल्य 45 लाख रुपये से अधिक न हो.
- होम लोन 1 अप्रैल 2019 से 31 मार्च, 2022 के बीच मंजूर किया गया हो.
- घर खरीदने वाला लोन की मंजूरी के समय किसी और घर का मालिक न हो.
डॉ. सुराणा के मुताबिक धारा 24 (बी) के तहत भी 2 लाख रुपये तक इंटरेस्ट डिडक्शन का प्रावधान है. ऐसी स्थिति में अगर कोई व्यक्ति ऊपर दी गई सारी शर्तों को पूरा करता है और होम लोन पर हर साल 3.5 लाख रुपये ब्याज भर रहा है, तो वह धारा 80EEA के तहत 1.5 लाख रुपये और धारा 24 (बी) के तहत 2 लाख रुपये के डिडक्शन का लाभ पाने के लिए दावा कर सकता है.”
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डेडलाइन में अब कुछ ही दिन बाकी
मौजूदा नियमों के मुताबिक अफोर्डेबल हाउसिंग कैटेगरी में होम लोन पर यह अतिरिक्त लाभ लेना है, तो लोन 1 अप्रैल 2019 से 31 मार्च 2022 के बीच स्वीकृत होना चाहिए. यानी आप अगर इस नियम का फायदा लेना चाहते हैं, तो जल्दी करें. डेडलाइन में अब कुछ ही दिन बचे हैं.
क्या होगा अगर प्रॉपर्टी डॉक्यूमेंट में कारपेट एरिया का जिक्र न हो?
सेक्शन 80EEA में एक प्रावधान यह भी है कि अफोर्डेबल हाउसिंग प्रॉपर्टी का कारपेट एरिया बेंगलुरु, चेन्नई, दिल्ली एनसीआर (दिल्ली, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद, गुड़गांव, फरीदाबाद तक सीमित), हैदराबाद, कोलकाता और मुंबई जैसे महानगरीय शहरों में 60 वर्ग मीटर (645 वर्ग फुट) से अधिक नहीं होना चाहिए. बाकी शहरों या कस्बों में अफोर्डेबल हाउस का कारपेट एरिया 90 वर्ग मीटर (968 वर्ग फुट) से अधिक नहीं होना चाहिए. ऐसे में, टैक्सपेयर के मन में यह उलझन हो सकती है कि अगर उसके प्रॉपर्टी डॉक्यूमेंट में घर के कारपेट एरिया का जिक्र न हो, तो उन्हें सेक्शन 80EEA के तहत टैक्स में 1.5 लाख रुपये की अतिरिक्त छूट का फायदा मिलेगा या नहीं. आइए जानते हैं इस पर एक्सपर्ट्स की राय क्या है.
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क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स
बेसिक होम लोन के सीईओ और को-फाउंडर अतुल मोंगा का कहना है, “ऐसा आमतौर पर नहीं होता कि कवर्ड कारपेट एरिया का ज़िक्र प्रॉपर्टी डॉक्यूमेंट में न हो. लेकिन अगर ऐसा हो, तो भी प्रॉपर्टी के टेक्निकल वेरिफिकेशनन के दौरान एक टेक्निकल रिपोर्ट जेनरेट की जाती है, जिसे बैंक में जमा किया जाता है. इस रिपोर्ट में प्रॉपर्टी से जुड़ी जरूरी सभी डिटेल, मसलन एरिया, लोकेशन, वैल्यूएशन का ज़िक्र होता है. घर खरीदार इस रिपोर्ट में दिए ब्योरे के आधार पर भी अफोर्डेबल हाउसिंग के तहत अतिरिक्त टैक्स बेनिफिट के लिए क्लेम कर सकता है.”
हालांकि, RSM इंडिया के फाउंडर डॉ. सुरेश सुराणा के अनुसार, आवासीय फ्लैट का कवर्ड एरिया धारा 80EEA के तहत डिडक्शन का दावा करने के लिए अनिवार्य नहीं है. उनका मानना है कि आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80EEA के तहत, आवासीय हाउसिंग प्रॉपर्टी खरीदने के मकसद से किसी व्यक्ति द्वारा किसी वित्तीय संस्था से लिए गए लोन पर भरे जा रहे ब्याज पर डेढ़ लाख रुपये तक के डिडक्शन का फायदा इसके बिना भी मिल सकता है.
(Article: Amitava Chakrabarty)