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ITR for Minors: क्या बच्चों की आमदनी पर भी लगता है इनकम टैक्स? जानिए क्या हैं इससे जुड़े नियम

18 साल से ज्यादा उम्र वालों को अपनी आमदनी पर इनकम टैक्स देना पड़ता है, यह तो सबको पता है. लेकिन बच्चों की आय पर टैक्स के कौन से नियम लागू होते हैं? आइए जानते हैं:

18 साल से ज्यादा उम्र वालों को अपनी आमदनी पर इनकम टैक्स देना पड़ता है, यह तो सबको पता है. लेकिन बच्चों की आय पर टैक्स के कौन से नियम लागू होते हैं? आइए जानते हैं:

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Viplav Rahi
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How much tax minors have to pay if they earn :

आमदनी बड़ों की हो या बच्चों की, उस पर टैक्स भरना जरूरी है.

How much income tax minors have to pay if they earn : बालिग यानी 18 साल से ज्यादा उम्र वालों को अपनी आमदनी पर इनकम टैक्स स्लैब के हिसाब से आयकर देना पड़ता है, यह तो सबको पता है. लेकिन नाबालिग बच्चों की आमदनी के बारे में टैक्स के कौन से नियम लागू होते हैं? क्या उनके लिए भी आय पर इनकम टैक्स देना जरूरी है? आप कह सकते हैं कि भला छोटे बच्चे टैक्स चुकाने की जिम्मेदारी और उससे जुड़े प्रावधानों को कैसे समझ सकते हैं? और जब समझ ही नहीं सकते तो उनका पालन कैसे करेंगे? आइए जानते हैं क्या हैं नाबालिग बच्चों की आमदनी से जुड़े टैक्स के नियम.

नाबालिग की आय का मतलब क्या है?

किसी नाबालिग बच्चे को मिलने वाली कोई भी आय दो तरह की हो सकती है : अर्जित (earned) यानी खुद कमाई गई आय और दूसरी अनर्जित (unearned) यानी ऐसी आय जिसे बच्चे ने खुद कमाया न हो. अगर बच्चे को कोई कंपटीशन या रियलिटी शो जीतने, किसी बिजनेस में हिस्सेदारी करने या पार्ट टाइम जॉब करने के एवज में कोई रकम मिलती है, तो यह उसकी अर्जित आय मानी जाएगी. लेकिन अगर उसे परिवार के किसी सदस्य से गिफ्ट के तौर पर कोई रकम मिलती है, तो यह बिना अर्जित की हुई आमदनी मानी जाएगी. पैरेंट्स द्वारा बच्चे के नाम से खोले गए बैंक खाते या निवेश पर मिलने वाले ब्याज को भी इसी कैटेगरी में डाला जाएगा.

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इनकम पर किस हिसाब से लगेगा टैक्स

इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 64 (1A) के मुताबिक 18 साल से कम उम्र के किसी बच्चे को मिलने वाली कोई भी रकम उसके पैरेंट्स की आय में जोड़ दी जाएगी और फिर उस पर पैरेंट्स के लिए लागू रेट से इनकम टैक्स अदा करना होगा. अगर दोनों ही पैरेंट्स कमाते हैं, तो बच्चे की आय उस पैरेंट की आमदनी में जोड़ी जाएगी, जिसकी आय ज्यादा है. एक बच्चे की आमदनी पर सालाना 1500 रुपये तक टैक्स छूट (tax exemption) भी मिलती है, लेकिन यह छूट सिर्फ दो बच्चों के लिए ही लागू है. पैरेंट्स को अपने टैक्स के साथ ही नाबालिग बच्चे की आय पर भी टैक्स भरना होगा. पैरेंट्स की आय में बच्चे की आमदनी जोड़ने का यह नियम गोद लिए गए बच्चों या सौतेले बच्चों के मामले में भी लागू होता है.

क्या इस प्रावधान के अपवाद भी हैं?

अगर नाबालिग बच्चा अनाथ है, यानी उसके दोनों पैरेंट्स अब दुनिया में नहीं हैं, तो उसकी आय अभिभावक (guardian) के साथ नहीं जोड़ी जाएगी. ऐसी स्थिति में उसकी आय पर अलग से टैक्स भरना होगा और रिटर्न भी अलग से दाखिल किया जाएगा. अगर कोई बच्चा Section 80U में बताई गई किसी डिसेबिलिटी से पीड़ित है, तो भी उसकी आय पैरेंट्स की आमदनी में जोड़ी नहीं जाएगी. ये छूट तभी मिलेगी जब डिसेबिलिटी 40 फीसदी से ज्यादा हो. अगर माता-पिता का तलाक हो चुका है, तो बच्चे की आय उस पैरेंट की इनकम में जुड़ेगी, जिसके पास बच्चे की कस्टडी होगी.

बच्चे का रिटर्न कौन फाइल करेगा?

इनकम टैक्स रिटर्न भरने के लिए उम्र की कोई सीमा नहीं है. लिहाजा, जिन बच्चों की आय उनके पैरेंट्स की इनकम में नहीं जुड़ती, उनके रिटर्न खुद उनके नाम से ही फाइल किए जाएंगे. बच्चे के नाम से ये रिटर्न उनके पैरेंट्स भी फाइल कर सकते हैं. अगर रिटर्न गार्जियन या किसी ऐसे शख्स द्वारा फाइल किए जा रहे हैं, जो बच्चे की आमदनी को मैनेज कर रहा है, तो उसे इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की वेबसाइट पर अपना क्रेडेंशियल साबित करने वाले दस्तावेज भी अपलोड करने होंगे. इसके बाद वो शख्स प्रतिनिधि (representative assessee) के तौर पर नाबालिग का टैक्स रिटर्न फाइल कर पाएगा.

बच्चों के PAN कार्ड का नियम क्या है?

नाबालिग बच्चे भी अपना पैन कार्ड (PAN card) रख सकते हैं. उनका पैन कार्ड बनवाने के लिए पैरेंट्स या गार्जियन आवेदन कर सकते हैं. दरअसल, अगर किसी नाबालिग का रिटर्न अलग से फाइल किया जाना है, तो पैन कार्ड के साथ ही साथ उसके बैंक खातों का डिटेल, इनकम का विवरण, मोबाइल फोन नंबर और ईमेल एकाउंट जैसी जानकारी की जरूरत भी पड़ेगी. तभी इनकम टैक्स पोर्टल पर उनका लॉगिन और पासवर्ड क्रिएट करके रिटर्न फाइल किया जा सकेगा.

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