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Life Insurance: उन बीमा पॉलिसी के लिए टैक्स के नियम में बदलाव हुआ है, जिसमें प्रीमियम राशि 5 लाख रुपये से अधिक है.
New Tax Rules on Life Insurance Policies: आयकर विभाग (Income Tax Department) ने 5 लाख रुपये से अधिक के एनुअल प्रीमियम होने की स्थिति में जीवन बीमा पॉलिसी (life insurance policy) से हुई इनकम के कैलकुलेशन के लिए नियम तय किये हैं. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने आयकर अधिनियम (सोलहवां संशोधन), 2023 को नोटिफाई किया है. इसमें जीवन बीमा पॉलिसी की मैच्योरिटी पर मिलने वाली राशि के संबंध में इनकम के कैलकुलेशन के लिए नया नियम 11UACA निर्धारित किया गया है. यह प्रावधान उन बीमा पॉलिसी के लिए है जिसमें प्रीमियम राशि 5 लाख रुपये से अधिक है और ऐसी पॉलिसी 1 अप्रैल, 2023 या उसके बाद जारी की गयी हैं.
क्या है यह संशोधन
संशोधन के अनुसार, 1 अप्रैल, 2023 को या उसके बाद जारी की गई पॉलिसी के लिये, सेक्शन 10(10D) के तहत मैच्योरिटी बेनेफिट पर टैक्स छूट सिर्फ तभी लागू होगा, जब किसी व्यक्ति की तरफ से भुगतान किया गया कुल प्रीमियम सालाना 5 लाख रुपये तक हो. इस लिमिट से अधिक प्रीमियम के लिए मिली राशि को आय में जोड़ा जाएगा और लागू दर के हिसाब से टैक्स लगाया जाएगा. यूलिप (ULIP) को छोड़कर जीवन बीमा पॉलिसी के संबंध में टैक्स नियम में बदलाव की घोषणा वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में की गयी थी.
अगर 01.04.2023 को या उसके बाद जारी यूनिट-लिंक्ड बीमा पॉलिसी के अलावा एक से अधिक जीवन बीमा पॉलिसी के लिए प्रीमियम देय है, तो इस क्लाज के तहत छूट केवल ऐसी पॉलिसी के संबंध में होगी, जहां इनमें से किसी भी पॉलिसी की अवधि के दौरान पिछले किसी भी साल के लिए कुल प्रीमियम 5,00,000 रुपये से अधिक नहीं है.
डेथ होने की स्थिति में क्या होगा
एएमआरजी एंड एसोसिएट्स के संयुक्त भागीदार (कॉरपोरेट और अंतर्राष्ट्रीय कर) ओम राजपुरोहित क कहना है कि फॉर्मूले के अनुसार, मैच्योरिटी पर मिली कोई भी अधिशेष राशि पर ‘अन्य स्रोतों से आय’ की श्रेणी के तहत टैक्स लगेगा. बीमाधारक की मृत्यु पर मिली राशि के लिये टैक्सेशन के नियमों को नहीं बदला गया है और वह पहले की तरह इनकम टैक्स से फ्री होगा.