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Income Tax Saving: अगर कोई व्यक्तिगत करदाता दिव्यांग रिश्तेदार के इलाज का खर्च उठा रहा है तो आयकर कानून से उसे इनकम टैक्स पर अतिरिक्त राहत मिलने का प्रावधान है. ऐसा आयकर कानून के सेक्शन 80DD के तहत है. व्यक्ति या HUF इस सेक्शन के जरिए खुद पर निर्भर किसी दिव्यांग रिश्तेदार के मेडिकल ट्रीटमेंट, ट्रेनिंग आदि के खर्च पर पर टैक्स डिडक्शन क्लेम कर सकता है. इसमें उस दिव्यांग रिश्तेदार की देखभाल के लिए किसी विशिष्ट स्कीम जैसे LIC की स्कीम में जमा भी छूट के दायरे में आएगी.
आयकर कानून के मुताबिक, व्यक्तिगत करदाता के मामले में निर्भर रिश्तेदार से अर्थ करदाता की पत्नी, बच्चों, माता-पिता, भाई-बहन से है. वहीं HUF के मामले में निर्भर रिश्तेदार HUF का सदस्य होना चाहिए. NRI सेक्शन 80DD का फायदा नहीं ले सकते.
40% से कम अक्षम न हो निर्भर व्यक्ति
अगर निर्भर रिश्तेदार 40 फीसदी या इससे ज्यादा लेकिन 80 फीसदी से कम डिसेबल है तो आयकर में 75000 रुपये की छूट मिलेगी. अगर रिश्तेदार गंभीर रूप से डिसेबल है यानी 80 फीसदी से ज्यादा तो टैक्स डिडक्शन 1.25 लाख रुपये रहेगा. इस क्लेम के लिए किसी मान्य मेडिकल अथॉरिटी से डिसेबिलिटी सर्टिफिकेट जरूरी होगा.
ये डिसेबिलिटी होती हैं कवर
- सुनने में अक्षम
- मानसिक मंदता
- दिमागी बीमारी
- ऑटिज्म
- प्रमस्तिष्क पक्षाघात (Cerebral palsy)
- दृष्टिहीनता यानी ब्लाइंडनेस
- कम दिखाई देना
- कुष्ठ रोग
- लोको मोटर डिसेबिलिटी
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इन डॉक्युमेंट्स की जरूरत
सेक्शन 80DD के तहत टैक्स डिडक्शन क्लेम करने के लिए इन दस्तावेजों की जरूरत होती है..
- निर्भर रिश्तेदार की अक्षमता को सिद्ध करने वाला मेडिकल सर्टिफिकेट
- फॉर्म 10-IA: अगर निर्भर रिश्तेदार को प्रमस्तिष्क पक्षाघात, ऑटिज्म या मल्टीपल डिसेबिलिटी हैं तो इस फॉर्म को जमा करना होगा.
- सेल्फ डिक्लेरेशन सर्टिफिकेट: करदाता को निर्भर दिव्यांग रिश्तेदार के इलाज पर खर्च का उल्लेख करते हुए एक सेल्फ डिक्लेरशन सर्टिफिकेट बनाना होगा.
- भुगतान किए गए इंश्योरेंस प्रीमियम की रसीदें: अगर निर्भर दिव्यांग रिश्तेदार की इंश्योरेंस पॉलिसी के प्रीमियम का भुगतान करदाता कर रहा है तो क्लेम के लिए इसकी रसीदों की जरूरत होगी.
यह शर्त है लागू
अगर दिव्यांग निर्भर रिश्तेदार आयकर कानून के सेक्शन 80U के तहत टैक्स डिडक्शन का फायदा ले रहा है, तो करदाता उसके इलाज पर इनकम टैक्स में सेक्शन 80DD के तहत राहत नहीं ले सकता. सेक्शन 80U के तहत अगर कोई व्यक्ति शारीरिक या मानसिक तौर पर दिव्यांग है तो वह 75,000 रुपये तक का टैक्स डिडक्शन क्लेम कर सकता है. इसमें ब्लाइंडनेस भी शामिल होगी. गंभीर रूप से शारीरिक दिव्यांगता के मामले में टैक्स कटौती 1.25 लाख रुपये तक हो सकती है.
Input: ClearTax, Coverfox