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Tax Saving: प्रॉपर्टी की बिक्री से हुआ लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन? इन तरीकों से बचा सकते हैं टैक्स

भारत में उत्तराधिकार टैक्स लागू नहीं है. लिहाजा अगर करदाता को कहीं से वसीयत में या पैतृक सं​पत्ति के तौर पर/मां से विरासत में घर मिला है तो वह आयकर के दायरे से बाहर है.

भारत में उत्तराधिकार टैक्स लागू नहीं है. लिहाजा अगर करदाता को कहीं से वसीयत में या पैतृक सं​पत्ति के तौर पर/मां से विरासत में घर मिला है तो वह आयकर के दायरे से बाहर है.

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Ritika Singh
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Tax Saving:

Income Tax Saving: भारत में उत्तराधिकार टैक्स लागू नहीं है. लिहाजा अगर करदाता को कहीं से वसीयत में या पैतृक सं​पत्ति के तौर पर/मां से विरासत में घर मिला है तो वह आयकर के दायरे से बाहर है. लेकिन अगर करदाता इस घर/प्रॉपर्टी को बेचता है या आगे चलकर इसे कमाई या ब्याज हासिल करने का जरिया बनाता है तो फिर उसे इनसे आने वाली अर्निंग पर टैक्स देना होगा. अचल संपत्ति की बिक्री से हासिल कमाई को कैपिटल गेन्स की श्रेणी में रखा जाता है.

बता दें कि अचल सं​पत्ति पर कैपिटल गेन टैक्स देनदारी इस बात पर निर्भर करती है कि प्रॉपर्टी करदाता के पास कितने वक्त तक रही. अगर अचल सं​पत्ति को दो साल से ज्यादा वक्त के होल्डिंग पीरियड के बाद करदाता बेच रहा है तो इस बिक्री से हासिल कमाई लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स के तहत आएगी. लेकिन अगर प्रॉपर्टी करदाता के पास 2 साल से कम वक्त तक रही है तो इसकी बिक्री से कमाई शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स में आएगी और इसी के हिसाब से आयकर बनेगा.

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यहां यह बात गौर करने वाली है कि ​करदाता को विरासत में मिली अचल संपत्ति के मामले में इसका होल्डिंग पीरियड वास्तविक मालिक द्वारा प्रॉपर्टी खरीदे जाने की तारीख से गिना जाता है, न कि इसे विरासत में किसी अन्य को दिए जाने की तारीख से.

प्रॉपर्टी बेचकर बने कैपिटल गेन्स पर टैक्स डिडक्शन

अंतरिम बजट 2019 के पेश होने से पहले एक आवासीय घर बेचकर दूसरा घर खरीदने पर कैपिटल गेन्स पर टैक्स डिडक्शन तभी मिलता था, जब उस पैसे से केवल एक आवासीय घर खरीदा गया हो. लेकिन अंतरिम बजट 2019 में प्रावधान में बदलाव हुआ. बदलाव यह रहा कि घर की बिक्री से प्राप्त रकम से अगर करदाता दो आवासीय घरों को खरीदता या बनवाता है तो वह दोनों घरों पर कैपिटल गेन्स पर टैक्स डिडक्शन का फायदा ले सकता है. लेकिन इस प्रावधान के साथ शर्तें लागू हैं-

1. यह फायदा जिंदगी में एक ही बार लिया जा सकता है.

2. प्रॉपर्टी बेचकर हुए लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स की रकम 2 करोड़ रुपये से ज्यादा नहीं होनी चाहिए. अगर रकम 2 करोड़ रुपये से ज्यादा हुई तो यह करदाता टैक्स डिडक्शन का फायदा केवल एक आवसीय घर की खरीद पर ही ले सकेगा.

3. प्रॉपर्टी से बिक्री से प्राप्त पैसे पर टैक्स डिडक्शन का लाभ लेने के लिए इससे एक निश्चित समयावधि के अंदर दूसरा घर खरीदना जरूरी है. उदाहरण के तौर पर नए रेडी टू मूव घर के मामले में प्रॉपर्टी की बिक्री की तारीख से दो साल के अंदर, दूसरे नए घर के कंस्ट्रक्शन के मामले में प्रॉपर्टी बिक्री की तारीख से तीन साल के अंदर.

ऐसे भी बचा सकते हैं टैक्स

करदाता चाहते तो कैपिटल गेन्स को आयकर कानून के सेक्शन 54EC के तहत कैपिटल गेन्स बॉन्ड में निवेश करके भी इस पर डिडक्शन क्लेम कर सकता है. कैपिटल गेन्स बॉन्ड में निवेश की सीमा प्रति वित्त वर्ष 50 लाख रुपये तक है.

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