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आप टैक्स में बचत के लिए अपने बच्चों के नाम पर निवेश करने के अलग-अलग तरीकों पर विचार कर सकते हैं.
Tax talk: टैक्स बचाने के लिए निवेश के कई विकल्प हैं. आप टैक्स में बचत के लिए अपने बच्चों के नाम पर निवेश करने के अलग-अलग तरीकों पर विचार कर सकते हैं. आप पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF), सुकन्या समृद्धि योजना (बालिकाओं के लिए), ट्रेडिशनल इंश्योरेंस प्लान और कुछ अन्य म्यूचुअल फंड्स में टैक्स-बचत के लिए अपने बच्चों के नाम पर निवेश कर सकते हैं. इसके ज़रिए, न केवल आप अपनी कर देनदारियों को कम कर सकते हैं, बल्कि अपने बच्चों के भविष्य के लिए लॉन्ग टर्म में एक बड़ा फंड तैयार कर सकते हैं.
ट्यूशन फीस पर भी बचा सकते हैं टैक्स
हर साल अधिकतम दो बच्चों के ट्यूशन फीस पर होने वाले भुगतान के लिए भी आप धारा 80 सी के तहत 1.5 लाख रुपये तक की कर छूट का फायदा उठा सकते हैं. इसके अलावा, एक सैलरीड एम्प्लॉई अधिकतम दो बच्चों के लिए हर महीने 100 रुपये प्रति बच्चे के हिसाब से एजुकेशन अलाउंस और 300 रुपये प्रति माह हॉस्टल एक्सपेंडिचर अलाउंस के रूप में भी छूट ले सकते हैं. अगर माता-पिता दोनों टैक्सपेयर हैं तो तीन बच्चों वाले पेरेंट्स भी टैक्स बेनिफिट का दावा कर सकते है. टैक्स बेनिफिट का दावा तभी किया जा सकता है जब बच्चा भारत में किसी मान्यता प्राप्त इंस्टीट्यूट में पढ़ रहा हो.
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PPF में कर सकते हैं निवेश
अगर आप ऐसी जगह पर निवेश करना चाहते हैं, जहां जोखिम बिल्कुल कम हो या न हो तो पीपीएफ में बच्चों के नाम पर निवेश आपके लिए एक बेहतर विकल्प हो सकता है. इसके ज़रिए आप अपने बच्चे के लिए लॉन्ग टर्म में एक बड़ा अमाउंट तैयार कर सकते हैं. इससे आपको बच्चे की शादी या उनके एजुकेशन के खर्चों को पूरा करने में मदद मिलेगी. आप एक वित्त वर्ष में पीपीएफ में 1.5 लाख रुपये तक निवेश कर सकते हैं. इसकी मौजूदा ब्याज दर 7.1% है.
पेरेंट्स अपने नाबालिग बच्चों के नाम पर पीपीएफ अकाउंट खोल सकते हैं. जब तक बच्चा 18 साल का नहीं हो जाता तब तक अकाउंट माता-पिता के संरक्षण में रहेगा. हालांकि, यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि अगर माता-पिता के नाम पर पहले से पीपीएफ अकाउंट है, तो दोनों अकाउंट (माता-पिता और बच्चे) को मिलाकर एक वित्तीय वर्ष में अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक ही निवेश किया जा सकता है.
माता-पिता में से कोई भी नाबालिग बच्चे के नाम पर पीपीएफ अकाउंट खोल सकता है और आयकर अधिनियम की धारा 80 सी के तहत टैक्स में छूट का फायदा उठा सकता है. इसके लिए आपको एक पासपोर्ट साइज फोटो, बच्चे की उम्र का प्रमाण और पेरेंट्स का पैन कार्ड जैसे डॉक्यूमेंट्स की जरूरत होगी. एक बार जब बच्चा 18 साल का हो जाता है, तो पेरेंट्स का नाम इसमें से हटा दिया जाता है. 18 साल की उम्र के बाद बच्चा इसमें निवेश करना जारी रख सकता है.
सुकन्या समृद्धि योजना भी है बेहतर विकल्प
पेरेंट्स अपनी बेटी के नाम पर सुकन्या समृद्धि अकाउंट खोल सकते हैं. इसमें एक वित्तीय वर्ष में 1.5 लाख रुपये तक निवेश किया जा सकता है और सेक्शन 80 सी के तहत टैक्स डिडक्शन का दावा किया जा सकता है. इसकी ब्याज दर 7.6% है और अकाउंट केवल बच्चे के जन्म की तारीख से 10 वर्ष की आयु तक खोला जा सकता है. बच्चे के 18 वर्ष की उम्र के बाद या 10वीं कक्षा पास करने के बाद ही अकाउंट से पैसे निकाले जा सकते हैं. यह अकाउंट, खोलने की तारीख से 21 साल बाद या 18 साल की उम्र (शादी की तारीख से एक महीने पहले या तीन महीने बाद) बच्चे की शादी के समय बंद हो जाएगा.
(Article: Saikat Neogi)