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Tax Rules Under NPS: नौकरीपेशा हैं तो कहीं भी निवेश के पहले उसके टैक्स बेनेफिट पर नजर जरूर रखें.
Tax Rules & Benefit of NPS: अगर आप नौकरीपेशा हैं तो कहीं भी निवेश के पहले उसके टैक्स के पहलुओं पर नजर जरूर रखें. स्मार्ट निवेशक हैं तो सिर्फ रिटर्न ही नहीं बल्कि यह भी देखें कि उस निवेश के जरिए आप कितना टैक्स लाभ ले सकते हैं. नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) एक ऐसी स्कीम हैं, जिसमें रिटायरमेंट प्लानिंग के साथ-साथ टैक्स बेनेफिट भी लिया जा सकता है. NPS एक तो लंबी अवधि में निवेश को बढ़ावा देता है. वहीं इसके जरिए आपको रिटायरमंट के बाद सैलरी के बराबार पेंशन भी मिल सकता है और साथ में एक बड़ा फंड भी. जहां तक टैक्स बेनेफिट की बात है तो इसमें निवेश से 2 लाख रुपये तक टैक्स डिडक्शन का फायदा ले सकते हैं. सैलरीड हैं तो फायदा इससे भी ज्यादा मिलेगा.
3 अलग अलग सेक्शन के तहत टैक्स बेनेफिट
नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) में निवेश पर इनकम टैक्स एक्ट 1961 के 3 अलग-अलग सेक्शन के तहत टैक्स बेनिफिट मिलता है. सेक्शन 80 CCD(1) के तहत एक फाइनेंशियल ईयर में इसमें 1.5 लाख रुपये तक के निवेश पर डिडक्शन बेनिफिट मिलता है. इसका लाभ सरकारी औश्र प्राइवेट कर्मचारी कोई भी ले सकता है. यह डिडक्शन, सेक्शन 80C के तहत 1.5 लाख रुपये की ओवरऑल लिमिट में आता है.
आम बजट 2021 में सेक्शन 80CCD में एक नया संसोधन हुआ और सेक्शन 80CCD(1B) जोड़ा गया. इससे सेक्शन 80C डिडक्शन के ऊपर भी अतिरिक्त टैक्स छूट का फायदा मिलता है. यह एडिशनल डिडक्शन सेक्शन 80 CCD(1B) के तहत 50,000 रुपये तक मिलता है. इस तरह, सेक्शन 80CCD में मैक्सिमम 2 लाख रुपये का टैक्स डिडक्शन लिया जा सकता है. इसमें सेक्शन 80CCD (1) के अंतर्गत 1.5 लाख रुपये और सेक्शन 80CCD(1B) में अतिरिक्त 50,000 का डिडक्शन शामिल है.
सेक्शन 80 CCD(2)
NPS में सेक्शन 80CCD (2) के अंतर्गत भी टैक्स डिडक्शन का प्रावधान है. एम्प्लॉयर PPF और EPF के अलावा एनपीएस में कंट्रीब्यूशन कर सकता है. 2 लाख रुपये की लिमिट के ऊपर एम्प्लॉयर की तरफ से किए गए किसी कंट्रीब्यूशन पर इनकम टैक्स एक्ट 1961 के सेक्शन 80 CCD(2) के तहत डिडक्शन का फायदा मिलेगा. सेक्शन 80CCD (2) के अंतर्गत टैक्स डिडक्शन सेक्शन 80CCD (1) के अलावा मिलता है.
2 तरह के अकाउंट
NPS सरकारी रिटायरमेंट सेविंग स्कीम है, जिसे केंद्र सरकार ने 1 जनवरी 2004 को लॉन्च किया था. इस डेट के बाद ज्वॉइन करने वाले सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए यह योजना जरूरी है. साल 2009 के बाद से इस योजना को प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले लोगों के लिए भी खोल दिया गया. इसके तहत अकाउंट 18 साल से 70 साल के बीच का कोई भी भारतीय नागरिक शुरू कर सकता है.
NPS में जमा रकम को निवेश करने का जिम्मा PFRDA द्वारा रजिस्टर्ड पेंशन फंड मैनेजर को दिया जाता है. NPS में 2 तरह के खाते खोलने की सुविधा मिलती है. इसमें टियर-1 अकाउंट पेंशन अकाउंट होता है. वहीं, टियर-2 अकाउंट वॉलंटियरी सेविंग्स अकाउंट है. जिन एनपीएस सब्सक्राइबर का टियर-1 अकाउंट है, वे टियर-2 अकाउंट खोल सकते हैं.