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आइए जानते हैं कि 40 साल की उम्र पर पहुंचने से पहले आपको किन वित्तीय लक्ष्यों को हासिल करना चाहिए.
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Financial Planning: वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए व्यक्ति अपने जीवन भर की कमाई को लगा देते हैं. उम्र का हर पड़ाव अलग होता है और उसी के मुताबिक वित्तीय लक्ष्य भी बदलते हैं. उदारहण के लिए 20 से 30 साल की उम्र के बीच में व्यक्ति के लिए रिटायरमेंट प्लानिंग प्राथमिकता नहीं होती है, लेकिन जब आपकी उम्र 40 साल के करीब होती है, तो आप रिटायरमेंट के लिए निवेश करना चाहते हैं. जीवन के दूसरे पड़ावों की तरह ही 40 से 50 साल की उम्र काफी महत्वपूर्ण है. इस समय में आप अपने करियर की ऊंचाई पर होते हैं, आपके पास परिवार और जरूरी जिम्मेदारियां जैसे बच्चे की शिक्षा और होम लोन का भुगतान करना होता है.
आप 20 से 30 साल की उम्र में अपने फाइनेंस में ढ़ील दे सकते हैं, लेकिन 40 साल की उम्र को पार से पहले आपको अच्छे से फाइनेंशियल प्लानिंग करनी होती है. आप रिटायरमेंट के करीब होते हैं और आपकी जिम्मेदारियां बड़ी होती हैं. आइए जानते हैं कि 40 साल की उम्र पर पहुंचने से पहले आपको किन वित्तीय लक्ष्यों को हासिल करना चाहिए.
खुद के लिए घर खरीदना
भारत में खुद का घर खरीदना लोगों के लिए सबसे बड़ा लक्ष्य होता है. 40 साल की उम्र को छूने से पहले होम लोन के जरिए घर खरीदने पर आपके पास उसे चुकाने के लिए ज्यादा समयावधि होती है और रिटायमेंट से पहले पूरा लोन चुकाकर वित्तीय बोझ को कम कर सकते हैं. हाल ही के सालों में भारतीयों में बजट होम की प्राथमिकता को ज्यादा देखा गया है जो जेब पर कम बोझ रहता है और लोन के जरिए फाइनेंस करना भी आसान होता है. इसके अलावा सेक्शन 80C, 24b और 80EEA के तहत टैक्स बेनेफिट भी मिलता है. अगर आप 30 से 40 साल की उम्र के बीच हैं, तो यह घर खरीदने का अच्छा समय है.
इमरजेंसी फंड बनाना
व्यक्ति को जीवन के हर पड़ाव पर इमरजेंसी फंड की जरूरत होती है. 20 से 30 साल की उम्र के बीच इसे हासिल करना मुश्किल होता है, लेकिन 30 से 40 साल की उम्र में इसे प्राप्त किया जा सकता है. एक इमरजेंसी फंड आपकी मौजूदा मासिक आय का तीन से छह गुना होना चाहिए. इससे आपको कुछ बुरी स्थितियों जैसे नौकरी छूटना, हेल्थ इमरजेंसी, अचानक सफर करने आदि में मदद मिलेगी. यह फंड आपकी मानसिक, शारिरिक और वित्तीय स्थिति को अच्छा रखने में मदद करता है. अगर आपने इस फंड को तैयार करना अभी शुरू नहीं किया है, तो आप रिकरिंग डिपॉजिट से शुरू कर सकते हैं और इसमें हर महीने अपना योगदान दे सकते हैं.
लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस खरीदें
40 से 50 साल की उम्र के बीच परिवार की जिम्मेदारियां बढ़ती हैं. इस समय आपको बीमारियों का सामना भी करना पड़ता है. हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी इमरजेंसी के समय में वित्तीय सुरक्षा देती हैं. टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी से आप अपने परिवार को वित्तीय सुरक्षा दे सकते हैं. हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी से आपको मेडिकल खर्चों को संभालने में आसानी होती है. अगर आप ये इंश्योरेंस 40 साल से पहले लेते हैं, तो आपको कम रेट पर मिलता है. इंश्योरेंस प्रीमियम आपकी उम्र और स्वास्थ्य से जुड़ा होता है. इसलिए, सब अच्छा होने पर कवरेज खरीद लेना चाहिए.
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रिटायरमेंट प्लानिंग
रिटायरमेंट प्लानिंग के बारे में 40 साल की उम्र पहुंचने से पहले सोचना शुरू कर देना चाहिए. यह लंबी अवधि के लिए निवेश है, इसलिए आप जितनी देरी करेंगे, लक्ष्य को प्राप्त करने में उतनी मुश्किल होगी. 30 साल से 40 साल के बीच उम्र होने पर आपके पास कुछ लंबी अवधि के निवेश जैसे PPF, EPF, NPS, इक्विटी म्यूचुअल फंड्स आदि होने चाहिए. आप किसी वित्तीय सलाहाकार से बी मदद ले सकते है.
बच्चे की शिक्षा के लिए प्लानिंग करें
उच्च शिक्षा सस्ती नहीं होती है. इसलिए आपको अपने बच्चे की लंबि अवधि की जरूरतों के खर्चों के लिए तैयार रहना चाहिए. 40 साल की उम्र के करीब पहुंचने पर बच्चों की कॉलेज की उम्र करीब आने लगती है और आप रिटायरमेंट के पास पहुंचने लगते हैं. बच्चे की शिक्षा के खर्च के लिए म्यूचुअल फंड्स SIP एक अच्छा तरीका है.
(By: Adhil Shetty, CEO, BankBazaar.com)