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स्वास्थ्य बीमा कवर लेते समय इन बातों का ध्यान रखना चाहिए.
Health Insurance: कोरोना महामारी के चलते अब लोग हेल्थ इंश्योरेंस के महत्व को समझ रहे हैं. एक्सपर्ट्स का कहना है कि लोगों ने अब अस्पताल में आने वाले खर्चों को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य बीमा कवर लेना शुरू कर दिया है. मार्केट में कई तरह के हेल्थ इंश्योरेंस प्लान मौजूद हैं ऐसे में लोगों को कोई भी प्लान लेने में सावधानी बरतनी चाहिए और अपने लिए सही स्वास्थ्य बीमा कवर का चुनाव करना चाहिए. इससे अस्पतालों के खर्च की चिंता काफी हद तक कम हो जाती है. यहां हम आपको बता रहे हैं कि स्वास्थ्य बीमा कवर लेते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए.
कितने का कवर लेना चाहिए
पहला सवाल जो मन में आता है वह ये है कि कितने का स्वास्थ्य बीमा कवर पर्याप्त होगा? Basis की को-फाउंडर और COO दीपिका जयकिशन कहती हैं, “इसका कोई आसान जवाब नहीं है. हम इसका अंदाजा नहीं लगा सकते कि भविष्य में हमें किस तरह की बीमारी हो सकती है. मोटे तौर पर इसे इस तरह समझा जा सकता है कि भविष्य में बीमार पड़ने पर हम किस अस्पताल में इलाज के लिए जा सकते हैं. उस अस्पताल में हार्ट बाईपास की लागत क्या है. कम से कम अस्पताल में हार्ट बाईपास में आने वाले खर्च को ध्यान में रखते हुए मेडिकल कवर लेने की योजना बनानी चाहिए.
पर्सनल मेडिकल हिस्ट्री
आपका मेडिकल इंश्योरेंस कवर कितने का होना चाहिए, इसे समझने का एक औऱ तरीका भी है. आप अपनी उम्र, परिवार के सदस्यों की मेडिकल हिस्ट्री और लाइफ स्टाइल के आधार पर भी इसका अंदाजा लगा सकते हैं. आपका स्वास्थ्य भविष्य में कैसा होगा, यह इन बातों पर काफी हद तक निर्भर करता है.
आमतौर पर, स्वास्थ्य बीमा कंपनियां यह जानकारी पहले से मांगती हैं. आपसे हर तरह की जानकारी लेकर यह सुनिश्चित किया जाता है कि भविष्य में आपको कोई बड़ी स्वास्थ्य संबंधी परेशानी ना हो. जयकिशन कहती हैं, "हमें अधिकतर सामान्य बीमारियों के इलाज की लागत को ध्यान में रखना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि पॉलिसी उन्हें कवर करे."
एक वयस्क के पास होना चाहिए 10 लाख का कवर
कुल मिलाकर, बीमा एक्सपर्ट्स का सुझाव है कि एक वयस्क (21 वर्ष से ऊपर) के पास कम से कम 10 लाख रुपये का कवर होना चाहिए. इसके साथ ही, जैसे-जैसे वे बड़े होते हैं, कवर की राशि भी बढ़ती जानी चाहिए. जयकिशन कहते हैं, “20 साल की उम्र में भी कई लोगों को मेडिकल इंश्योरेंस की जरूरत पड़ जाती है. जब आपकी उम्र कम होती है और आपका स्वास्थ्य बेहतर होता है, तो इस स्थिति में प्रीमियम सस्ता होता है. जैसे-जैसे हम बड़े होते जाते हैं और उम्र के साथ कई तरह की बीमारियां हमें घेरने लगती है तब प्रीमियम भी महंगा हो जाता है.
पारिवारिक स्थिति के साथ कवरेज में बदलाव
अपने बदलते पारिवारिक स्थिति के हिसाब से कवरेज का चुनाव करना चाहिए. उदाहरण के लिए, शादी के बाद आपकी एक फैमिली होती है. ऐसे में आप फैमिली फ्लोटर प्लान का विकल्प चुन सकते हैं. यह पति और पत्नी दोनों को कवर करती है. आप जिस फैमिली फ्लोटर प्लान का चुनाव करते हैं उसे परिवार बढ़ने के साथ बदला जा सकता है. जयकिशन आगे कहती हैं, “फैमिली फ्लोटर प्लान होने के बावजूद एक इंडिविजुअल कवर होना जरूरी है. अगर किसी महिला के पास कोई इंडिविजुअल पॉलिसी नहीं है और फैमिली फ्लोटर प्लान में वह अपने पति के साथ जुड़ी हुई है, तो ऐसे में दांपत्य जीवन में किसी तरह की अनबन होने पर महिला को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है. चाहे पति और पत्नी के बीच रिश्ता कितना भी अच्छा हो, एक इंडिविजुअल हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी जरूर खरीदनी चाहिए.
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