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क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट में इन चीजों की मिलती है जानकारी, समझ लेंगे तो तुरंत पता चल जाएगी गड़बड़ी

आइए जानते हैं क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट में मौजूद जानकारी और कुछ जटिल शब्दों के अर्थ.

आइए जानते हैं क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट में मौजूद जानकारी और कुछ जटिल शब्दों के अर्थ.

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आइए जानते हैं क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट में मौजूद जानकारी और कुछ जटिल शब्दों के अर्थ.

Credit Card Statement: क्रेडिट कार्ड (Credit Card) इस्तेमाल करने वालों के पास इससे ट्रांजेक्शन का ब्यौरा स्टेटमेंट के रूप में आता है. क्रेडिट कार्ड का स्टेटमेंट मासिक होता है और कार्ड के बिलिंग साइकिल के आखिर में जनरेट होता है. हालांकि उस अवधि के लिए कोई स्टेटमेंट नहीं जारी किया सकता, जिसमें कोई लेनदेन या बकाया शेष न हो. क्रेडिट कार्ड के स्टेटमेंट में कई जानकारियां मौजूद रहती हैं. इस स्टेटमेंट के जरिए ग्राहक अपने क्रेडिट कार्ड बिल में हुई किसी भी तरह की गड़बड़ी पर नजर रख सकते हैं.

जिन लोगों ने नया-नया क्रेडिट कार्ड लिया है, उनके लिए क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट समझना थोड़ा मुश्किल हो सकता है क्योंकि यह आमतौर पर बहुत लंबा होता है. इसलिए, क्रेडिट कार्ड कंपनियां स्टेटमेंट को विभिन्न भागों में बांट देती हैं, ताकि इसे अच्छे से समझा जा सके. आइए जानते हैं इस स्टेटमेंट में मौजूद जानकारी और कुछ जटिल शब्दों के अर्थ.

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पेमेंट ड्यू डेट

आपकी क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट में सबसे महत्वपूर्ण चीज पेमेंट ड्यू डेट होती है. ये क्रेडिट कार्ड बिल के भुगतान की आखिरी तारीख है. इस तारीख के बाद किए गए पेमेंट पर दो तरह के चार्ज लगते हैं. पहला, आपको बकाया राशि पर ब्याज का भुगतान करना होगा और लेट पेमेंट फीस देनी पड़ती है. लेट पेमेंट फीस बैंकों की अलग हो सकती है.

मिनिमम अमाउंट ड्यू

अगर आप क्रेडिट कार्ड के पूरे बिल का भुगतान नहीं कर सकते तो आप ड्यू डेट के अंदर न्यूनतम बिल का भुगतान कर सकते हैं. इसी को मिनिमम ड्यू कहते हैं. यह कुल बकाया राशि का एक छोटा हिस्सा होता है. अगर आप मिनिमम अमाउंट का भुगतान कर देते हैं, तो कोई लेट पेमेंट फीस नहीं लगेगी. हालांकि, कुछ समय के लिए, जब तक कि बाकी बचा बकाया बैलेंस आपकी स्टेटमेंट में रहता है, आपको उस पर ब्याज का भुगतान करना होगा.

टोटल आउटस्टैंडिंग

आपको प्रति महीने कुल बकाया राशि का भुगतान करना चाहिए, जिससे कोई अतिरिक्त चार्ज नहीं लगे. कुल राशि में सभी ईएमआई शामिल होती है, जिसके साथ बिलिंग साइकिल में लगे चार्ज होते हैं.

क्रेडिट लिमिट

कार्डधारक को क्रेडिट कार्ड से खर्च के लिए सीमित क्रेडिट दिया जाता है, यानी एक ​खर्च की एक निश्चित सीमा होती है. इसी को क्रेडिट लिमिट कहते हैं. क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट में आपको तीन तरह की लिमिट मिलेंगी- कुल क्रेडिट लिमिट, उपलब्ध क्रेडिट लिमिट और कैश लिमिट.

कुल क्रेडिट लिमिट में कवह राशि दिखती है, जो आपको बैंक द्वारा क्रेडिट कार्ड पर दी गई है. उपलब्ध क्रेडिट लिमिट में वह राशि होती है, तो कार्ड पर खरीदारी करने के बाद बाकी बची राशि है. यह वो राशि है जिसका आप अब भी इस्तेमाल कर सकते हैं. कार्ड यूजर्स को कुछ कार्ड लिमिट भी मिलती है और यह आम तौर पर उपलब्ध क्रेडिट लिमिट का हिस्सा होता है.

रिवॉर्ड प्वॉइंट बैलेंस

क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट में आपको अब तक जमा किए गए रिवॉर्ड प्वॉइंट्स के साथ उसका स्टेटस भी दिखेगा. यहां आपको एक टेबल दिखेगा जिसमें पिछली साइकिल से आए रिवॉर्ड प्वॉइंट्स की संख्या, वर्तमान बिलिंग साइकिल में कमाए गए प्वॉइंट्स और खत्म हो चुके प्वॉइंट्स दिए जाएंगे.

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अकाउंट समरी

आपको मंथली स्टेटमेंट में अपने क्रेडिट कार्ड बैलेंस का एक सारांश भी मिलेगा. इस सेक्शन में आपका ओपनिंग बैलेंस होगा, जो नए बिलिंग साइकिल शुरू होने पर आपके क्रेडिट कार्ड में मौजूद सीमा है. इसके साथ वर्तमान साइकिल में खर्च की गई राशि और कार्ड के लिए किए गए भुगतान के साथ वर्तमान बिलिंग साइकिल में लगे कोई अतिरिक्त चार्ज होंगे.

ट्रांजेक्शन डिटेल्स

इस सेक्शन में आपके क्रेडिट कार्ड खाते में कितना पैसा आया और कितना खर्च हुआ इसकी पूरी जानकारी होती है. इसमें ट्रांजैक्शन की तारीख और समय, कटौती गई राशि, कोई अतिरिक्त चार्ज, ट्रांजैक्शन की जगह आदि शामिल होते हैं. आप इस सेक्शन को ध्यान से चेक करें और कुछ गड़बड़ दिखने पर बैंक को सूचना दें.

(Souce: Paisabazaar.com)

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