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Two Wheeler Insurance : बाइक के लिए कैसे चुनें सही इंश्योरेंस पॉलिसी? क्या हैं ऐड-ऑन के फायदे

बाइक इश्योरेंस पॉलिसी को बेहतर बनाने के लिए ऐड-ऑन या राइडर्स की मदद ली जा सकती है. हालांकि इसके लिए बाइक मालिक को अलग से प्रीमियम पेमेंट करना होगा.

बाइक इश्योरेंस पॉलिसी को बेहतर बनाने के लिए ऐड-ऑन या राइडर्स की मदद ली जा सकती है. हालांकि इसके लिए बाइक मालिक को अलग से प्रीमियम पेमेंट करना होगा.

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FE Hindi Desk
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कानूनी कवायदों को पूरा करने और दुर्घटना की स्थिति में होने वाले वित्तीय नुकसान से सुरक्षा के लिए दोपहिया वाहन यानी टू व्हीलर बाइक का इंश्योरेंस कराने की सलाह दी जाती है.

How to Make Best Two Wheeler Insurance with Add-Ons: कानूनी कवायदों को पूरा करने और दुर्घटना की स्थिति में होने वाले वित्तीय नुकसान से सुरक्षा के लिए दोपहिया वाहन यानी टू व्हीलर बाइक का इंश्योरेंस कराने की सलाह दी जाती है. मगर दोपहिया वाहन मालिक अपनी जरूरतों के अनुरूप थर्ड पार्टी इंश्योरेंस या कॉम्प्रीहेंसिव इंश्योरेंस पालिसी या फिर स्टैडअलोन पॉलिसी में से किसे चुने इसे सारे खासें कनफ्यूज रहते हैं. थर्ड पार्टी इंश्योरेंस मुख्य इंश्योरेंस पॉलिसी है, इसे वाहन के सड़क पर आने से पहले बाइक मालिक को खरीदना चाहिए. मोटर व्हीकल एक्ट के तहत ये इंश्योरेंस पॉलिसी सभी टू व्हीलर मालिक को अपनी बाइक की सेफ्टी के लिए खरीदना जरूरी है. स्टैंडअलोन पॉलिसी 'स्वयं के नुकसान यानी ओन डैमेज' को कवर करता है. वहीं कॉम्प्रीहेंसिव इंश्योरेंस पॉलिसी, स्टैंडअलोन और थर्ड पार्टी इंश्योरेंस इन दोनों ही पालिसियों का कांबिनेशन है.

टू व्हीलर फाइनेंसिंग स्टार्ट-अप कंपनी OTO के को-फाउंडर और सीईओ सुमित छाजेड़ (Sumit) ने कहा कि इंश्योरेंस कस्टमाइजेशन (Insurance Customisation) सिर्फ स्टैंडअलोन या कॉम्प्रीहेंसिव पॉलिसी के साथ ही संभव है. उन्होंने बताया कि बाइक इश्योरेंस पॉलिसी को बेहतर बनाने के लिए ऐड-ऑन या राइडर्स की मदद ली जा सकती है. हालांकि इस ऐड-ऑन के लिए अलग से एडिशनल प्रीमियम देना होगा. और इसे कोई भी बाइक मालिक खरीद सकता है.

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बाइक इंश्योरेंस के साथ जोड़ा जाने वाला ऐड-ऑन विभिन्न बीमा कंपनियों के अलग हो सकते हैं. बाइक इंश्योरेंस को बेहतर बनाने कुछ आसान तरीके यहां बताए गए हैं.

जीरो डेप्रिसिएशन इंश्योरेंस कवर

गुजरते समय के साथ बाइक का इस्तेमाल करने से उसी कीमत घटती जाती है. बाइक की कीमत में समय के साथ आ रही गिरावट का असर पॉलिसीहोल्डर यानी मालिक पर पड़ता है, ऐसे में मुख्य बीमा पॉलिसी के आलावा बीमा कंपनी द्वारा खरीदा गया ऐड-ऑन 'जीरो डेप्रिसिएशन इंश्योरेंस' बैटरी, ट्यूब और टायरों को छोड़कर आपकी बाइक के बाकी सभी भागों के लिए 100 फीसदी नुकसान को कवर करेगी. बता दें वाहन की बैटरी, ट्यूब और टायरों के नुकसान होने पर ये ऐड-ऑन सिर्फ 50 फीसदी का कवर देगी. स्टैंडअलोन या कॉम्प्रीहेंसिव पॉलिसी के साथ बाइक के लिए जीरो डेप्रिसिएशन इंश्योरेंस कवर का विकल्प चुना जा सकता है. फिलहाल ज्यादातर बीमा कंपनियां एक कार्यकाल में अधिकतम 2 जीरो डेप्रिसिएशन इंश्योरेंस कवर की अनुमति देती हैं, कुछ ऐसे भी बीमा कंपनियां हैं जो एक कार्यकाल के दौरान अनलिमिटेड कवर की अनुमति देती हैं.

रोडसाइड असिस्टेंस

सफर के दौरान बाइक में खराबी एक ऐसी चीज है जो कभी भी सामने आ सकती है और ये आपको परेशानी में डाल सकती है. हालांकि, अगर आपकी बाइक पर रोडसाइड असिस्टेंस का कवरेज है, तो आप बीमा कंपनी द्वारा उपलब्ध कराए गए नंबर पर कॉल करके समय सीमा के भीतर संबंधित मोटर मैकेनिक की मदद ले सकते हैं. बाइक के टायर की गड़बड़ी हो या वाहन की अन्य खामी बीमा कंपनी की तरफ से उसे सही कराए जाने में मदद मिलती है. इसके अलावा, पंचर सहायता, इमरजेसी फ्यूल डिलीवरी, मौके पर रिपेयरिंग, कैब सर्विस, एकोमेडेशन, वाहन की चाबी लॉक-आउट सहायता, पुर्जों की शिपमेंट, रूट गाइडेंश और टेली-असिस्टेंट की सुविधा बीमा कंपनी की तरफ से उपलब्ध कराई जाती है.

पैसेंजर असिस्टेंस कवर

नाम से पता चलता है कि पैसेंजर असिस्टेंस उस शख्स को कवर करता है जो दुर्घटना की स्थिति में सफर के दौरान बाइक चलाने वाले ड्राइवर के पीछे बैठा था. बाइक के पिछले सीट पर बैठे पैसेंजर का जीवन भी उतना ही अहम है जितना कि राइडर यानी बाइक चलाने वाले ड्राइवर. पैसेंजर असिस्टेंस कवर सफर के दौरान अचानक सड़क हादसे में बाइक राइडर के पीछे वाली सीट पर बैठे पैसेंजर को घातक चोट आ जाने पर कवर करता है.

रिटर्न टू इनवाइस

मुख्य बाइक बीमा जैसे स्टैंडअलोन ओन डैमेज पॉलिसी या कॉम्प्रीहेंसिव पॉलिसी दुर्घटना की स्थिति में बाइक को हुए नुकसान को कवर करती है. लेकिन बाइक चोरी या 70 फीसदी रिपेयर न हो पाने के मामले में बीमा कंपनी इंश्योर्ड डिक्लेयर्ड वैल्यू (IDV) प्रदान करती है जिसमें बाइक की मार्केट प्राइस से डेप्रिसिएशन कम है. IDV वैल्यू खरीदारी के समय बनाए गए इनवाइस वैल्यू से अपेक्षाकृत कम है क्योंकि इसमें रजिस्ट्रेशन चार्ज और रोड टैक्स दोनों शामिल हैं. हालांकि, ऐड-ऑन के तौर पर बाइक के लिए लिय़ा गया रिटर्न टू इनवाइस कवर IDV और इनवाइस वैल्यू के बीच के अंतर को पाटने का काम करता है, साथ ही रिटर्न टू इनवाइस यह भी सुनिश्चित करता है कि बाइक मालिक को IDV की बजाय इनवाइस वैल्यू मिले.

नो क्लेम बोनस का प्रोटेक्शन

नो क्लेम बोनस बीमा कंपनी द्वारा दिया जाने वाला एक रिवार्ड या डिस्काउंट है. अगर पॉलिसीहोल्डर ने इंश्योरेंस टेन्योर के के दौरान नुकसान के लिए कोई दावा नहीं किया है तो अगली बार पॉलिसी रिनुअल पर लाभ दिया जाता है.

(Article : Vikram Chaudhary)

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