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Budget 2020-21: PSU banks need a capital infusion to the tune of Rs 1 lakh crore from the government in the upcoming budget to boost the credit growth.
Budget 2020: आगामी 1 फरवरी को पेश होने जा रहे बजट 2020 (Budget 2020) से हर सेक्टर को कुछ न कुछ उम्मीदें हैं. इंश्योरेंस सेक्टर भी इससे पीछे नहीं है. इंश्योरेंस कंपनियां चाहती हैं कि केन्द्रीय बजट 2020-21 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जीवन बीमा क्षेत्र को बूस्ट देने के लिए कुछ उपायों का एलान करें. इनसे ज्यादा से ज्यादा लोगों तक जीवन बीमा की पहुंच विकसित करने में मदद मिलेगी.
आदित्य बिड़ला सन लाइफ इंश्योरेंस के एमडी व सीईओ कमलेश राव कहते हैं कि हमारा मानना है कि पहली बार जीवन बीमा खरीदने वाले लोगों के लिए 50,000 रुपये की अलग कटौती और प्योर प्रोटेक्शन यानी टर्म प्लान खरीदने वाले किसी व्यक्ति के लिए 50,000 रुपये की अतिरिक्त सीमा को लागू करने से जीवन बीमा का काम और रफ्तार पकड़ेगा.
महिलाओं को बीमा के लिए प्रोत्साहित करने के लिए महिला पॉलिसीधारकों के लिए अतिरिक्त कर लाभ की पेशकश एक महत्वपूर्ण कदम होगा. इसके अलावा धारा 10 (10) (D) में छूट देना भी वांछनीय कदम होगा. बता दें जीवन बीमा पॉलिसी की मैच्योरिटी पर मिलने वाली रकम इनकम टैक्स कानून के सेक्शन 10 (10D) के तहत टैक्स फ्री होती है. हालांकि अगर पॉलिसी का सालाना प्रीमियम सम एश्योर्ड के 10% से अधिक है तो यह निवेश सेक्शन 10 (10D) के तहत नहीं आएगा.
12% रहे GST की दर
राव का यह भी कहना है कि बजट में जीवन बीमाकर्ताओं और NPS द्वारा दिए जाने वाले पेंशन प्रॉडक्ट्स के बीच समानता लाने के उपायों के बारे में भी बताया जाना चाहिए. GST की दर को इनपुट टैक्स क्रेडिट लाभ के साथ 12 फीसदी पर रखा जाना पॉलिसीधारकों और कंपनियों दोनों के लिए फायदेमंद होगा.
Budget 2020: NSC में निवेश पर बढ़ सकता है टैक्स बेनिफिट, सेक्शन 80C में नए सेगमेंट की चर्चा
सेक्शन 80C की लिमिट बढ़ने की उम्मीद
इंडिया फर्स्ट लाइफ इंश्योरेंस के डिप्टी सीईओ ऋषभ गांधी के अनुसार, उम्मीद है कि आने वाला बजट उपभोक्ताओं पर केंद्रित होगा. इसके अनुरूप हमें उम्मीद है कि सेक्शन 80C के तहत कर-लाभ बढ़ेगा, जो कि वर्तमान में 1.5 लाख है. इसके अलावा सुरक्षा एवं दीर्घकालिक बचत पर काफी जोर देने के लिए पूरी तरह से जीवन बीमा के लिए विशिष्ट 80C सब-लिमिट अपेक्षित है.
सामान्य बीमाकर्ता लाभपूर्ण स्थिति में नहीं
ICICI लोम्बार्ड जीआईसी के चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर और चीफ रिस्क ऑफिसर गोपाल बालचंद्रन का कहना है कि अन्य वित्तीय सेवा कंपनियों की तुलना में सामान्य बीमाकर्ता अभी लाभपूर्ण स्थिति में नहीं हैं. जहां दूसरे एसेट क्लास को 1 फरवरी 2018 तक लॉन्ग टर्म कैपिटल एसेट्स पर अर्जित सभी लाभों पर छूट देकर फायदा पहुंचाया गया, वहीं इस लाभ को सामान्य बीमा कंपनियों के लिए स्पष्ट नहीं किया गया है. यह बीमाकर्ताओं के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे उन्हें साॅल्वेंसी मार्जिन्स बनाए रखने और आपदाओं के जोखिम कम करने में मदद मिलेगी. इससे बीमाकर्ता ग्राहकों को उनके बजट के अनुरूप उत्पाद एवं किफायती समाधान उपलब्ध करा सकेंगे.