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Image: Reuters
Union Budget 2021 in Hindi: केन्द्रीय बजट 2021 में करदाताओं की बड़ी उम्मीद आयकर स्लैब में बदलाव पूरी नहीं हो सकी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने डायरेक्ट टैक्स के मोर्चे पर कई एलान किए लेकिन आयकरदाताओं के लिए टैक्स स्लैब्स में कटौती नहीं की गई. इस वक्त देश में दो इनकम टैक्स स्लैब लागू हैं. इनमें से एक परंपरागत टैक्स स्लैब है, जबकि दूसरा वैकल्पिक टैक्स स्लैब है.
परंपरागत आयकर स्लैब
वैकल्पिक आयकर स्लैब्स
वैकल्पिक आयकर स्लैब्स की घोषणा बजट 2020 में की गई थी. हालांकि इसके साथ शर्त है कि वैकल्पिक टैक्स स्लैब अपनाने वाले आयकरदाता कई टैक्स डिडक्शंस और एग्जेंप्शन का फायदा नहीं ले पाएंगे.
कहां मिली राहत
- सस्ते मकान की खरीद के लिए होम लोन के ब्याज पर 1.5 लाख रुपये तक के अतिरिक्त टैक्स डिडक्शन को और एक साल बढ़ाने का प्रस्ताव किया गया है. यानी अब करदाता इस अतिरिक्त डिडक्शन का लाभ 31 मार्च 2022 तक ले सकेंगे.
- रियल एस्टेट इंफ्रास्ट्रक्चर ट्रस्ट्स/इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट्स में लाभांश के भुगतान को टीडीएस से छूट देने का प्रस्ताव
- 75 साल से ज्यादा उम्र के ऐसे बुजुर्ग (Senior) जो केवल पेंशन और जमा से होने वाली ब्याज आय पर निर्भर हैं, उन्हें इनकम टैक्स फाइलिंग से राहत
इन मामलों में लगा झटका
बजट 2021 में प्रस्ताव किया गया है कि विभिन्न पीएफ में कर्मचारी अंशदान पर होने वाली ब्याज आय के मामले में टैक्स छूट को 2.5 लाख रुपये सालाना अंशदान तक सीमित किए जाए. ऐसा होने पर उच्च आय वाले कर्मचारियों के लिए भविष्य निधि के जरिए बड़ा फंड खड़ा करना पूर्णत: टैक्स फ्री नहीं रहेगा. यह नया प्रस्ताव 1 अप्रैल 2021 को या उसके बाद होने वाले पीएफ अंशदानों पर लागू होगा. बजट में यह भी प्रस्ताव किया गया है कि साल में 50 लाख रुपये से ज्यादा की खरीद पर 0.1 फीसदी TDS लगाया जाए. हालांकि यह केवल उन लोगों तक सीमित रहेगा, जिनका टर्नओवर 10 करोड़ रुपये से ज्यादा है.
यह भी प्रस्ताव किया गया है कि एंप्लॉयर द्वारा कर्मचारियों का अंशदान वक्त पर उनके प्रोविडेंट फंड व अन्य वेलफेयर फंड में जमा न करने पर, देरी से जमा किए गए अंशदान पर एंप्लॉयर को डिडक्शन का लाभ नहीं मिलेगा. बजट में प्रत्यक्ष कर के मामले में हुए एलानों के बारे में डिटेल में जानने के लिए पढ़ें...