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बजट 2021 में होम लोन लेने वालों के लिए राहत का एलान
Budget 2021 (बजट 2021) Tax Saving Limit through Home Loan: बजट 2021 में होम लोन लेने वालों के लिए राहत का एलान हुआ. वित्त मंत्री ने घोषणा की कि सस्ते मकान की खरीद के लिए होम लोन के ब्याज पेमेंट पर 1.5 लाख रुपये तक के अतिरिक्त टैक्स डिडक्शन को और एक साल बढ़ाने का प्रस्ताव है. यानी अब करदाता इस अतिरिक्त डिडक्शन का लाभ 31 मार्च 2022 तक लिए गए होम लोन पर ले सकते हैं.
सरकार ने बजट 2019 में आयकर कानून में नया सेक्शन 80EEA जोड़कर होम लोन के ब्याज पेमेंट पर 1.5 लाख रुपये तक की अतिरिक्त कटौती के लिए प्रावधान किया था. तब कहा गया था कि इसका फायदा केवल वही लोग ले सकते हैं, जिन्होंने अप्रैल 2019 से मार्च 2020 के बीच लोन लिया हो. बजट 2020 में इस डेडलाइन को एक साल के लिए बढ़ाया गया. अब बजट 2021 में एक बार फिर इस राहत को और एक साल के लिए बढ़ा दिया गया है. मार्च 2022 तक होम लोन लेने वाले व्यक्तिगत करदाता यह फायदा ले सकेंगे. डिडक्शन लोन चुकाए जाने तक क्लेम किया जा सकेगा.
इस राहत को मिलाकर सैलरीड क्लास आयकरदाता वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान अकेले एक होम लोन के जरिए सालाना 10.50 लाख रुपये तक की आय को टैक्स फ्री बना सकते हैं. कैसे आइए बताते हैं…
50000 रु का स्टैंडर्ड डिडक्शन
हर सैलरीड क्लास करदाता के लिए 50 हजार रुपये के फ्लैट स्टैंडर्ड डिडक्शन का प्रावधान है. इसे करदाता की कुल आय में से घटा दिया जाता है. स्टैंडर्ड डिडक्शन को बजट 2018 में दोबारा लाया गया और बजट 2019 में इसकी लिमिट को 40000 से बढ़ाकर 50000 रुपये कर दिया गया.
होम लोन के मूलधन पर 1.5 लाख रु तक की छूट
लोन के मूलधन (Principal Amount) पर आयकर कानून 1961 के सेक्शन 80C के तहत टैक्स डिडक्शन का प्रावधान है. करदाता इस सेक्शन में मैक्सिमम 1.5 लाख रुपये सालाना तक का डिडक्शन क्लेम कर सकता है. लेकिन इसके लिए शर्त है कि जिस घर के लिए होम लोन लिया गया है और डिडक्शन क्लेम किया जा रहा है, उसे खरीदे जाने के 5 साल तक बेचा नहीं जा सकता. अगर मालिक ऐसा करता है तो घर की बिक्री वाले साल में सभी पुराने डिडक्शन उसकी आय में जोड़ दिए जाएंगे.
सेक्शन 24: होम लोन के 2 लाख रु तक के ब्याज पर छूट
आयकर कानून 1961 के सेक्शन 24 के तहत होम लोन के ब्याज पर टैक्स डिडक्शन का फायदा आवासीय संपत्ति से हेड ऑफ इनकम के अंतर्गत मिलता है. इस सेक्शन के अंतर्गत होम लोन के ब्याज पर मैक्सिमम 2 लाख रुपये तक का टैक्स डिडक्शन क्लेम किया जा सकता है.
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नया सेक्शन 80EEA
होम लोन के ब्याज पर 1.5 लाख रुपये तक के अतिरिक्त डिडक्शन का फायदा देने वाले सेक्शन 80EEA का लाभ लेने के लिए कुछ शर्तें हैं, जो इस तरह हैं…
- लोन दिए जाने वाली तारीख तक करदाता के नाम पर कोई आवासीय संपत्ति नहीं होनी चाहिए.
- खरीदे जाने वाले घर की स्टैंप ड्यूटी वैल्यू 45 लाख रुपये से ज्यादा नहीं होनी चाहिए.
- आवासीय संपत्ति का कारपेट एरिया दिल्ली NCR समेत अन्य मेट्रो शहरों में 645 वर्ग फुट और अन्य शहरों में 968 वर्ग फुट से ज्यादा नहीं होना चाहिए.
इस तरह सेक्शन 80EEA के तहत ब्याज पेमेंट पर 1.5 लाख रुपये तक के अतिरिक्त डिडक्शन और सेक्शन 24 के तहत मिलने वाले 2 लाख रुपये तक के डिडक्शन को मिलाकर होम लोन के ब्याज पेमेंट पर कुल 3.5 लाख रुपये तक का टैक्स डिडक्शन क्लेम किया जा सकता है.
होम लोन के जरिए इस पूरी टैक्स सेविंग को चार्ट से भी समझा जा सकता है-
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सेक्शन 80EE से एक लिमिटेड फायदा
अगर किसी व्यक्ति ने 1 अप्रैल 2016 से 31 मार्च 2017 के बीच होम लोन लिया है तो वह इसके ब्याज पेमेंट पर सेक्शन 80EE के अंतर्गत कुल आय से 50000 रुपये तक का अतिरिक्त डिडक्शन लोन चुकाए जाने तक हर साल क्लेम कर सकता है. यह फायदा सेक्शन 24 के अंतर्गत मिलने वाले 2 लाख रुपये तक के टैक्स डिडक्शन के अलावा है. याद रहे कि करदाता सेक्शन 80EE और 80EEA के तहत डिडक्शन एक साथ क्लेम नहीं कर सकता है. जो टैक्सपेयर्स 80EE के तहत डिडक्शन क्लेम कर रहे हैं, वो 80EEA के तहत क्लेम नहीं कर सकते हैं. 80EE के अतिरिक्त डिडक्शन के लिए भी कुछ शर्तें हैं..
- लोन पास होने की तारीख तक व्यक्ति के नाम पर कोई आवासीय संपत्ति न हो.
- लोन 1 अप्रैल 2016 से 31 मार्च 2017 के बीच लिया गया हो.
- खरीदे गए घर की कीमत 50 लाख रुपये से ज्यादा न हो.
- होम लोन 35 लाख रुपये से ज्यादा का न हो.
अगर सेक्शन 80EE का फायदा ले रहे हैं तो 9.50 लाख रुपये तक की आय टैक्स फ्री की जा सकती है. ऐसे में टैक्स सेविंग का चार्ट कुछ इस तरह होगा-
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Union Budget 2021: डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा, 1500 करोड़ की स्कीम का प्रस्ताव
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