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UPI Payment New Rules: सोमवार से बदल जाएंगे यूपीआई पेमेंट से जुड़े नियम, इन मामलों में यूजर्स को होंगे फायदे

New UPI Limits: अगले हफ्ते से UPI के जरिए हाई वैल्यू वाले पेेमेंट और करना होने वाला है. NCPI ने कुछ खास कैटेगरी के UPI ट्रांजैक्शन लिमिट बढ़ाकर 10 लाख रुपये कर दी है. सोमवार 15 सितंबर से बढ़ी हुई लिमिट का लाभ यूजर उठा सकेंगे.

New UPI Limits: अगले हफ्ते से UPI के जरिए हाई वैल्यू वाले पेेमेंट और करना होने वाला है. NCPI ने कुछ खास कैटेगरी के UPI ट्रांजैक्शन लिमिट बढ़ाकर 10 लाख रुपये कर दी है. सोमवार 15 सितंबर से बढ़ी हुई लिमिट का लाभ यूजर उठा सकेंगे.

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FE Hindi Desk
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UPI P2M Limit Extended

अगले हफ्ते से यूपीआई पेमेंट से जुड़े कई नियम बदल रहे हैं. अगर आप भी रोजमर्रा की जरूरतों के लिए यूज करते हैं तो पूरी डिटे चेक करें. (Image: X/@NPCI_BHIM)

UPI Payment Limit Changed From September 15: यूपीआई पेमेंट से जुड़े नियम सोमवार से बदलने वाले हैं. रोजमर्रा के खर्चों को पूरा करने के लिए अगर आप भी डिजिटल पेमेंट के सहारे रहते हैं तो इन बदलावों के बारे में समझ लें ताकि आने वाले दिनों किसी भी असुविधा से बच सकें. हाल में एक्स (X) पर किए पोस्ट में एनसीपीआई (NCPI) ने बताया है कि सोमवार 15 सितंबर 2025 से UPI पेमेंट लिमिट अपग्रेड हो रहा है. जिससे UPI के जरिए हाई वैल्यू वाले पेमेंट करना और भी आसान हो जाएगा.

पोस्ट में बताया गया है कि 15 सितंबर से यूजर्स UPI के जरिए बीमा प्रीमियम, कैपिटल मार्केट जैसे कैटेगरीज के पेमेंट 24 घंटे में 10 लाख रुपये तक का भुगतान कर सकेंगे. UPI की बढ़ी हुई पेमेंट लिमिट का इस्तेमाल यूजर्स अगले हफ्ते से कर सकेंगे.

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आइए अब आसान भाषा में समझते हैं कि बढ़ी हुई UPI पेमेंट लिमिट किन कैटेगरी के पेमेंट पर अगले हफ्ते से लागू हो रहा है और इससे यूजर्स को कैसे बेनिफिट होने वाला है.

किन कैटेगरी के पेमेंट पर कितनी बढ़ी लिमिट

ध्यान देने वाली बात है कि डिजिटल पेमेंट सिस्टम UPI में P2M पेमेंट के लिए लिमिट बढ़ाई है. पर्सन-टू-मर्चेंट (P2M) कैटेगरी वाले पेमेंट से मतलब है जब एक यूजर UPI के जरिए इंश्योरेंस प्रीमियम भर रहा हो, लोन की मंथली ईएमआई पे करे या फिर मार्केट में इन्वेस्ट कर रहा हो. ऐसे मामलों में उसके लिए हायर वैल्यू वाले ट्रांजैक्शन सोमवार से आसान हो जाएंगे. NPCI का दावा है कि नए नियमों से इंश्योरेंस प्रीमियम, लोन ईएमआई या मार्केट निवेश जैसे पेमेंट करना आसान होगा. इन बदलावों से बड़े डिजिटल लेन-देन सुगम होंगे और कैशलेस ट्रांजैक्शन को और बढ़ावा मिलेगा.

कैटेगरीप्रति ट्रांजैक्शन लिमिट24 घंटे की कुल लिमिट
कैपिटल मार्केट्स में निवेश5 लाख रुपये10 लाख रुपये
इंश्योरेंस प्रीमियम पेमेंट5 लाख रुपये10 लाख रुपये
गवर्नमेंट ई-मार्केट प्लेस (GeM)5 लाख रुपये10 लाख रुपये
ट्रैवल5 लाख रुपये10 लाख रुपये
क्रेडिट कार्ड पेमेंट्स5 लाख रुपये6 लाख रुपये
ज्वैलरी की खरीदारी5 लाख रुपये6 लाख रुपये
बिजनेस/मर्चेंट पेमेंट्स5 लाख रुपयेकोई सीमा नहीं
कलेक्शन्स5 लाख रुपये10 लाख रुपये
FX रिटेल (BBPS के जरिए)5 लाख रुपये5 लाख रुपये
डिजिटल अकाउंट ओपनिंग5 लाख रुपये5 लाख रुपये
डिजिटल अकाउंट ओपनिंग – शुरुआती फंडिंग2 लाख रुपये2 लाख रुपये

कैपिटल मार्केट में और इंश्योरेंस प्रीमियम

सोमवार 15 सितंबर से यूजर 2 लाख की जगह 5 लाख रुपये प्रति ट्रांजैक्शन और 24 घंटे में मैक्सिमम 10 लाख तक की ट्रांजैक्शन कर सकेंगे.

सरकारी ई-मार्केटप्लेस और टैक्स पेमेंट:इसकी लिमिट भी 1 लाख से बढ़कर 5 लाख रुपये प्रति ट्रांजैक्शन कर दी गई है, जो आगामी 15 सितंबर 2025 से लागू हो रही है.

ट्रैवल सेक्टर:अब 1 लाख की बजाय 5 लाख रुपये प्रति ट्रांजैक्शन, डेली कैप 10 लाख तक UPI यूजर के लिए हो जाएगा.

इसी तरह

क्रेडिट कार्ड बिल पेमेंट:एक बार में 5 लाख, डेली कैप 6 लाख.

ज्वेलरी खरीदारी:1 लाख से बढ़कर 2 लाख प्रति ट्रांजैक्शन, डेली कैप 6 लाख.

बिजनेस और मर्चेंट्स पेमेंट : एक बार में ट्रांजैक्शन 5 लाख रुपये तक और अधिकतम को कोई लिमिट नहीं है

कलेक्शन: एक बार में अधिकतम 5 लाख रुपये तक और 24 घंटे में 10 लाख रुपये तक कलेक्ट कर सकेंगे.

फॉरेन एक्सचेंज रिटेल पेमेंट (BBPS):एक बार में अधिकतम 5 लाख रुपये तक ट्रांजैक्शन, 24 घंटे में भी 5 लाख रुपये तक.

डिजिटल अकाउंट ओपनिंग यानी बैंकिंग सर्विसेज: एक बार में अधिकतम 5 लाख रुपये तक ट्रांजैक्शन, 24 घंटे में भी 5 लाख रुपये तक.

डिजिटल अकाउंट ओपनिंग – शुरुआती फंडिंग - 2 लाख ही बनी रहेगी.

सोमवार से हो रहे बदलाव सिर्फ P2M ट्रांजैक्शन पर लागू होंगे. पर्सन-टू-पर्सन (P2P) ट्रांजैक्शन यानी दोस्तों या परिवार को पैसे भेजने की लिमिट अभी भी 1 लाख प्रति दिन ही रहेगी. इसके अलावा डिजिटल अकाउंट ओपनिंग के लिए शुरुआती फंडिंग की लिमिट 2 लाख ही बनी रहेगी.

NPCI का कहना है कि यूपीआई लगातार लोगों की पहली पसंद बन चुका है. रोजमर्रा के छोटे पेमेंट्स से लेकर बड़े निवेश और बिल पेमेंट्स तक, हर जगह यूपीआई इस्तेमाल किया जा रहा है. ऐसे में बाजार की मांग को देखते हुए बड़ी लिमिट तय की गई है, ताकि हाई-वैल्यू ट्रांजैक्शन्स भी बिना दिक्कत पूरे किए जा सकें.

UPI Transaction NPCI Upi